बांग्लादेश के स्टार खिलाड़ी शाकिब अल हसन की बढ़ी टेंशन, गेंदबाजी एक्शन की होगी जांच

शाकिब ने मैच में 63 ओवर से अधिक की गेंदबाज़ी की थी लेकिन एक बार भी उनकी गेंदबाज़ी के दौरान थ्रो करने का हवाला देकर किसी गेंद को नो बॉल करार नहीं दिया गया था.

By Akhilesh Tripathi Last Updated on - November 5, 2024 1:52 PM IST

लंदन. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) से अपने गेंदबाज़ी एक्शन की जांच करवाने के लिए कहा है. काउंटी चैंपियनशिप में सरे के लिए खेलने के दौरान अंपायर्स द्वारा शाकिब के गेंदबाज़ी एक्शन को लेकर दी गई रिपोर्ट के बाद ईसीबी ने शाकिब से ऐसा करने के लिए कहा है.

सितंबर में टॉन्टन में समरसेट के ख़िलाफ़ ख़िताबी मुक़ाबले में 37 वर्षीय शाकिब ने नौ विकेट चटकाए थे, 2010-11 के बाद शाकिब पहली बार काउंटी चैंपियनशिप में खेल रहे थेस इंग्लैंड के आठ खिलाड़ियों के राष्ट्रीय ड्यूटी पर होने के चलते, विल जैक्स और डैन लॉरेंस जैसे दो प्रमुख स्पिनरों की अनुपस्थिति में शाकिब ने सरे के साथ कम समय का करार किया था.

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ऑनफील्ड अंपायर्स ने गेंदबाजी एक्शन को संदिग्ध पाया

शाकिब हालांकि समरसेट को 111 रनों से जीत हासिल करने से नहीं रोक सके और सरे लगातार अपना तीसरा चैंपियनशिप ख़िताब जीतने में सफल नहीं हो पाया. उस मैच में शाकिब ने 63 ओवर से अधिक की गेंदबाज़ी की थी लेकिन एक बार भी उनकी गेंदबाज़ी के दौरान थ्रो करने का हवाला देकर किसी गेंद को नो बॉल करार नहीं दिया गया था, अब यह बात निकलकर सामने आई है कि ऑनफील्ड अंपायर्स ने उनके गेंदबाज़ी एक्शन को संदिग्ध पाया था.

उन्हें खेलने से रोका नहीं गया है लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफो को पता चला है कि एक अनुमोदित स्थान पर शाकिब के एक्शन की जांच कराने के लिए बातचीत चल रही है, ऐसी संभावना है कि यह अगले कुछ सप्ताह में हो जाएगा.

पहली बार जांच के दायरे में गेंदबाजी एक्शन

शाकिब के दो दशक लंबे करियर में यह पहली बार है जब उनका गेंदबाज़ी एक्शन किसी तरह की जांच का विषय बना है। इस दौरान शाकिब ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 447 मैचों 712 विकेट लिए हैं, जिसमें 71 टेस्ट में 246 विकेट शामिल हैं. शाकिब का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट इस समय अधर में लटका हुआ है। सुरक्षा कारणों के चलते उन्होंने पिछले महीने साउथ अफ़्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम से अपना नाम वापस ले लिया था, वह अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार में सांसद भी रह चुके हैं, जो जुलाई में छात्र आंदोलन के कारण गिर गई थी.

इनपुट- आईएएनएस