रवि शास्त्री की 30 मिनट वाली सलाह ने कैसे बदली सचिन तेंदुलकर की जिंदगी, किया खुलासा
सचिन ने स्काई स्पोटर्स पर ‘सचिन मीट्स नासिर’ एपिसोड में खुलकर की बात
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का आगाज वर्ल्ड के खूंखार गेंदबाजों में शामिल पाकिस्तान के वसीम अकरम और वकार यूनिस का सामना करते हुए किया था. इस दिग्गज क्रिकेटर ने कहा कि पहला टेस्ट उनके लिए स्कूल मैच की तरह रहा था लेकिन उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री की एक सुझाव ने उनके लिए सबकुछ बदल दिया और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सचिन ने स्काई स्पोटर्स पर ‘सचिन मीट्स नासिर’ एपिसोड में कहा, ‘मैं अनभिज्ञ था और मुझे यह मानना पड़ेगा. मैंने पहला टेस्ट मैच ऐसे खेला, जैसे कि मानो मैं स्कूल मैच खेल रहा था. ‘
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उन्होंने कहा, ‘वसीम और वकार बहुत तेजी से गेंदबाजी कर रहे थे और वे छोटी गेंदों से डरा रहे थे. मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं महसूस किया था, इसलिए पहला मैच सुखद नहीं था. उनकी गति और बाउंस से मैं मात खा गया और आखिरकार मैं 15 रन पर आउट हो गया. ऐसा लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी मैच था. मैं बहुत उदास था. ‘
सचिन को हैरान और परेशान देख टीम के खिलाड़ियों में से शास्त्री ने उनसे बात की.
सचिन ने कहा, ‘टीम साथियों को यह अहसास हुआ. मुझे अब भी शास्त्री के साथ हुई बातचीत याद है. उन्होंने मुझसे कहा,’आपने ऐसा खेला जैसे कि यह एक स्कूल मैच हो. आपको याद रखना होगा कि आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हों. आपको उनकी क्षमता और उनके कौशल का सम्मान करने की जरूरत है.’
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पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘तब मैंने रवि से कहा कि मैं उनसे (पाकिस्तानी गेंदबाजों की गति) से मात खा जाता हूं. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा होता है और आपको घराबने की जरूरत नहीं है. आपको बस आधे घंटे क्रीज पर बिताने की जरूरत है और तब आप उनकी गति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे और सबकुछ सही हो जाएगा. ‘
शास्त्री की इस सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए अगले मैच में 59 रनों की पारी खेली थी. तेंदुलकर शुक्रवार को 47 वर्ष के हो गए.