धोनी या कोहली, गिल को तय करना होगा... पूर्व क्रिकेटर ने दी जरूरी सलाह
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा, अगर शुभमन गिल में वो जबरदस्त जोश होता, तो हम उसे थोड़ा पहले ही देख लेते, कप्तान होने पर आपको यह दिखाने की ज़रूरत नहीं होती.
Shubman Gill Captain
Sanjay Manjrekar on Shubman Gill: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने बल्ले से धमाकेदार प्रदर्शन किया है. वह इस सीरीज में तीन शतक जुड़े हैं, उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने एजबेस्टन में जीत हासिल की. हालांकि लॉर्ड्स में उनका एक ऐसा पक्ष देखने को मिला जो अक्सर देखने को नहीं मिलता, जब उन्होंने जैक क्रॉली के सामने आक्रामक तेवर दिखाए और उनकी टीम ने भी उनका अनुसरण किया.
हालांकि इंग्लैंड ने गिल की आक्रामकता के सीधे जवाब में भारत के लिए स्थिति को जितना हो सके उतना असहज बनाने का फैसला किया था। चौथे दिन के आख़िरी क्षणों में जब खेल के एक महत्वपूर्ण दौर में बल्लेबाजी करने की उनकी बारी आई, तो गिल ज़्यादा देर टिक नहीं पाए. पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने भारत के एक पूर्व कप्तान का उदाहरण देते हुए गिल को लेकर अपनी राय दी है.
'गिल आखिर किस दिशा में जा रहे हैं ? '
संजय मांजरेकर ने कहा, विराट कोहली के साथ बात यह थी कि वह जब ज़्यादा जोश में आ जाते थे, तो एक बेहतर बल्लेबाज बन जाते थे, शुभमन गिल के साथ मुझे जो बात निराश कर रही थी, वह यही थी कि मैं सोच रहा था कि गिल किस दिशा में जा रहे हैं? क्योंकि ऐसा लग रहा था कि बल्लेबाज गिल पर इसका सही असर नहीं हुआ.
'वह बहुत ही अनिश्चित लग रहे थे'
संजय मांजरेकर ने कहा,वह बहुत ही अनिश्चित लग रहे थे और आप जानते हैं, आजकल हम स्टंप माइक के सामने होते हैं और हम उनकी बातें सुन सकते थे और कुछ निजी हमले भी हुए. उन्होंने कहा, गिल के लिए यह एक नया अनुभव हो सकता है क्योंकि आजकल, जैसा कि आप देख सकते हैं, भारतीय खिलाड़ियों के साथ ज़्यादातर विदेशी टीमें दोस्ताना व्यवहार करती हैं, इसलिए यह एक नया क्षेत्र थे और वह अनिश्चित लग रहे थे और इसके लिए तैयार नहीं थे.
लॉर्ड्स टेस्ट में नहीं चला था गिल का बल्ला
गिल लॉर्ड्स में दो टेस्ट मैचों में 485 रन बनाकर उतरे थे, उन्होंने चार पारियों में तीन शतक लगाए और उनमें से एक को करियर की सर्वश्रेष्ठ 269 रनों की पारी में बदल दिया, मगर तीसरे टेस्ट की दोनों इनिंग में वह रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए. मांजरेकर ने कहा, उन्होंने पूरी सीरीज़ में बल्लेबाज़ के तौर पर अपने मैराथन प्रदर्शन के दौरान खूबसूरती से इन गेंदों का सामना किया है और अचानक से वो उन गेंदों को मिस कर रहे थे, लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी इनिंग में उन्होंने लगभग नौ गेंदों में से चार गेंदें मिस कर दीं, मुझे इसमें कोई शक नहीं कि इसमें कोई कनेक्शन है.
'कप्तान होने पर आपको यह दिखाने की ज़रूरत नहीं होती'
संजय मांजरेकर ने कहा, अगर शुभमन गिल में वो जबरदस्त जोश होता, तो हम उसे थोड़ा पहले ही देख लेते, कप्तान होने पर आपको यह दिखाने की ज़रूरत नहीं होती, या फिर उन्होंने यह इसलिए दिखाया क्योंकि उन्हें टेस्ट मैच जीतने और ढेर सारे रन बनाने का आत्मविश्वास आ गया है?
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, विराट कोहली के साथ, आप देख सकते थे कि वो किसी भी मुकाबले के लिए तैयार रहते थे, वो हमेशा किसी भी स्थिति में शामिल होने के लिए तैयार रहते थे, यहां तक कि जब वो कप्तान नहीं थे, तब भी आप उनके भीतर यह तेवर देख सकते थे, यह एक ऐसा गुण था जो हमने उनके कप्तान बनने से पहले ही देख लिया था, शुभमन गिल में मैंने ये पहले कभी नहीं देखा.
'तय करना होगा, कैसा कप्तान बनना चाहते हैं'
मांजरेकर का मानना है कि इंग्लैंड में गिल को यह तय करना होगा कि वह किस तरह का कप्तान बनना चाहते हैं, हालांकि यह तय करने में उन्हें समय लग सकता है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आठ दिनों का यह ब्रेक उनके लिए एकदम सही है, उनके आस-पास बहुत सारे अच्छे लोग हैं. उनके पिता जिन्होंने उनके क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, वह अपने बेटे को जानते होंगे, कि वह विराट कोहली हैं, संभावित विराट कोहली या [एम एस] धोनी हैं या इनके बीच कहीं हैं. पूर्व क्रिकेटर ने कहा, मैं अनुमान लगा रहा हूं कि उनके भीतर कहीं इन दोनों के बीच का गुण मौजूद है, इसलिए उन्हें अपना रास्ता ख़ुद खोजना होगा, लेकिन वह रास्ता जो भी हो, वह ऐसा होना चाहिए जो उनके नेतृत्व गुणों को निखारे और उन्हें एक बेहतर बल्लेबाज बनाए.