IPL 2020: लगातार 7वीं हार के बाद CSK के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बोले-हमें परिणाम नहीं बल्कि...

धोनी ने पहले 9 ओवरों में ही दीपक चाहर (18/2) और जोश हेजलवुड (19/1) का कोटा पूरा करवा दिया था

By India.com Staff Last Published on - October 20, 2020 10:07 AM IST

आईपीएल 2020 (IPL 2020) के 37वें मैच में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) ने चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) को 7 विकेट से हरा दिया.  चेन्नई की मौजूदा सीजन में ये लगातार सातवीं हार है.  चेन्नई टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 5  विकेट पर 125 रन ही बना पाई.  उसके 10 मैचों में केवल 6 अंक हैं और उस पर आईपीएल में पहली बार प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाने का खतरा मंडरा रहा है.

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हार के बाद चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahender Singh Dhoni) ने कहा कि उनकी टीम को परिणाम नहीं बल्कि प्रक्रिया पर गौर करने की जरूरत है और इसके लिए उसे आगे के मैचों में ठोस कदम उठाने होंगे.

धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘परिणाम हमेशा आपके अनुकूल नहीं होता है.  हमें देखना होगा कि क्या प्रक्रिया गलत थी.  परिणाम इस प्रक्रिया का नतीजा होता है.  यही सच्चाई है कि अगर आप प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित रखते हो तो परिणाम को लेकर बेवजह का दबाव टीम पर नहीं पड़ता है.  हम इससे निबटने का प्रयास कर रहे हैं.’

…तब धोनी ने चाहर और हेजलवुड का कोटा पूरा करवा दिया था 

धोनी ने पहले 9 ओवरों में ही दीपक चाहर (18 रन देकर दो) और जोश हेजलवुड (19 रन देकर एक) का कोटा पूरा करवा दिया था. उन्होंने कहा कि पहली पारी की तरह स्पिनरों को दूसरी पारी में अधिक मदद नहीं मिल रही थी.

धोनी ने कहा, ‘तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही थी.  इसलिए मैंने यह देखने के लिए कि गेंद कितना रुककर बल्ले पर आ रही बीच में एक ओवर (रवींद्र) जडेजा को दिया.  यह पहली पारी की तरह नहीं था इसलिए मैंने तेज गेंदबाजों से अधिक ओवर करवाए.  मुझे नहीं लगता कि स्पिनरों को बहुत मदद मिल रही थी.’

‘आप बहुत अधिक बदलाव नहीं चाहते’

धोनी ने लगातार हार के बावजूद टीम में बहुत अधिक बदलाव नहीं करने के बारे में कहा, ‘आप बहुत अधिक बदलाव नहीं चाहते क्योंकि तीन-चार-पांच मैचों में आप किसी चीज को लेकर सुनिश्चित नहीं होते है.  मैं टीम में असुरक्षा का भाव नहीं चाहता हूं. ‘

युवाओं को कम मौके देने के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि हमने इस बार (युवाओं को) उतने मौके नहीं दिए.  ऐसा भी हो सकता है कि हमें अपने युवाओं में जुनून न दिखाई दिया हो.  हम आगे उन्हें मौका दे सकते हैं और वे बिना किसी दबाव के खेल सकते हैं.’