जस्टिन लैंगर के इस्तीफा देने के बाद भावुक हुए हेडन; कहा- किसी से भी उसका साथ नहीं दिया

पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने टेस्ट कप्तान पैट कमिंस के साथ-साथ बाकी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भी फटकारा।

By India.com Staff Last Published on - February 6, 2022 12:24 AM IST

जस्टिन लैंगर (Justin Langer) के ऑस्ट्रेलिया टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन (Matthew Hayden) ने टेस्ट कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) के साथ-साथ बाकी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भी फटकारा। टेस्ट करियर के दौरान लैंगर के सलामी जोड़ीदार रहे हेडन ने कहा कि “किसी ने भी” लैंगर का समर्थन नहीं किया।

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लैंगर के मार्गदर्शन में ऑस्ट्रेलिया ने टी20 विश्व कप और फिर एशेज सीरीज 4-0 से जीती। हालांकि महीनों तक अपनी कोचिंग शैली के बारे में खिलाड़ियों की शिकायतों का सामना करने के बाद लैंगर ने कोच पद छोड़ दिया।

हेडन ने शनिवार को एबीसी रेडियो को फॉक्स स्पोर्ट्स ऑस्ट्रेलिया के हवाले से बताया, “ये बिल्कुल स्पष्ट था कि किसी ने उनका समर्थन नहीं किया। अगर आप उस दिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को बोलते हुए सुनते तो उन्होंने किसी तरह की प्रशंसा या समर्थन का उल्लेख नहीं था।

उन्होंने कहा, “ये बेहद हानिकारक होता। आप कैसे जानते हैं कि वो जा रहा होगा? सनराइस पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के मुंह से उसके लिए कोई समर्थन और प्रशंसा नहीं सुनी तो आपको कैसा महसूस होगा?”

हेडन ने भी कमिंस से उस बयान पर भी बात की जिसमें कप्तान ने जोर देकर कहा कि लैंगर की भूमिका की समीक्षा करना अच्छे प्रदर्शन की समीक्षा के लिए उचित था।

हेडन ने कहा, “और अब हम पैट कमिंस को ये कहते हुए सुनते हैं, ‘ये एक उच्च प्रदर्शन वाला वातावरण है, हम सभी उच्च प्रदर्शन की समीक्षा से गुजरते हैं’। मुझे माफ करिए पैट लेकिन ये बकवास है …।”

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि लैंगर ने टीम के लिए एशेज जीती थी और मेलबर्न में “एक महीने तक खींचे जाने” के बावजूद “रुके रहे”। हेडन ने कहा कि ये पूरा मामला किसी का करवाया हुआ लगता है।

उन्होंने कहा, “वो एक शख्स था जिसने एशेज जीता था, मूल रूप से पूरे समय मेलबर्न में रहा, जबकि ये एक महीने तक चला। पूरी बात सुनियोजित लगती है, ये सारी बकवास पिछले साल के बीच में शुरू हुई थी।”

हेडन ने आगे कहा, “आप देख सकते थे कि सब दीवार पर लिखा हुआ था। अगर जस्टिन लैंगर के अपने कॉन्ट्रेक्ट के आखिर में अपना पद बरकरार रखने पर शर्त लगती तो मैं अपनी पूरी जिंदगी की बचत उसके ना बरकरार ररहने पर लगाता।”