वनडे-टी20 टीम में जगह बनाने के लिए युजवेंद्र चहल को चुनौती देंगे रवि बिश्नोई: दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक ने कहा कि कोविड के कारण घरेलू क्रिकेट का आयोजन ना होने टीम इंडिया को नए खिलाड़ी नहीं मिल पा रहे हैं।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी सीमित ओवर फॉर्मेट सीरीज के दौरान युवा रिस्ट स्पिनर रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi) भारतीय प्लेइंग इलेवन में जगह के लिए युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को कड़ी चुनौती देंगे।
क्रिकबज के साथ बातचीत में कार्तिक ने कहा कि चहल भाग्यशाली रहे हैं क्योंकि भारतीय टीम में रिस्ट-स्पिन के ज्यादा विकल्प नहीं थे। उन्हें लगता है कि चहल के अलावा, भारत के पास वर्तमान में राहुल चाहर और बिश्नोई के रूप में दो और लेग-स्पिन विकल्प हैं। चाहर ने पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद वापसी नहीं की है, बिश्नोई को वेस्टइंडीज सीरीज के लिए चुना गया है जो 6 फरवरी शुरू होगी।
उन्होंने कहा, “इस समय अगर चहल के अलावा आपको रिस्ट-स्पिनर चुनने का मौका मिलता है, तो राहुल चाहर और रवि बिश्नोई हैं। और जिस तरह से चीजें सामने आई हैं, मुझे लगता है कि इस समय बिश्नोई आगे हैं। लेकिन हमें देखना होगा कि चहल कितनी खराब गेंदबाजी करते हैं. उनके आंकड़े कहते हैं कि उनके ये साल सबसे अच्छा नहीं रहा है। लेकिन कई मायनों में वो भाग्यशाली रहा है क्योंकि टीम में जगह दिलाने के लिए कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं दे रहा है।”
कार्तिक को लगता है कि पिछले दो सालों में घरेलू क्रिकेट की कमी लेग स्पिनरों की कमी के पीछे का सबसे बड़ा कारण रही है। जिसने चयनकर्ताओं के पा, खिलाड़ियों को जज करने के लिए केवल आईपीएल प्रदर्शन है।
उन्होंने कहा, “तो आपको ये समझना होगा कि ये चीजें घरेलू क्रिकेट की कमी के कारण होती हैं। हम केवल आईपीएल को देख रहे हैं। नए गेंदबाजों के संदर्भ में देखने के लिए और कुछ नहीं है, तेज गेंदबाज बहुत हैं, लेकिन जब रिस्ट स्पिनर की बात आती है तो शायद ही कोई है।”
कार्तिक ने कहा, “और ये घरेलू क्रिकेट की कमी के कारण एक मुद्दा बना रहेगा, क्योंकि आपको बहुत सारे विकेट लेने वाले लोगों की जरूरत है, खासकर रिस्ट स्पिनरों की, और उन्होंने लंबा फॉर्मेट नहीं खेला है। वो विजय हजारे के केवल 4-5 मैच खेलते हैं और आपको चुनने के लिए एक नमूने के रूप में बस इतना ही मिलता है।”
उन्होंने आगे कहा, “यही कारण है कि पिछले दो सालों में आपने किसी को रैंक से बाहर आते नहीं देखा है। और इसका मुख्य कारण बेशक कोविड है जिसने कई घरेलू क्रिकेटरों के लिए तबाही मचा रखी है। जबकि बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ब्रेक चाहते हैं, घरेलू क्रिकेटर अभी एक खेल चाहते हैं।”