चोटिल खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट पर बवाल, गौतम गंभीर- बेन स्टोक्स के बीच जुबानी जंग

टीम इंडिया के हेड कोच ने कहा, अगर अंपायर और मैच रेफरी देखते हैं और महसूस करते हैं कि कोई गंभीर चोट है, यह नियम होना बहुत ज़रूरी है, जहां आप एक विकल्प ले सकते हैं.

By Akhilesh Tripathi Last Updated on - July 28, 2025 11:06 AM IST

Gautam Gambhir Ben stokes

Gautam Gambhir vs Ben Stokes: टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के विकल्प के इस्तेमाल पर बहस शुरू हुई है. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर इसे लेकर आमने-सामने हैं और दोनों की इस मसले पर अलग-अलग राय है. हालांकि बेन स्टोक्स ने इस बहस को "हास्यास्पद" करार दिया.

Rishabh pant Injured

ऋषभ पंत की चोट से शुरु हुई बहस

यह सवाल मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत की चोट के बाद पूछा गया था, जहां उन्होंने पैर में फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाजी की थी, हालांकि, वह विकेटकीपिंग करने की स्थिति में नहीं थे और ध्रुव जुरेल पंत की जगह कवर करने के लिए स्टंप के पीछे खड़े थे.

Ben stokes

चोट के विकल्प को लेकर इतनी चर्चा होना हास्यास्पद: बेन स्टोक्स

स्टोक्स ने कहा, मुझे लगता है कि चोट के विकल्प को लेकर इतनी चर्चा होना बिल्कुल हास्यास्पद है, एक टीम के लिए इसमें बहुत सी खामियां होंगी, आप मैच के लिए 11 खिलाड़ी चुनते हैं, और चोटें उसका हिस्सा होती हैं, मुझे लगता है कि इस बातचीत को बंद कर देना चाहिए.

Gautam-Gambhir

चोट के विकल्प के पक्ष में हैं गौतम गंभीर

हालांकि, गौतम गंभीर चोट के विकल्प के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, बिल्कुल, मैं इसके पक्ष में हूं, अगर अंपायर और मैच रेफरी देखते हैं और महसूस करते हैं कि कोई गंभीर चोट है, यह नियम होना बहुत ज़रूरी है, जहां आप एक विकल्प ले सकते हैं, यानी, अगर यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, तो ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है, खासकर इस तरह की सीरीज में, जहां कांटे की टक्कर रही है. उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए अगर हमें 10 लोगों के साथ खेलना पड़ता, 10 बनाम 11 तो यह हमारे लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता.

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अनिवार्य ओवर शुरू होने से पहले खेल रद्द न करने पर तनाव

बेन स्टोक्स खेल में 15 ओवर बचे होने पर हाथ मिलाना चाहते थे और एकमात्र संभावित परिणाम ड्रॉ था. हालाँकि, भारत ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया क्योंकि जडेजा और वाशिंगटन दो से अधिक सत्रों तक बल्लेबाजी करने के बाद शतक के करीब थे, यह निर्णय इंग्लैंड खेमे को रास नहीं आया. बेन स्टोक्स ने कहा, हमने अपने मुख्य गेंदबाज़ों के साथ खेल को जितना हो सके उतना आगे बढ़ाया ताकि हमें लगे कि हमारे जीतने की पूरी संभावना है, जैसे ही मैच ड्रॉ होने की स्थिति में पहुंचा, मैं अपने मुख्य गेंदबाजों को शॉर्ट टर्नअराउंड के साथ जोखिम में नहीं डालने वाला था.

इंग्लिश कप्तान ने कहा, एकमात्र अन्य गेंदबाज हैरी ब्रूक थे जिन पर थोड़ा गेंदबाजी का भार था (हंसते हुए), लेकिन मुझे उनसे कहना पड़ा कि कोई बेवकूफ़ी मत करो.

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क्या वे शतक के हकदार नहीं हैं: गौतम गंभीर

हालांकि गंभीर का आखिरी घंटे के घटनाक्रम पर बिल्कुल अलग नजरिया था. उन्होंने कहा, अगर कोई 90 पर और दूसरा 85 पर खेल रहा है, तो क्या वे शतक के हक़दार नहीं हैं? अगर इंग्लैंड की तरफ़ से कोई 90 या 85 पर खेल रहा होता, तो क्या वे मैदान छोड़कर चले जाते ? उन्होंने कहा कि अगर किसी को अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका मिले, तो क्या आप उसे ऐसा करने नहीं देंगे ? अब यह उन पर निर्भर है. उन्होंने आगे कहा, अगर वे इस तरह खेलना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर है, मुझे इससे ज़्यादा कुछ नहीं कहना है, मुझे लगता है कि वे दोनों शतक के हकदार थे, और खुशकिस्मती से उन्हें शतक मिल गया.