भारत के युवा बल्लेबाजों को प्रज्ञान ओझा ने दी जरूरी सलाह, बताया वर्ल्ड कप में क्या है बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि भारत के पास 2011 में ऐसे खिलाड़ी थे जो जानते थे कि अपनी पारी को कैसे गति देनी है और उनकी भूमिका क्या है,
पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा का मानना है कि घरेलू सरजमीं पर खेले जाने वाले एकदिवसीय विश्व कप से पहले भारतीय टीम के युवा बल्लेबाजों को अपनी पारी को गति देना सीखना चाहिए. वेस्टइंडीज दौरे पर पहले वनडे में 114 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए भारत ने पांच विकेट गंवा दिये थे, नियमित कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम को दूसरे एकदिवसीय में हार का सामना करना पड़ा.
युवा बल्लेबाजों को समझनी होगी अपनी भूमिका
ओझा ने जियो सिनेमा द्वारा आयोजित बातचीत में कहा कि कुछ चीजों पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है, टीम में जो बल्लेबाज नए हैं उन्हें पता होना चाहिए कि अपनी पारी को कैसे गति देनी है, यह अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि भारत के पास 2011 में ऐसे खिलाड़ी थे जो जानते थे कि अपनी पारी को कैसे गति देनी है और उनकी भूमिका क्या है, लेकिन इतनी सारी चोटों और बदलावों के कारण, यह एक अलग चुनौती है जिसका भारतीय टीम अभी सामना कर रही है.
भारत के सामने अलग-अलग तरह की चुनौतियां
भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और छह टी20 मैच खेलने वाले ओझा ने कहा कि श्रेयस अय्यर और केएल राहुल जैसे कुछ प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपलब्धता विश्व कप के लिए टीम की तैयारी में बाधा डाल सकती है. उन्होंने कहा कि जब आप 2011 के बारे में बात करते हैं, तो उस टीम के अधिकांश खिलाड़ियों ने 70-80 से ज्यादा मैच खेले थे, हर बार सभी अनुभवी खिलाड़ियों को उपलब्ध रखना आसान नहीं होगा. यही कारण है कि भारत अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है.
कुलदीप यादव को पता है, उन्हें क्या करना है
भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा का मानना है कि अपनी भूमिका और योजना पर कुलदीप की स्पष्टता उन्हें वनडे में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद कर रही है. ओझा ने कहा, कि उनके मन में जो स्पष्टता है वह उनके लिए काम कर रही है, जब वह टीम में वापस आये तो मैं उस पर नजर रख रहा था और मैंने देखा कि उन्हें यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें क्या करने की जरूरत है.
इनपुट- पीटीआई भाषा