अब पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के पाले में !
पंजाब चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने खेला नया दांव

नवजोत सिंह सिद्धू जहां भी रहे, उन्होंने वहां अपनी अलग पहचान बनाई। क्रिकेट के मैदान पर ‘सिक्सर सिद्धू’ कहलाए, तो कमेंट्री चाहे वह हिन्दी में हो या इंग्लिश में, अपने जुमलों और कहावतों से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। राजनीति में भी उनका पंजाब में दबदबा रहा और एक समय बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे। पार्टी ने उनका उपयोग भीड़ खींचने के लिए खूब किया। टीवी शो में छाए और अब राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर राजनीति में भी कुछ नया करने का संकेत दिया है। जाहिर है एक समय स्पिनरों को डराने वाले इस बल्लेबाज ने अब राजनीति में नए अंदाज में बैटिंग शुरू कर दी है, इससे उनकी पार्टी BJP और सहयोगी अकाली दल में खलबली मच गई है।
क्रिकेट के किसी रोमांचक मुकाबले की तरह सिद्धू राजनीति में भी रोमांच बनाए हुए हैं। बीजेपी का दामन छोड़कर आप के साथ जाने के दावे को भी उन्होंने उस वक्त खारिज कर दिया जब सिद्धू ने अपनी अलग पार्टी बना ली। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी आवाज-ए-पंजाब के प्रतिनिधियों के संपर्क में नहीं है। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर उनका न्यूनतम साझा कार्यक्रम हमारे कार्यक्रम में फिट बैठता है तो हम उनका स्वागत करेंगे। ये भी पढ़े: कोलकाता टेस्ट में ये पांच खिलाड़ी लिखेंगे टीम इंडिया के लिए जीत की इबारत
क्रिकेट खेलने के समय सिद्धू बहुत कम बोलते थे, लेकिन उनका अंदाज दबंगों वाला था और वह किसी से झिझकते नहीं थे। बात 1996 के वर्ल्ड कप के बाद की है जब भारतीय टीम 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए जून में इंग्लैंड गई थी, पहले टेस्ट के बाद कप्तान अजहरुद्दीन से मनमुटाव के चलते नवजोत सिंह सिद्धू बेहद नाराज हो गए और दौरा बीच में ही छोड़कर वापस भारत आ गए थे। बाद में बीसीसीआई के पूर्व सचिव जयवंत लेले ने अपनी किताब में दावा किया कि अजहर ने सिद्धू के लिए हैदराबादी वाक्य का इस्तेमाल किया, जिसे सिद्धू ने अपमान मान लिया। फिर इस बारे में कुछ ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता।