18 साल पहले आज के दिन ही सचिन ने बनाया था खास रिकॉर्ड, अब तक नहीं तोड़ पाया कोई बल्लेबाज

मास्टर ब्लास्टर ने अपने 24 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में 6 वनडे विश्व कप खेले. वह 1992, 1996, 1999, 2003, 2007 और 2011 वनडे विश्व कप का हिस्सा थे

By Akhilesh Tripathi Last Updated on - June 29, 2025 1:05 PM IST

क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर को भगवान का दर्जा प्राप्त है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज, जब तक क्रिकेट खेले रिकॉर्ड बनाते गए, क्रिकेट के इतिहास में ऐसी कई तारीखें हैं, जो सिर्फ सचिन के किसी रिकॉर्ड की वजह से स्वर्ण अक्षरों में लिखी जा चुकी है. 29 जून ऐसी ही एक तारीख है.

सचिन तेंदुलकर ने 29 जून 2007 को एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की थी. बेलफास्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने अपने वनडे करियर में 15,000 रन पूरे किए थे। आज तक वनडे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के अलावा कोई भी दूसरा बल्लेबाज 15,000 रन नहीं बना सका, सचिन ने इस मैच में 93 रन की पारी खेल भारतीय टीम को जीत दिलाई थी, यह सचिन का 387वां वां वनडे मैच था.

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सचिन के नाम है वनडे में सबसे ज्यादा रन

तेंदुलकर के वनडे करियर पर नजर डालें तो 1989 से 2012 के बीच 463 वनडे में 44.83 की औसत से 49 शतक और 96 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 18426 रन बनाए हैं, उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 200 रहा है, सचिन के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड है, जो शायद ही भविष्य में टूटे. व

इसके अलावा, सचिन ने 200 टेस्ट में 51 शतक और 68 अर्धशतक लगाते हुए 15,921 रन बनाए हैं, उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 248 है, एकमात्र टी टी20 में उनके नाम 10 रन हैं. सचिन एक सफल स्पिनर भी रहे हैं. नडे में उनके नाम 154, टेस्ट में 46 और टी टी20 में 1 विकेट दर्ज हैं.

मास्टर ब्लास्टर ने अपने 24 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में 6 वनडे विश्व कप खेले. वह 1992, 1996, 1999, 2003, 2007 और 2011 वनडे विश्व कप का हिस्सा थे, 2003 में भारतीय टीम विश्व कप जीतने से चूक गई थी। फाइनल में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था, उस विश्व कप में सचिन ने सर्वाधिक 673 रन बनाए थे और गोल्डन बैट का खिताब जीता था. 2011 में उनका विश्व कप जीतने का सपना पूरा हुआ था। भारतीय टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर अपना दूसरा वनडे विश्व कप जीता था।

करोड़ों फैंस के ‘क्रिकेट के भगवान’ ने 16 नवंबर 2013 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था.