गुलाबी गेंद के समर्थन में आए सुनील गावस्कर
सफेद गेंद से गेंदबाजों को कुछ भी मदद नहीं मिल रही है। मैं असल में इसे ‘कुछ भी नहीं करने वाली गेंद’ कहूंगा

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब एकदिवसीय क्रिकेट में भी गुलाबी गेंद का उपयोग शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि सफेद गेंद से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही है। वनडे में अब अक्सर बड़े स्कोर बनते है और यहां तक कि 300 का स्कोर भी मैच जीतने के लिये पर्याप्त नहीं रहा है। भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में पहले वनडे में तीन विकेट पर 309 रन बनाए, लेकिन फिर भी टीम हार गई। गावस्कर ने कहा, ‘सफेद गेंद से गेंदबाजों को कुछ भी मदद नहीं मिल रही है। मैं असल में इसे ‘कुछ भी नहीं करने वाली गेंद’ कहूंगा।’ ये भी पढ़ें: तीसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 267 के स्कोर पर गवांए अपने 7 विकेट
इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि शुरुआती डे-नाइट टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद का प्रयोग किया गया और अब वनडे भी इसे आजमाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘गुलाबी गेंद की सफलता के बाद इसका सीमित ओवरों की क्रिकेट में उपयोग किया जा सकता है ताकि बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना रहे।’ ये भी पढ़ें: India vs Australia live score: भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दिया 309 रनों का लक्ष्य
पूर्व भारतीय क्रिकेटर गावस्कर ने कहा कि सफ़ेद गेंद से केवल बल्लेबाजों को फायदा मिल रहा है जिसके कारण बल्ले और गेंद का मुकाबला एक समान नही रहा। जल्दी ही गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल क्रिकेट में होना चाहिए।
गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट मैच खेले जिसमें इन्होंने 10122 रन बनाए है इन्होंने अपना टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वाधिक 236 रन नाबाद बनाए। दाएं हाथ के बल्लेबाज व ऑफ ब्रेक गेंदबाज ने एकदिवसीय क्रिकेट में 108 मैच खेले जिसमें 3092 रन बनाए व इनका 103 रन सर्वाधिक रहा।