आजादी के 15 साल पहले इस गेंदबाज ने बरपाया था कहर, इंग्लैंड की निकाल दी थी हवा
भारत की आजाती के 15 साल पहले एक भारतीय गेंदबाज ने इंग्लैंड को उनके घर में ही छक्के छुड़ा दिए थे. जानिए उनके खतरनाक गेंदबाजी के बारे में जिनसे पूरी दुनिया डरती थी.
First Test Fifer For India: भारत ने अपने टेस्ट क्रिकेट के सफर का आगाज साल 1932 में इंग्लैंड दौरे से किया था. भारतीय टीम ने अपना मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर 25 जून 1932 को खेला था. इस मुकाबले में भारत को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन एक भारतीय गेंदबाज ने इंग्लिश टीम की हवा निकाल दी थी. आज हम उसी घातक भारतीय गेंदबाज के बारे में आपको बताएंगे.
आजादी के 15 साल पहले किया था कमाल
हम बात कर रहे हैं भारत और दुनिया के सबसे खतरनाक और तेज गेंदबाज माने जाने वाले मोहम्मद निसार की. 15 अगस्त 1932 से लॉर्ड्स पर पहला टेस्ट खेलने उतरी भारतीय टीम के लिए मोहम्मद निसार ने पहले ही मुकाबले में गेंद से गजब का कहर बरपाया था.
लॉर्ड्स पर निसार ने खोला था पंजा
मोहम्मद निसार ने अपनी तेज गेंदबाजी से इंग्लैंड के होश उड़ाते हुए पहली पारी में एक बाद एक विकेट लेते हुए पंजा खोला था. यह किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा क्रिकेट इतिहास में पहला फाइफर था.
इंग्लिश टीम में मचा दिया था हड़कंप
अपनी गेंदबाजी में निसार ने पर्सी होल्मस, हर्बट सुचलिफ, लेस अमेस, वाल्टर रॉबिन्स और फ्रेडी ब्राउन का शिकार किया था. निसार की गेंदबाजी ने इंग्लिश टीम के अंदर गजब का खौफ पैदा कर दिया था.
अपनी गेंदबाजी से पूरी दुनिया में बनाया नाम
1910 में पंजाब के होशियारपुर में जन्मे मोहम्मद निसार का करियर हालांकि ज्यादा लंबा नहीं रहा. वह अपने करियर में सिर्फ 6 टेस्ट मैच ही खेल पाए. लेकिन भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी रहे सीखे नायडू ने अपने लेख में कहा था कि निसार की स्पीड हर किसी से ज्यादा थी. उनके जैसा तेज गेंदबाज कोई नहीं हो सका है. हालांकि भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद निसार की चर्चा और उनके उपलब्धियों को भुला दिया गया.
पीसीबी के गठन में निभाई थी अहम भूमिका
भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद मोहम्मद निसार पाकिस्तान के लाहौर में जाकर बस गए. पाकिस्तान क्रिकेट के विकास में भी उनका अहम योगदान माना जाता है. वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानि पीसीबी के संस्थापकों में से एक रहे. निसार के क्रिकेट प्रेम का अंदाज आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब उनकी मौत ट्रेन यात्रा के दौरान 1963 में हुई उस दौरान उनकी क्रिकेट किट उनके पास ही थी.