मुझे लगता है कि पृथ्वी शॉ को दी गई सजा थोड़ी कठोर है: दिलीप वेंगसरकर
प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर डोप टेस्ट में फेल हुए पृथ्वी शॉ को 8 महीनों के लिए बैन कर दिया गया है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर का मानना है डोपिंग मामले में युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ पर लगाया गया 8 महीने का बैन कड़ी सजा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए बयान में वेंगसरकर ने कहा, “मुझे लगता है कि शॉ को दी गई सजा उसके अपराध के मुकाबले ज्यादा कड़ी है। बीसीसीआई को उसकी उम्र और बैकग्राउंड को देखते हुए सजा देने में नर्मी बरतनी चाहिए थी।”
पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, “साधारण बैकग्राउंड से आने वाले युवा खिलाड़ी के लिए ये कड़ी सजा है। उन्हें ये बातें राजकीय स्तर पर या नेशनल क्रिकेट अकादमी में या फिर सपोर्ट स्टाफ के जरिए खिलाड़ियों को सिखानी चाहिए। साधारण परिवार से आने वाले खिलाड़ी को प्रतिबंधित पदार्थ और खांसी के सिरप के बीच अंतर नहीं पता होगा।”
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भारतीय टीम के चयनकर्ता भी रह चुके वेंगसरकर ने शॉ को 8 महीनों की बजाय तीन या चार महीनों की सजा देने की बात भी कही।
उन्होंने कहा, “उसे 8 महीनों के लिए बैन करने के बजाय, जिस दौरान वो कई अहम मैच नहीं खेल पाएगा, बीसीसीआई को उसे तीन या चार महीने के लिए सस्पेंड करना चाहिए था। ये समस्या का हल भी होता और साथ ही साथ उसके और बाकी खिलाड़ियों के लिए कड़ा सबक होता।”