चिन्नास्वामी में चमके धोनी, चहल-स्टेन की गेंदबाजी से बैंगलुरू की जीत
बैंगलुरू के खिलाफ 39वें लीग मैच में चेन्नई टीम केवल एक रन से हारी।
इंडियन प्रीमियर लीग के 39वें मैच में महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स टीम को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ करीबी मैच में एक रन से हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली की कप्तानी में 12वें सीजन में बैंगलुरू टीम की ये तीसरी जीत है। आखिरी गेंद तक रोमांचक रहे इस मैच में कई ऐसे पल आए जब दर्शकों की सासें रुक गई। मैच के ऐसे ही कुछ अहम फैक्टर्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
विराट कोहली का विकेट-दीपक चाहर:
कोलकाता के खिलाफ मैच में धमाकेदार शतक जड़ने वाले कोहली को सस्ते में आउट करना चेन्नई टीम के लिए बहुत जरूरी था और तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने ये जिम्मेदारी उठाई। पहले बल्लेबाजी करने उतरी बैंगलुरू के लिए पारी की शुरुआत करने आए कोहली का सामना पावरप्ले में चाहर से हुआ। चाहर ने अपने दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर विपक्षी कप्तान को चलता किया और बैंगलुरू को बड़ा झटका दिया। कोहली के खिलाफ चाहर ने गेंद को ऑफ स्टंप से हल्का बाहर रखा, ड्राइव लगाने की कोशिश में कोहली बल्ले का किनारा लगा बैठे और विकेट के पीछे धोनी ने एक आसान सा कैच पकड़ा। कोहली के 9 रन पर आउट होते ही एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में बैठे आरसीबी फैंस खमोश हो गए।
पार्थिव पटेल का अर्धशतक:
कोहली के सस्ते में आउट होने के बाद पार्थिव पटेल ने बैंगलुरू की पारी को संभाला। इस अनुभवी बल्लेबाज को पता था कि बड़ा स्कोर बनाने के लिए उनका देर तक क्रीज पर टिके रहना जरूरी था और उन्होंने ऐसा ही किया। एबी डीविलियर्स और फिर अक्षदीप नाथ के साथ साझेदारियां बनाते हुए पार्थिव ने पारी को आगे बढ़ाया। उन्होंने 37 गेंदो पर दो चौकों और चार छक्कों की मदद से 53 रनों की शानदार पारी खेली। जिसकी मदद से बैंगलुरू टीम चेन्नई के सामने 162 का अच्छा स्कोर रख सकी। लक्ष्य का बचाव करते समय पार्थिव ने विकेट से पीछे भी शानदार प्रदर्शन किया। ड्वेन ब्रावो का शानदार कैच लेने के साथ साथ आखिरी गेंद पर शार्दुल ठाकुर को रन आउट कर पार्थिव ने बैंगलुरू की जीत में अहम भूमिका अदा की और प्लेयर ऑफ द मैच बने।
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डेल स्टेन का पहला ओवर:
बैंगलुरू टीम को अब तक खेले मैचों में शुरुआती ओवरों में कम ही सफलताएं मिली हैं लेकिन डेल स्टेन के आने के बाद से इसमें बदलाव हुआ है। स्टेन ने चेन्नई के खिलाफ पहले ही ओवर में शेन वॉटसन और फिर सुरेश रैना को आउट कर चेन्नई के शीर्ष क्रम को बिखेर दिया। ओवर की चौथी गेंद पर चौका खाने के बाद स्टेन ने बाहर की गेंद पर स्विंग की मदद से वॉटसन को स्लिप पर कैच आउट कराया। अगली गेंद पर नए बल्लेबाज रैना को स्टेन ने शानदार यॉर्कर पर बोल्ड किया।
अंबाती रायडू का विकेट-युजवेंद्र चहल:
केवल 28 रन के स्कोर पर चार विकेट खोने के बाद चेन्नई का वापसी करना मुश्किल था। हालांकि धोनी और अंबाती रायडू की साझेदारी ने काम को थोड़ा आसान बना दिया। दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 55 रन जोड़े। जीत के लिए इस साझेदारी को तोड़ना जरूरी था और इसके लिए कप्तान कोहली ने अपने सबसे सफल गेंदबाज युजवेंद्र चहल का इस्तेमाल किया। 14वें ओवर की पहली गेंद पर चहल ने रायडू को बोल्ड किया। लेग स्टंप की गेंद पर आगे बढ़कर बड़ा शॉट खेलने की बजाय रायडू ने डिफेंसिव शॉट खेलने की कोशिश की और इनसाइड एज दे बैठे। चहल ने अपने चार ओवर के स्पेल में 24 रन देकर रायडू का अहम विकेट लिया।
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माही मैजिक:
14वें ओवर में रायडू के आउट होने तक चेन्नई ने 86 के स्कोर पर पांच विकेट खो दिए थे। जीत के लिए 76 रनों की जरूरत थी और सभी प्रमुख बल्लेबाज पवेलियन में थे, सिवाय महेंद्र सिंह धोनी के। धोनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए 48 गेंदो पर 84 रन जड़े, जो कि टी20 क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। मैच के आखिरी ओवर में जब जीत के लिए 26 रनों की जरूरती थी, धोनी ने उमेश यादव के खिलाफ एक चौका और तीन छक्के लगाए। हालांकि आखिरी गेंद पर जब केवल दो रन चाहिए थे तो यादव ने धीमी गेंद का इस्तेमाल किया और धोनी कट लगाने से चूक गए और चेन्नई एक रन के अंतर से ये मैच हार गई।