4 कारण पाकिस्तान क्यों है चैंपियंस ट्रॉफी का मजबूत दावेदार, रिजवान निभाएंगे अहम किरदार
पाकिस्तान टीम ने साउथ अफ्रीका को उसी के घर में वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप किया. यानी टीम अब लय और रंग हासिल कर चुकी है. रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम का हाल वनडे क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया. अपने घर पर साउथ अफ्रीका का वनडे सीरीज में पहली बार क्लीन स्वीप हुआ है….
पाकिस्तान टीम ने साउथ अफ्रीका को उसी के घर में वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप किया. यानी टीम अब लय और रंग हासिल कर चुकी है. रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम का हाल वनडे क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया. अपने घर पर साउथ अफ्रीका का वनडे सीरीज में पहली बार क्लीन स्वीप हुआ है. रविवार को हुए सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में उसने साउथ अफ्रीका को 36 रन से मात दी. डकवर्थ लुईस पद्धति से इस मैच का नतीजा निकला. पूरी सीरीज में पाकिस्तान की टीम बेहतर संतुलित नजर आई. ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान,जो वनडे फॉर्मेट में अपेक्षाकृत इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं करती थी, ने 50 ओवर खेल का फॉर्म्युला क्रैक कर लिया है.
पाकिस्तान को फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी है. यह टूर्नमेंट 50 ओवर के फॉर्मेट में खेला जाएगा. और पाकिस्तान की इस मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उसे दरकिनार नहीं किया जा सकता. आखिर वह अपने घर पर ही इस टूर्नमेंट को खेलेंगे. तो देखते हैं वे कारण जिनकी वजह से पाकिस्तान का दावा मजबूत है.
अब बैटिंग सुधर गई है
पाकिस्तान की बल्लेबाजी पर हमेशा सवाल होते थे. टीम अकसर एक-दो खिलाड़ियों के दम पर ही खेलती दिखती थी. लेकिन अब टीम में अच्छे बल्लेबाज नजर आते हैं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में साइम अयूब के रूप में पाकिस्तान को एक उपयोगी बल्लेबाज मिल गया है. इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने तीन वनडे मैचों की सीरीज में दो सेंचुरी लगाई. अब्दुल्ला शफीक भले ही इस सीरीज के तीनों मैचों में खाता नहीं खोल पाए हों लेकिन कुल मिलाकर वह भी उपयोगी बल्लेबाज हैं.
इसके बाद मिडल-ऑर्डर की जिम्मेदारी बाबर और रिजवान के अनुभवी कंधों पर आ जाती है. दोनों किसी भी गेंदबाजी आक्रमण का अच्छी तरह सामना कर सकते हैं. अगर शुरुआत में विकेट गिर जाए तो इनके पास उसे संभालने का हुनर और काबिलियत भी उनके पास है. इसके साथ ही पाकिस्तान को तैयब ताहिर और कामरान गुलाम के रूप में अच्छे खिलाड़ी मिल गए हैं.
रिजवान दिख रहे हैं नैचुरल लीडर
पाकिस्तान में वनडे की कप्तानी को लेकर काफी समय से खामी नजर आ रही है. पाकिस्तान ने पिछली बार सरफराज खान की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. उसके बाद से पाकिस्तान इस फॉर्मेट में ऐसा कप्तान नहीं तलाश पाया है जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके. बाबर आजम को बड़ी उम्मीदों के साथ यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन वह इन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए. रिजवान ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज से पाकिस्तानी टीम की कमान संभाली. इसके बाद जिम्बाब्वे में सीरीज जीती. और अब साउथ अफ्रीका को हराया.
रिजवान ने अभी तक जिस तरह की कप्तानी की है वह दबाव में बिखरने वाले नहीं लगते. वह टीम की कप्तानी अच्छे से कर रहे हैं साथ ही साथ बल्ले से भी योगदान दे रहे हैं. इन तीन सीरीज में उन्होंने दिखाया है कि वह खेल को अच्छी तरह समझने वाले कप्तान हैं.
अपने घर पर खेलने का फायदा
पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ 23 फरवरी को होने वाले मैच को छोड़कर बाकी सभी मुकाबले अपनी धरती पर खेलेगा. पाकिस्तान ने आखिरी बार किसी आईसीसी टूर्नमेंट की मेजबानी 1996 में थी. तब वर्ल्ड कप कप की मेजबानी भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने मिलकर की थी. पाकिस्तान के लाहौर शहर के गद्दाफी स्टेडियम में टूर्नमेंट का फाइनल खेला गया था. इसके बाद से पाकिस्तान में कोई आईसीसी टूर्नमेंट नहीं खेला गया. मार्च 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए हमले के बाद से तो पाकिस्तान काफी वर्षों तक हाशिये पर रहा. अब जब क्रिकेट पाकिस्तान लौटा है तो टीम पूरे जज्बे के साथ खेलेगी और दर्शक अपनी टीम का हौसला बढ़ाने में पूरा दम लगा देंगे.
गेंदबाजी में भी नई धार
पाकिस्तान की पेस बैटरी का तारीफ तो होती रहती है. पाकिस्तान हमेशा से ही तेज गेंदबाजों की फैक्टरी रहा है. उसके पास पहले सकलैन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद जैसे स्पिनर्स भी रहे हैं. पाकिस्तान के पास हालिया वक्त में सीमित ओवरों के फॉर्मेट में अच्छे स्पिनर्स नहीं थे. लेकिन अबरार अहमद और सूफियान मुकीम जैसे युवा स्पिनर्स हैं. सूफियान बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर हैं जो अपने आप में एक विशेष बात है. दोनों पाकिस्तान की स्पिनर्स के लिए मददगार पिचों पर बहुत कारगर हो सकते हैं. इसके अलावा शाहीन शाह अफरीदी, हारिस राउफ और नसीम शाह उसकी गेंदबाजी को धार देते हैं.