मेरे पिता के जीवन का यह सबसे बड़ा पल था और सिद्धू ने...वसीम अकरम ने शेयर की पुरानी यादें
वसीम अकरम ने कहा, मेरे पिता के जीवन का यह सबसे बड़ा पल था कि वह अपने घर गए और नवजोत सिंह सिद्धू ने शानदार पूरा अरैंजमेंट किया.
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वसीम अकरम और नवजोत सिंह सिद्धू की दोस्ती काफी पुरानी है. दोनों दिग्गज क्रिकेट के मैदान के बाहर भी काफी अच्छे दोस्त रहे हैं. वसीम अकरम ने इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर एक पुराना किस्सा शेयर किया है, जब सिद्धू ने उनके पिता के भारत दौरे के दौरान मदद की थी.
स्पोर्ट्स कीड़ा से बातचीत में वसीम अकरम ने कहा, मेरे पिता अमृतसर से थे, साल 2006 की बात है, नवजोत सिंह सिद्धू उस समय अमृतसर से एमएलए थे, उन्होंने मेरे पिता को भारत ले जाने का पूरा इंतजाम किया, दिल्ली से शताब्दी ट्रेन से हम अमृतसर पहुंचे, वहां से उनका गांव 14 किलोमीटर दूर चामिंडा देवी में था, वहां मैं उनके गांव लेकर गया, वहां उनका घर दिखाया,
‘मेरे पिता के जीवन का यह सबसे बड़ा पल था, सिद्धू ने मदद की’
अकरम ने कहा कि सिद्धू ने शानदार आयोजन किया था वहां पूरे गांव में छुट्टी थी, मैं डैड को अपने घर ले गया. अभी मेरे फोन में वह तस्वीरें हैं, जिसे देखकर मैं इमोशनल हो जाता हूं, क्यों कि अब वह नहीं है. उन्हें बड़ा मिस करता हूं. मेरे पिता के जीवन का यह सबसे बड़ा पल था कि वह अपने घर गए और नवजोत सिंह सिद्धू ने शानदार पूरा अरैंजमेंट किया.
अकरम ने बतौर कमेंटेटर सिद्धू की जमकर तारीफ की
वसीम अकरम ने बतौर कमेंटेटर सिद्धू की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार सिद्धू के साथ कमेंटरी की है और कई शानदार पल रहे हैं. उन्होंने कहा, आपको बतौर कमेंटेटर यह पता होना कि सामने वाले कमेंटेटर की ताकत क्या है, सिद्धू साहब जब कमेंटरी करते हैं तो जब शायरी बोलते हैं तो उसका मजा आता है लोगों को. यह काफी अलग है. यह एक आर्ट है, जो सभी के पास नहीं है. यह एक तरह का होम वर्क होता है. शायरी याद रखना और उसे किस मौके पर बोलना है, वह सभी के बस की बात नहीं है, सिद्धू इसमें चैंपियन है. मैं कोशिश भी कर लूं तो नहीं कर सकता और कोई भी कोशिश कर ले, ऐसा नहीं कर सकता.