हाउ इज द जोश? हेजलवुड ने राजस्थान के मुंह से छीनी जीत, 6 गेंद में लिखी बेहतरीन गेंदबाजी की कहानी
राजस्थान रॉयल्स को आखिरी 12 गेंद पर 18 रन चाहिए थे. और यहां से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए जोश हेजलवुड ने मैच पलटकर रख दिया. और वह भी तब जब उससे पिछले ओवर में 22 रन बटोरने के बाद राजस्थान के हौसले बुलंद थे. पर शायद इसी को अनुभव कहते हैं.
तजुर्बा वह शह है जो बाजार में नहीं मिलता. इसे कमाना पड़ता है. और मुश्किल वक्त में यही तजुर्बा काम आता है. कुछ ऐसा ही गुरुवार को नज़र आया. मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स के बीच था. मैदान था चिन्नास्वामी. दर्शकों का जोश भरपूर. 18वें ओवर में जब भुवनेश्वर कुमार ने 22 रन दिए तो मुकाबला बेंगलुरु के हाथों से निकल चुका लगता था. दो ओवरों में 18 रन की जरूरत और 5 विकेट हाथ में. राजस्थान कमाल करने के करीब थी. 206 रन का टारगेट उसकी पहुंच में था. लेकिन यहां गेंद थमाई अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज जोश हेजलवुड को. और हेजलवुड अपने कप्तान और फैंस की उम्मीदों पर खरे उतरे.
ओवर की पहली ही गेंद से हेजलवुड ने लाइन पकड़ी वह कायम रखी. देखते हैं ओवर की गेंद दर गेंद कैसे इस गेंदबाज ने राजस्थान रॉयल्स पर शिकंजा कसा.
18.1- हेजलवुड की गेंद शुभम दूबे को- एक रन- यह फुल टॉस थी और दूबे के क्रॉस जाती हुई गेंद. उन्होंने इस पर सीधा शॉट खेलना चाहा लेकिन गेंद गई कवर्स की दिशा में.
18.2- हेजलवुड ध्रुव जुरेल को- कोई रन नहीं. ऑफ स्टंप के बाहर शॉर्ट पिच गेंद. जुरेल ने उसे पुल करना चाहा. लेकिन गेंद बल्ले के निचले किनारे से लगी. कोई रन नहीं.
18.3- आउट- हेजलवुड ने जुरेल को आउट किया. वह सेट हो चुके थे. ऑफ स्टंप के बाहर वाइड यॉर्कर. जुरेल ने गेंद को खेलना चाहा. गेंद गई विकेटकीपर के दस्तानों में. पहली नजर में रॉयल चैलेंजर्स की टीम ने इसे नजरअंदाज किया. लेकिन विकेट के पीछे जितेश शर्मा ने रिव्यू लेने को कहा. और कप्तान ने इसे माना. रिव्यू में दिखा कि गेंद बल्ले से लगकर गई है. इसके बाद यह जांचा गया कि क्या गेंद विकेटकीपर के दस्तानों तक पहुंचने से पहले जमीन से लगी है. लेकिन ऐसा भी नहीं था. जितेश शर्मा आउट. हेजलवुड को तीसरी कामयाबी. शर्मा 34 गेंद पर तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 47 रन बनाकर आउट.
18.4- हेजलवुड अब जोफ्रा आर्चर को- आउट. दो गेंदों पर दो विकेट. ऑफ स्टंप के बाहर लेंथ गेंद. आर्चर ने इन-साइड आउट होकर शॉट खेलना चाहा. उनके कदम नहीं हिले. और आखिर में गेंद कवर्स में कैच हो गई. कप्तान रजत पाटीदार ने कोई गलती नहीं की. आर्चर खुद से निराश थे. लेकिन बेंगलुरु के स्टेडियम में जोश भरपूर था. फैंस झूम रहे थे और लग रहा था कि अब मैच उनकी पकड़ में है.
18.5- हेजलवुड की गेंद हसरंगा को. क्या हैटट्रिक ले पाएंगे. ऑफ स्टंप के बाहर यह गेंद. हसरंगा ने पीछे हटकर गेंद को खेलना चाहा. गेंद उनके बल्ले के किनारे के करीब से गुजरी.
18.6- हेजलवुड की गेंद हसरंगा को. कोई रन नहीं. ऑफ स्टंप के बाहर गेंद. हसरंगा ने गेंद को स्लाइस करना चाहा. गेंद ने बल्ले का किनारा लिया और डीप थर्ड मैन पर गई कोई रन नहीं.
हेजलवुड ने अपने आखिरी दो ओवरों में सिर्फ सात रन दिए और तीन विकेट हासिल किए. इससे पहले पारी के 17वें ओवर में भी उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की थी और सिर्फ छह रन दिए थे. इसमें भी आखिरी गेंद पर शुभम दूबे ने चौका लगाया था. इस ओवर में भी ऑस्ट्रेलिया के इस पेसर ने शिमरॉन हेटमायर जैसे बड़े खिलाड़ी का विकेट लिया था.
हेजलवुड ने अपने चार ओवरों में 34 रन देकर चार विकेट हासिल किए. और इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
मैच की बात करें तो राजस्थान रॉयल्स ने टॉस जीतकर बेंगलुरु को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया. विराट कोहली ने एक बार फिर कमाल की पारी खेली. उन्होंने 42 गेंद पर 70 रन बनाए. अपनी पारी में उन्होंने 8 चौके और दो छक्के लगाए. इसके अलावा देवदत्त पडिक्कल ने 27 गेंद पर 50 रन बनाए. राजस्थान की ओर से संदीप शर्मा ने चार ओवरों में 45 रन देकर दो विकेट लिए.
इसके जवाब में राजस्थान ने अच्छी शुरुआत की. पारी की पहली ही गेंद पर यशस्वी जायसवाल ने छक्का लगाया. उन्होंने 19 गेंद पर 49 रन बनाए. उन्होंने अपनी पारी में सात चौके और तीन छक्के लगाए. इसके अलावा जुरेल ने 47 रन बनाए.
मैच के बाद कोहली ने हेजलवुड को हवा में उठा लिया. वह जानते थे कि इस पेसर ने टीम के लिए क्या हासिल किया है.
इस जीत के साथ बेंगलुरु के 12 अंक हो गए हैं. वहीं राजस्थान रॉयल्स की यह लगातार पांचवीं हार थी. उसने 9 में से सिर्फ दो मैच जीते हैं. और अब उसके लिए प्लेऑफ के दरवाजे बंद हो गए हैं.