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इतिहास के पन्नों से: जब आखिरी ओवर में 17 रन बनाकर भारत ने कंगारुओं का कर दिया था सूपड़ा साफ
आखिरी ओवर में युवराज सिंह और सुरेश रैना ने टीम को अप्रत्याशित जीत दिला दी थी
Written by Manoj Shukla
Published: Jan 02, 2017, 01:00 PM (IST)
Edited: Jan 31, 2017, 06:17 PM (IST)


ऑस्ट्रेलिया नए साल का जश्न ठीक तरीके से मना भी नहीं पाया था कि भारत ने आखिरी टी20I मुकाबले को जीतकर ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ कर दिया था। सीरीज के दो मैच पहले ही ऑस्ट्रेलिया हार चुका था और आखिरी मैच में उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वो भारत को हरा देंगे। हालांकि 19वें ओवर तक ऑस्ट्रेलिया मैच में मजबूत दिख रहा था। लेकिन उस रोमांचक मुकाबले के आखिरी ओवर में युवराज सिंह ने मैच को भारत की झोली में डाल दिया था। आखिर क्या हुआ था उस दिन, आइए जानते हैं।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में शेन वॉटसन ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर रहे थे। सीरीज के दो मैच पहले ही भारत जीत चुका था और आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ करने के इरादे से मैदान पर उतरा था। मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज के लिए आए शेन वॉटसन और उस्मान ख्वाजा। ख्वाजा ने आते ही दो चौके जड़ अपने इरादे जाहिर कर दिए। हालांकि ख्वाजा को आशीष नेहरा ने 14 के निजी स्कोर पर आउट कर भारत को पहली सफलता दिला दी। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए शॉन मार्श। वॉटसन ने मॉर्श को ज्यादा स्ट्राइक नहीं दी और तेज गति से रन बनाने लगे। लेकिन संघर्ष कर रहे मार्श 12 गेंदों में 9 रन बनाकर रविचंद्र अश्विन की गेंद पर गच्चा खा गए और बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए। वहीं इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए ग्लेन मैक्सवेल भी 3 रन बनाकर ही आउट हो गए। भारतीय टीम ने 9.1 ओवर में ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट सिर्फ 75 रनों पर गिरा दिए थे।
भारतीय टीम मजबूत नजर आने लगी थी और लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में निपटा देंगे। लेकिन दूसरे छोर पर टिके वॉटसन ने अब तक उग्र रूप धारण कर लिया था और बेहद आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे। शेन वॉटसन ने इसी बीच अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया था और तेज गति से रन बना रहे थे, वहीं मैक्सवेल के आउट होने पर बल्लेबाजी करने आए ट्रेविस हेड भी अब अपने कप्तान के नक्शेकदम पर चलते हुए भारतीय गेंदबाजों कि पिटाई कर रहे थे। दोनों ने टीम के स्कोर को 150 के पार पहुंचा दिया। हालांकि हेड ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं सके और उन्हें रवींद्र जडेजा ने बोल्ड कर दिया। हेड ने आउट होने से पहले 19 गेंदों में 26 रन बनाए। ये भी पढ़ें: रोमांचक मुकाबले में जब भारत ने पाकिस्तान को हराया और जीत लिया था सिल्वर जुबली इंडिपेंडेंस कप
इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए क्रिस लिन ने शेन वॉटसन का बखूबी साथ दिया। वॉटसन को रोक पाना भारतीय गेंदबाजों के लिए नामुमकिन सा नजर आ रहा था और वह हर गेंदबाज के खिलाफ जमकर प्रहार कर रहे थे। वॉटसन ने इसी बीच अपना शतक पूरा कर लिया। वॉटसन की शानदार बल्लेबाजी के सामने हर भारतीय गेंदबाज बौना साबित हो रहा था। अंत तक वॉटसन को कोई भी भारतीय गेंदबाज आउट नहीं कर सका और कंगारू टीम ने 20 ओवरों में 197 रन का स्कोर बना डाला। वॉटसन ने 71 गेंदों पर 124 रनों की नाबाद पारी खेली। वॉटसन ने अपनी पारी में 6 छक्के और 10 चौके लगाए थे।
जवाब में 198 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को रोहित शर्मा और शिखर धवन ने तूफानी शुरुआत दी। दोनों ने तेज गति से रन बनाए और 3.2 ओवर में ही 46 रन जोड़ दिए। हालांकि इसी बीच धवन को वॉटसन ने अपना शिकार बनाया और भारत को पहला झटका दे दिया। धवन ने 9 गेंदों में 288 के स्ट्राइक रेट के साथ 26 रनों की पारी खेली। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए उतरे विराट कोहली ने भी आते ही आक्रामक शॉट खेलने शुरू कर दिए। रोहित और कोहली ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट रहे थे। दोनों ही बल्लेबाजों के सामने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज हताश नजर आ रहे थे।
इसी बीच रोहित शर्मा ने अपना अर्धशतक पूरा कर लिया और भारतीय समर्थकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। लकिन इसी बीच रोहित को बोयस ने आउट कर ऑस्ट्रेलिया को दूसरी सफलता दिला दई। रोहित जब आउट हुए तो भारत का स्कोर 12.3 ओवरों में 124 रन पर दो विकेट था। रोहित के बाद बल्लेबाजी के लिए आए सुरेश रैना। रैना ने भी आते ही अपने अंदाज में बल्लेबाजी शुरू कर दी।
इसी बीच कोहली ने भी अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। लेकिन अर्धशतक पूरा करते ही वह भी बोयस की गेंद पर बोल्ड हो गए। कोहली के आउट होने के बाद भारत का स्कोर 14.5 ओवरों में 147 रनों पर तीन विकेट गिर चुके थे। भारत को अभी भी जीत के लिए लंबा सफर तय करना था। क्रीज पर मौजूद थे बेहद ही आक्रामक बल्लेबाज सुरेश रैना और युवराज सिंह। दोनों ही बल्लेबाज बेस्ट फिनिशर के तौर पर जाने जाते हैं। सुरेश रैना ने मोर्चा संभालते हुए तेज गति से बल्लेबाजी की और रन गति को नीचे नहीं आने दिया। मैच कीफी रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया था और भारत को जीतने के लिए दो ओवरों में कुल 22 रनों की जरूरत थी। स्ट्राइक में थे युवराज सिंह और गेंदबाजी में शेन वॉटसन। वॉटसन की पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना। दूसरी गेंद पर युवराज ने एक रन लेकर स्ट्राइक रैना को दे दी। तीसरी गेंद पर फिर से एक रन बना। चौथी गेंद पर युवराज कोई रन नहीं बना सके, पांचवीं गेंद पर युवराज ने दो रन लिए और आखिरी गेंद पर एक लेकर स्ट्राइक अपने पास रखी। 19वें ओवर मेंम सिर्फ 5 रन बने थे और आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 17 रनों की दरकार थी। 19वें ओवर में सिर्फ 5 रन बनने के कारण भारतीय दर्शकों के चेहरे मुरझा गए थे।
अपने कंधों पर भारत की जीत का दारोमदार लिए युवराज स्ट्राइक पर थे। युवराज सिंह पर दबाव भी था। युवराज के सामने गेंदबाज थे टाई। टाई की पहली गेंद पर युवराज ने बेहतरीन शॉट खेला और चार रनों के लिए गेंद को बाउंड्री के बाहर भेज दिया। वहीं दूसरी गेंद पर युवराज ने छक्का जड़ दिया। मायूस समर्थक फिर से उछलने लगे और उन्हें 19वें ओवर में विलेन लग रहे युवराज अब हीरो लगने लगे। भारत को अब जीत के लिए 4 गेंदों में 10 रनों की जरूरत थी। तीसरी गेंद पर युवराज बड़ा शॉट खेलना चाहते थे लेकिन गेंद उनके पैड पर लगी और दोनों बल्लेबाजों ने दौड़कर एक रन पूरा किया। ये भी पढ़ें: भारत आने से पहले यूएई में अभ्यास करेगी ऑस्ट्रेलिया की टीम
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भारत को अब अगली तीन गेंदों में छह रन चाहिए थे। चौथी गेंद पर रैना ने दो रन लिए। भारत को अब दो गेंदों में चार रन चाहिए थे। मैच रोमांच की चरम सीमा पर पहुंच गया था। पांचवीं गेंद पर फिर से रैना ने दो रन लिए। आखिरी गेंद पर भारत को अब जीतने के लिए दो रन चाहिए थे। रैना पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही थी। टाई ने आखिरी गेंद शॉर्ट फेंकी, रैना ने रूम बनाकर गेंद को प्वॉइंट के ऊपर से खेल दिया और गेंद सीमारेखा के बाहर चल गई। भारत बेहद रोमांचक मुकाबले को जीत लिया था। रैना के साथ-साथ पूरा स्टेडियम प्रफुल्लित हो चुका था। दर्शकों की खुशी की कोई सीमा नहीं थी। रैना को युवराज ने अपने कंधे पर उठा लिया। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को समझ नहीं आ रहा था कि उनसे भूल कहां हो गई। भारत ने बेहद रोमांचक मुकाबले को ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज को 3-0 से अपने नाम कर लिया था।