रोहित और पुजारा में से वीवीएस लक्ष्मण ने किया चुनाव
वीवीएस लक्ष्मण ने केएल राहुल की जमकर तारीफ की और कहा, “केएल राहुल ने जिस तरीके से पिछले सालों में अपना औहदा बढ़ाया है वह अविश्वसनीय है।”

पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं साथ ही उन्होंने पुजारा को अंतिम एकादश के लिए रोहित शर्मा के ऊपर चुना। रोहित अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज के बाद से टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर सके हैं और वह टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय से अच्छी फॉर्म में नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर पुजारा ने हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज में जबरदस्ती बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया था। ऐसे में उनके न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रीन पार्क, कानपुर में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच में खेलने के ज्यादा मौके हैं। वीवीएस लक्ष्मण मानते हैं कि रोहित के पास प्रतिभा और क्षमता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनके पास सही गेम प्लान की कमी है जो उन्हें सफल बनाएगी। लक्ष्मण ने कहा, “रोहित को टेस्ट में अपना गेमप्लान सही करना होगा। आप देख सकते हैं कि वनडे और टी20 में उनका अच्छा प्रदर्शन उनके दृढ़निश्चय से जुड़ा हुआ होता है जिसे वह हर मैच में अपने पास रखते हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उस विश्वास की उनमें कमी है।” टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक लक्ष्मण ने कहा कि अगर मुझे चुनाव करने को कहा जाए तो मैं पुजारा को चुनुंगा। उन्होंने दिलीप ट्रॉफी में 3 पारियों में 453 रन बनाए हैं जो 226.5 के औसत से हैं। जिसकी वजह से उनका चुनाव अंतिम एकादश में लगभग तय है। वह नंबर तीन के लिए सही उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा, “केएल राहुल ने जिस तरीके से पिछले सालों में अपना औहदा बढ़ाया है वह अविश्वसनीय है। उनकी पूरी शारीरिक भाषा बदल गई है। मुझे लगता है इसका विराट कोहली से बहुत कुछ लेना देना है। क्योंकि जबसे राहुल ने आईपीएल में आरसीबी की ओर से खेलना शुरू किया है तबसे विराट कोहली की सकारात्मकता उनमें भी नजर आने लगी है। मुझे लगता है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ 8 पारियों में 186 रन बनाने वाले शिखर धवन से वह जल्द ही आगे निकल जाएंगे। वह इतने बढ़िया फॉर्म में हैं तो ये जरूरी है कि उन्हें सभी प्रारूपों के लिए टीम में सम्मिलित किया जाए।”
लक्ष्मण ने हाल ही में टर्निंग बॉल के साथ भारतीय टीम की परेशानी के बारे में बात करते हुए कहा, “जब हम बड़े हो रहे थे। हर घरेलू टीम के पास दो या तीन क्वालिटी स्पिनर्स होते थे। दुर्भाग्य से, देश में आजकल वैसे स्पिनर्स पैदान नहीं हो रहे हैं। ऐसे में क्वालिटी स्पिन के खिलाफ प्रेक्टिश करने के मौके कम हैं। इसका टी20 क्रिकेट से ज्यादा लेना देना है। बल्लों के बड़े होने और पावरफुल स्ट्राइकर होने का मतलब है कि जो गेंदबाज छक्के नहीं खाना चाहता वो रक्षात्मक बन जाता है।”
उन्होंने कहा, “ये जरूरी है कि जूनियर लेवल से ही स्पिनरों को मांजा जाए। ताकि वे विकेट लेने पर ध्यान दें न कि बल्लेबाज की गलती ढूंढने का इंतजार करें। दुनिया भर के सफलतम स्पिनरों के बीच एक आम बात ये है कि उनका रवैया अलग होता है न कि तकनीकी।”