साल 2016 में क्रिकेट के 8 सबसे बड़े विवाद
साल 2016 में टीम इंडिया और खिलाड़ियों से कई विवादों ने कुकुरमुत्ते की तरह जन्म लिया।

साल 2016 क्रिकेट के लिहाज से बेहतरीन साल रहा। इस साल दो बड़े टूर्नामेंट्स एशिया कप टी20 और विश्व कप टी20 का आयोजन किया गया जिनमें दुनियाभर की टीमों ने अपना कौशल दिखाया। लेकिन इस बीच मैदान के बाहर और भीतर कई ऐसी बातें देखने को मिलीं जिसने जेंटलमेन गेम में तनाव भी ला दिया। हम आपको इस ईयरएंडर में साल के 8 सबसे बड़े विवादों के बारे में बताने जा रहे हैं। वैसे तो इस साल कई विवाद हुए लेकिन हमने कुछ प्रमुख विवादों को इसमें जगह दी है। तो आइए जानते हैं।
1. लोढ़ा समिती और बीसीसीआई का विवाद: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति और बीसीसीआई के बीच तनातनी तो साल 2015 से शुरू हो गई थी। लेकिन साल 2016 में इनके इस विवाद ने बड़ा रूप अख्तियार कर लिया और इसका हर्जाना बीसीसीआई को बड़े स्तर पर चुकाना पड़ा। आपको बता दें कि बीसीसीआई की कार्यपद्धति में आमूल- चूल बदलाव लाने के लिए लोढ़ा समिति ने कुछ सिफारिशें पेश की थीं ताकि बीसीसीआई के ढांचे में पारदर्शिता लाई जा सके। लेकिन बीसीसीआई लगातार इन सुझावों को लागू करने को लेकर आनाकानी कर रहा था।
बीसीसीआई के इस रवैए से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के फंड को फ्रीज कर दिया और इसके बाद इंग्लैंड का भारत दौरा तक खटाई में पड़ता नजर आ रहा था। लेकिन इसके बाद कुछ बातचीत के तहत हल निकाला गया और इस सीरीज को बिना रुके आयोजित किया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर द्वारा बीसीसीआई के प्रेजीडेंट अनुराग ठाकुर पर अवमानना और झूठी गवाही का आरोप लगाया गया। इस दौरान बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल और सुप्रीम कोर्ट की अच्छी मार पड़ी। हालांकि, अभी लड़ाई जारी है। [ये भी पढ़ें: ये हैं साल 2016 के शीर्ष 10 बेहतरीन वनडे गेंदबाज]
2. हर्षा भोगले का विवाद: टी20 विश्व कप 2016 के भारत बनाम बांग्लादेश मैच में दोनों टीमों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली इस रोमांचक मैच के अंतिम ओवर में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को एक रन से हरा दिया। लेकिन इस जीत के बावजूद कमेंटेटर हर्षा भोगले ने बांग्लादेश टीम के खेल की जमकर तारीफ की। इसके बाद बॉलीवुड के लीजेंड अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये ज्यादा बेहतर होता अगर पूरे समय हर्षा दूसरे के बारे में बालने से ज्यादा अपने खिलाड़ियों की ज्यादा तारीफ करते। इसके बाद हर्षा का कॉन्ट्रेक्ट आईपीएल से खत्म कर दिया गया और उसके बाद वह कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी नजर नहीं आए? क्या ये उसी ट्वीट के कारण हुआ था। हालांकि, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
3. अर्जुन तेंदुलकर- प्रनव धनवड़े विवाद: सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंडुलकर का चयन हुबली में खेले गए अंतर क्षेत्रीय टूर्नामेंट में पश्चिम क्षेत्र की अंडर-16 टीम में किया गया था। यह चयन ज्यादा सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि एक पारी में 1,000 रन बनाने प्रणव धनावड़े का इस टीम में चयन नहीं हुआ था। प्रणव धनवड़े जैसी उभरती प्रतिभा के न चुने जाने से सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर लोग धनवड़े को आज का एकलव्य बता रहे थे। प्रणव के पिता एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं। जिस चयन समिति ने अंडर-16 टीम का चयन किया थे उसमें समीर दीघे भी थे। दीघे सचिन तेंदुलकर के करीबी और शुभचिंतक के रूप में जाने जाते हैं।
स्कूली क्रिकेट में 1,009 रन की नाबाद पारी खेलकर देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धनावड़े खबरों में छा गए थे। इस पारी के बाद धनावड़े को खुद सचिन तेंदुलकर ने अपने ऑटोग्राफ वाला बल्ला गिफ्ट किया था। इस विवाद को जब बड़े स्तर पर टटोला गया तो पता चला। बाद में खुद प्रनव ने अर्जुन का समर्थन किया और कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। यहां तक कि प्रनव के कोच ने भी इस मामले को बकवास करार दिया।
4. अमिताभ बच्चन का राष्ट्रगान वाला विवाद: वर्ल्ड कप टी20 2016 में भारत- पाक मैच के पहले अमिताभ बच्चन ने खिलाड़ियों को साथ राष्ट्रगान गाया। मैच के बाद सोशल मीडिया में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमिताभ ने राष्ट्रगान गाने के लिए 4 करोड़ रुपए लिए थे। इस रिपोर्ट पर अमिताभ के कुछ प्रशंसकों ने प्रतिक्रिया दी, तो कुछ ने उनके देशप्रेम पर ही उंगली उठा दी। इसके बाद जब इस संबंध में सीएबी से स्पष्टीकरण मांगा गया तो सीएबी के एक शीर्ष अधिकारी सौरव गांगुली ने सोशल मीडिया की रिपोर्ट को गलत बताया। उन्होंने कहा, “नहीं, अमिताभ बच्चन ने हमसे कोई पैसे नहीं लिए।” गांगुली ने यह भी कहा था कि अमिताभ बच्चन ने इस प्रस्तुति के लिए अपनी फ्लाइट बुकिंग से लेकर होटल आदि के लिए भी अपनी जेब से ही खर्च किए, जो लगभग 30 लाख रुपए हुए। गांगुली ने यह भी कहा कि उन्होंने बच्चन से पैसे लेने का निवेदन भी किया, लेकिन वह लेने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हुए।
5. एमएस धोनी का मैगजीन कवर विवाद: सितंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एमएस धोनी को एक मैगजीन के कवर पेज में खुद को भगवान के रूप में प्रदर्शित करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में चल रहे केस को रद्द कर दिया। बिजनेस टुडे मैगजीन के कवर पेज पर छपी इस तस्वीर में विष्णु बने धोनी के आठ हाथों में कई तरह के उत्पाद दिखाए गए थे। इनमें एक जूता भी शामिल था। दरअसल, पत्रिका ने विज्ञापनों में धोनी की लोकप्रियता के बारे में खबर लिखी थी। इसमें ये बताया गया था कि धोनी विज्ञापन देने वालों की पहली पसंद हैं। खबर का शीर्षक था, ‘गॉड ऑफ बिग डील्स’। इस कवर फोटो में धोनी के हाथ में कई ब्रांड्स की चीजें नजर आ रही थीं, जिसमें रिबॉक का जूता भी शामिल था।
इस तस्वीर को लेकर धोनी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था। एक वकील ने बेंगलुरु के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आईपीसी की धारा 295 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद, मजिस्ट्रेट ने इस मामले में धोनी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का तलब जारी कर दिया था।
इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे धोनी ने दलील दी कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। मैगजीन ने अपनी मर्जी से उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया। धोनी की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि उनकी तस्वीर को भगवान की तरह पेश करने का फैसला मैगजीन के संपादकों का था। उन्होंने अपनी फोटो के लिए मैगजीन से कोई पैसा नहीं लिया। ऐसे में उन्हें इस मामले में पक्ष बनाना बिल्कुल गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मजिस्ट्रेट ने समन जारी करते वक्त सही कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। धोनी के खिलाफ यह शिकायत जयकुमार हिरेमथ ने दर्ज करवाई थी।
6. विराट कोहली- जेम्स एंडरसन विवाद: इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने अपनी खराब फॉर्म का दर्द को छुपाने के लिए मुंबई टेस्ट के चौथे दिन विराट कोहली की बैटिंग टैक्निक को लेकर सवाल उठाए थे। मैच के चौथे दिन विराट ने शानदार दोहरा शतक जड़ते हुए इंग्लैंड को पिछले कदमों पर धकेल दिया था और पहली पारी के आधार पर 231 रनों से भारी बढ़त टीम इंडिया को दिलवा दी थी और अंततः टीम इंडिया ने इसी बढ़त का फायदा लेते हुए मैच के पांचवे दिन एक बड़ी जीत दर्ज की।
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंग्लैंड के मुख्य तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन से विराट कोहली की बैटिंग टैक्निक के बारे में बात की गई और पूछा गया कि पिछली बार जब उन्होंने उनका सामना किया था तबसे उनकी टैक्निक कितनी बदली है। एंडरसन ने कहा, “उन्हें नहीं लगता कि वह बदले हैं। मुझे लगता है कि जो भी टैक्निकल खामियां उनमें हैं वह यहां खेल के दौरान दिखाई नहीं दीं। यह इसलिए क्योंकि ये विकेट अलग है।” एंडरसन ने इस सीरीज के पहले तीन टेस्ट मैचों में सिर्फ 4 विकेट हासिल किए थे जो उनके जैसे गेंदबाज के हिसाब से बेहद खराब रिकॉर्ड था।
एंडरसन ने विकेट न ले पाने का कारण और खासकर विराट कोहली को आउट न कर पाने का कारण (जिन्हें उन्होंने साल 2014 में चार बार आउट किया था) बताते हुए कहा था, “विकेट बहुत अलग था। न ही पिच में इतना पेस था और न घुमाव कि उनके बल्ले का बाहरी किनारा लगता जैसा कि हमने इंग्लैंड में किया था।”
एंडरसन के इस बयान के बाद लोग सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना कर रहे थे। ये बात सिर्फ फैन्स तक ही सीमित नहीं रही बल्कि उनके इस बयान के कारण मैच के पांचवें दिन जब वह बल्लेबाजी को गए तो उनकी रविचंद्रन अश्विन से भी ठन गई थी। विराट कोहली ने मैदान पर हुई इस गहमागहमी को शांत करने की कोशिश की और पूरी बात प्रेस कॉन्फ्रेंन्स में बताई। उन्होंने कहा, “मैंने पहली बार चीजों को शांत करने की कोशिश की। उसने जो कल प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा था उससे अश्विन खुश नहीं थे। अश्विन ने मुझे ये बात मैदान पर बताई। जाहिर है कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे नहीं पता था कि इसका क्या किया जाए। मैं तो इस बारे में सोचकर हंस रहा था, लेकिन अश्विन खुश नहीं थे। उन्होंने उसे(एंडरसन) बता दिया कि वह कोई खराब शब्द का इस्तेमाल न करे। अश्विन ने उसे बताया कि जो उसने कहा उसे सुनकर उन्हें(अश्विन को) निराशा हुई। यह महत्वपूर्ण है कि हार को स्वीकार किया जाए। आप जानते ही हैं कि अश्विन कैसे हैं। वह खरी बात बोलते हैं। वह आप पर सीधा वार करेंगे और उन्हें कोई खराब शब्द कहने की भी जरूरत नहीं है।”
7. सौरव गांगुली- रवि शास्त्री विवाद: इस साल जब टीम इंडिया के नए कोच के चयन की बात आई तो एक सिलेक्शन कमिटी बनाई गई और इसमें सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली और संजय जगदाले को शामिल किया गया। इंटरव्यू के समय लक्ष्मण और संजय ताज बंगाल होटल में थे। सचिन स्काइप के जरिए लंदन से जुड़े। वहीं इंटरव्यू देने के लिए रवि शास्त्री बैंकॉक में थे और वे भी वीडियो लिंक के जरिए जुड़े। जब शास्त्री इंटरव्यू दे रहे थे, तब सौरव नदारद थे। वे मीटिंग रूम से बाहर चले गए। उस वक्त फोन कॉल्स भी उन्होंने नहीं उठाए। शास्त्री ने बाद में मीडिया से कहा था, “मैंने टीम डायरेक्टर के तौर पर 18 महीने काफी मेहनत की थी, फिर भी मुझे हेड कोच के रूप में नहीं चुना गया। मुझे जब यह खबर मिली तो मैं काफी निराश हुआ। मेरा इंटरव्यू शाम को 5 से 6 बजे के बीच हुआ था। इंटरव्यू के दौरान सचिन, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले थे। गांगुली नहीं थे।” इसके बाद गांगुली ने कहा था, ”मैं भी शास्त्री को एक एडवाइस देना चाहता हूं कि अगर आपके लिए यह इंटरव्यू इतना ही अहम था तो बैंकॉक के किसी बीच पर छुट्टी न मनाते हुए आपको यहां होना चाहिए था। कुंबले ने यहां दो घंटे तक प्रजेंटेशन दिया था।”
8. विराट कोहली- बेन स्टोक्स विवाद: भारत और इंग्लैंड के बीच मोहाली टेस्ट की पहली पारी में बेन स्टोक्स ने आउट होने के बाद पवेलियन जाते हुए कोहली से बहस की थी। जिसके बाद कोहली ने अंपायरों से शिकायत की और स्टोक्स को आईसीसी ने डांट लगाई थी। लेकिन इसके बाद कोहली ने स्टोक्स को अपने अंदाज में सबक सिखाने का निर्णय लिया। इसके बाद मैच के तीसरे दिन का अंतिम ओवर लेकर आए रविचन्द्रन अश्विन ने पहली ही गेंद पर स्टोक्स के खिलाफ एलबीडब्लू की अपील की, लेकिन अंपायर ने इस अपील को नकार दिया। कोहली ने डीआरएस का सहारा लिया और अंपायर को अपना निर्णय बदलते हुए स्टोक्स को आउट करार देना पड़ा। इसके बाद पवेलियन लौटते हुए स्टोक्स को देखकर कोहली ने अपने दोनों हाथ मुंह पर रखते हुए चुप होने का इशारा किया। गौरतलब है कि पहली पारी में कोहली आउट हुए थे तब स्टोक्स ने भी जश्न मनाते हुए इस तरह का इशारा किया था।