हैप्पी दीवाली: भारतीय टीम के 'बम-पटाखा' खिलाड़ी
भारतीय टीम ने पांच मैचों की वनडे सीरीज में कीवी टीम को 3-2 से शिकस्त दी

दीवाली का दिन है हर कोई पटाखे जलाने में मशगूल है। भारतीय क्रिकेट टीम ने भी प्रशंसकों को दीवाली मनाने का बेहतरीन मौका दिया है। तो जब मौका भी है और दस्तूर भी तो क्यों ना मनाएं प्रशंसक दीवाली। दीवाली के मौके पर आज हम आपके लिए कुछ अलग लेकर आए हैं। आज हम आपको बताएंगे कि सीरीज में टीम इंडिया का कौन सा खिलाड़ी किस बम-पटाखे की तरह रहा। तो आइए नजर डालते हैं ऐसे बम-पटाखों, मेरा मतलब है खिलाड़ियों के ऊपर।
अमित मिश्रा: चकरी बम
अमित मिश्रा को हम चकरी बम से इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस तरह जब चकरी चलती है तो वह चारों तरफ घूमकर अपनी चिंगारी फैलाती है और लोग सिर्फ उसे दूर से देखकर अपना मनोरंजन करते हैं। ठीक चकरी की तरह अमित मिश्रा ने भी अपनी घूमती गेंदों से पूरी सीरीज में कीवी टीम पर चिंगारी बनकर टूट पड़े और उनकी चिंगारी में फंसकर कीवी टीम पूरी सीरीज में बिखरती चली गई। वहीं भारतीय प्रशंसक दूर से अमित मिश्रा के प्रदर्शन का लुत्फ उठाते रहे।
विराट कोहली: अनार बम
जिस तरह से अनार जब चलता है तो वह अकेला ही सबपर भारी पड़ता है और अपनी सुंदरता से लोगों का मन मोह लेता है उसी तरह विराट कोहली भी टीम इंडिया के लिए अनार केी तरह रहे। विराट कोहली भी अकेले पूरी कीवी टीम पर भारी पड़े और निरंतर अच्छी और बेहतरीन बल्लेबाजी से कीवी टीम को पस्त कर दिया। कोहली ने अपनी बल्लेबाजी के दौरान बेहद ही आकर्षक और दृशनीय शॉट लगाए। विराट कोहली ने पूरी सीरीज में एक शतक और दो अर्धशतक लगाए। अनार की विराट ने भी अपनी चमक बिखेरी और टीम इंडिया के लिए अंधेरे में रौशनी बनकर उभरे। विराट कोहली की बल्लेबाजी को देखकर प्रशंसकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
एमएस धोनी: 7 शॉट
जिस तरह से सेवेन शॉट एक-एक करके ऊपर जाकर फटता है और आकाश में अपनी चमक बिखेरता है उसी तरह धोनी भी सात नंबर की जर्सी पहनते हैं, धोनी के तरकश में भी कई तरह के तीर हैं। धोनी की अलग-अलग रणनीति टीम के लिए फायदेमंद साबित हुईं और टीम को सीरीज जितवाने में कारगर साबित हुईं। धोनी ने पहले बल्लेबाजी, फिर कप्तानी, इसके बाद विकेट कीपिंग, फिर रणनीति से अपने अलग-अलग रूप से टीम को फायदा पहुंचाया और टीम को सीरीज जिचवाने में अहम भूमिका निभाई। धोनी के हर रंग के सामने कीवी टीम पस्त रहो गई और धोनी की सफलती आकाश तक चमक उठी। ये भी पढ़ें: फाइनल मैच में गेंदबाजों ने दिलाई जीत: महेंद्र सिंह धोनी
रोहित शर्मा: ऊन बम
जैसा कि आप सब जानते हैं कि ऊन बम सिर्फ एक बार ही फटता है लेकिन उसकी आवाज इतनी तेज होती है कि लोगों के कान फट जाते हैं। उसी प्रकार रोहित शर्मा पूरी सीरीज में खामोश रहे लेकिन फाइनल मैच में फन्होंने कुछ इस कदर धमाका मचाया कि न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के होश ठिकाने लग गए। रोहित शर्मा का बल्ला शुरुआती चार मैचों में पूरी तरह खामोश था लेकिन आखिरी मैच में रोहित शर्मा ने जमकर अपनी चमक बिखेरी और उनके बल्ले से निकलने वाला लगभग हर शॉट कीवी टीम के लिए ऊन बम से कम नहीं था।
केदार जाधव: बुलेट बम
आप सब जानते हैं कि बुलेट बम फटने से पहले दो बार चिंगारी छोड़ता है और उसके बाद जोर का धमाका करता है। हमारे केदार जाधव ने भी कुछ बुलेट की ही तरह निकले। अक्सर बल्ले से जलवा बिखेरने वाले जाधव पहले तो उम्मीदों के विपरीत गेंदबाजी में चमके और गेंदबाजी करते हुए वह टीम रे लिए बहुत फायदेमंद और विपक्षियों के लिए बहुत घातक साबित हुए। केदार जाधव से किसी ने गेंदबाजी में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। इसके बाद जाधव ने बल्लेबाजी में भी अपनी चमक बिखेरी और फाइनल मैच में निचले क्रम में उन्होंने टीम के लिए जरूरी 39 रन बनाए। ये भी पढ़ें: इन पांच खिलाड़ियों ने दिलाई टीम इंडिया को सीरीज
हार्दिक पंड्या: चीनी पटाखा
जिस तरह से चीनी पटाखा होता है, लोगों को उम्मीद तो बहुत रहती है कि बहुत तेज आवाज करेगा, लेकिन वह अंत में फुस्स हो जाता है उसी तरह हार्दिक पंड्या से भी टीम को बहुत उम्मीद थी, कि वह बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन वह न तो बल्ले से और ना ही गेंद से कुछ कर पाए पूरी तरह फुस्स हो गए। हार्दिक पंड्या को टीम में एक हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में शामिल किया गया था, लेकिन पंड्या ना तो बल्ले से ही कुछ कर पाए और गेंद से भी फ्लॉप ही रहे, नतीजा यह हुआ कि उन्हें उाइनल मैच के लिए टीम से बाहर तक करना पड़ा।
अजिंक्य रहाणे: रॉकेट
अजिंक्य रहाणे की तुलना हम रॉकेट से इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जब हम रॉकेट को जलाते हैं तो हमें उम्मीद होती है कि वह आसमान में जाकर ही फटेगा, लेकिन उम्मीदों के विपरीत वह कभी टेढ़ा-मेढ़ा होकर नीचे ही फट जाता है या तो किसी के घर में ही घुस जाता है। उसी तरह टेस्ट में अच्छा खेलने वाले रहाणे से वनडे में भी टीम को काफी उम्मीद थी लेकिन रहाणे रॉकेट की तरह अपनी दिशा बदलते नजर आए। अपने प्रदर्शन से आसमान की बुलंदियों को तो नहीं छू पाए लेकिन सीरीज में अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज कराने में कामयाब रहे।