ख्वाब जिंदा है... विजय हजारे में धमाल मचाने के बाद बोले- करुण नायर
करुण नायर ने कहा कि भारत के लिए खेलने का उनका सपना अभी जिंदा है. आठ साल हो गए जब उन्होंने आखिरी बार भारत के लिए कोई मुकाबला खेला था.
बेंगलुरु: करुण नायर लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे. और फिर तीन साल पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा- डियर क्रिकेट, प्लीज मुझे एक मौका और दो. और क्रिकेट ने वह मौका दिया. विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने धमाकेदार वापसी की. घरेलू 50 ओवर के इस टूर्नमेंट में उन्होंने पांच सेंचुरी लगाई हैं. और अब आठ साल बाद वह एक बार फिर भारतीय जर्सी पहनने के लिए सावधानीपूर्वक आशावान हैं.
विदर्भ के लिए करुण नायर ने इस साल 756 के कमाल के औसत से 756 रन बनाए हैं. उनके अंदर रनों की भूख साफ नजर आ रही है. तीन साल पहले उन्होंने क्रिकेट से जो मौका मांगा था वह उन्हें मिल गया है. और वह इस मौके का पूरा फायदा भी उठा रहे हैं.
अब करुण नायर की नजरें भारतीय टीम में वापसी पर हैं. आठ साल हो गए जब उन्होंने भारत के लिए आखिरी बार कोई मुकाबला खेला था. इस वीकएंड पर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो सकता है. नायर जिस तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं उस पर सिलेक्टर्स की नजरें तो होंगी. क्या वह नायर को टीम में शामिल करेंगे, यह सवाल बड़ा है.
हालांकि नायर जिस तरह से खेल रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि उनका दावा मजबूत है. नायर के लिए भी यह उम्मीद करना बेमानी नहीं है कि उन्हें भारतीय टीम में जगह मिले. भले ही उन्हें टीम से बाहर हुए काफी वक्त हो गया हो लेकिन उन्होंने वापसी की उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘देश के लिए खेलना हमेशा से एक ख्वाब रहा है. और मेरा यह ख्वाब अभी जिंदा है. आखिर हम इसलिए ही तो क्रिकेट खेलते हैं कि अपने देश के लिए खेल सकें.’
नायर का करियर हालांकि काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. वह कई बार नजदीकी मौके चूक चुके हैं. वह इसे अपना तीसरा कमबैक मान रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह मेरा तीसरा कमबैक है. और मुझे वही करते रहना है जो मैं इस वक्त कर रहा हूं. हर मैच में रन बनाऊं, जितना हो सके बस यही करता जाऊं. बाकी चीजों पर मेरा नियंत्रण नहीं है.’
नायर हालांकि अभी जल्दी खुश नहीं होना चाहते. उन्होंने कहा, ‘जब तक सिलेक्शन नहीं हो जाता तब तक यह सिर्फ एक सपना है. यह अभी सच नहीं हुआ. लेकिन, जैसा कि मैने कहा कि मैं एक वक्त पर सिर्फ एक ही पारी पर अपना ध्यान रखना चाहता हूं.’
तो, इस बार रन बनाने के लिए ऐसा क्या अलग किया है? इस पर इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने कुछ भी अलग नहीं किया है. इसका कोई राज नहीं है. यह जो आज मिल रहा है यह सिर्फ वर्षों की कड़ी मेहनत और धैर्य का नतीजा है. और शायद आप कह सकते हैं कि हर दिन को नए तरीके से लेना शुरू किया. मैंने यह तय किया कि मैं अपनी हर पारी का सम्मान करूं.’
लेकिन ऐसे भी दिन थे जब करुण अपने क्रिकेट करियर को लेकर फिक्रमंद थे. घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में जब उनके रन पूरी तरह सूख गए थे, तब यह डर उनके मन में जरूर था.
“अगर मैं कहूं कि मुझे डर नहीं था, तो यह झूठ होगा. मुझे लगता है कि किसी के भी मन में ऐसे विचार आ सकते हैं. लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा कि मेरा करियर खत्म हो गया है. मेरे मन में बस यह सवाल था कि यह सब कहां जा रहा है? मैं क्या कर रहा हूं? ऐसा कैसे हो गया?
“इस स्थिति से बाहर आने और यह समझने में थोड़ा समय लगता है कि हो क्या रहा है और फिर आपको क्या करना है. तो, मैंने खुद से कहा कि मुझे फिर से ज़ीरो से शुरुआत करनी होगी.
“मैंने खुद को कुछ साल दिए और सोचा कि देखता हूं कि यह कहां तक जाता है. फिर मैं तय करूंगा कि क्या करना है. यही मेरी सोच थी.’