Manoj Shukla
मनोज शुक्ला क्रिकेटकंट्री हिंदी में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं
Written by Manoj Shukla
Last Updated on - September 28, 2016 4:47 PM IST
कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गए 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को करारी शिकस्त दी थी। अब सीरीज का कारवां कोलकाता की तरफ बढ़ गया है, जहां भारत इस मैच को जीतकर सीरीज पर भी कब्जा जमाने की कोशिश करेगा। पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने एक इकाई के रूप में दमदार खेल दिखाया और न्यूजीलैंड को नाको चने चबवा दिए। अब बारी है कोलकाता के ऐतिहासिक मैदान ईडेन गार्डेन में होने वाले मुकाबले की। ईडेन गार्डेन हमेशा से भारत के लिए काफी अच्छा साबित हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर खेला मुकाबला कोई भी क्रिकेट प्रशंसक नहीं भुला सकता। किस तरह भारत फॉलोआन के बाद भी ऑस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब हुआ था। ऐसे में एक बार फिर से मैदान सज चुका है, भारतीय सूरमा भी तैयार हैं अब बस इंतजार है तो उस पल का जब भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर से ईडेन गार्डेन में इतिहास रचेंगे। तो आइए नजर डालते हैं ऐसे 5 खिलाड़ियों पर जो कोलकाता में भारत की जीत के नायक साबित हो सकते हैं।
5. मुरली विजय:
भले ही मुरली विजय को ओपनिंग साझेदार न मिल पा रहा हो, लेकिन उनके प्रदर्शन पर इसका कोई फर्क पड़ता नहीं दिक रहा है। मुरली विजय ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शानदार खेल दिखाते हुए अर्धशथक जमाए थे। मुरली विजय ने पहली पारी में 65 और दूसरी पारी में उससे भी ज्यादा 76 रन बनाए थे। विजय ने विपक्षी गेंदबाजों को आसानी से अपना विकेट नहीं दिया। पहला विकेट गिरने के बाद टीम को संभालने की जिम्मेदारी विजय ने बखूबी निभाई और अपने विकेट की कीमत पहचानते हुए आसानी से अपना विकेट नहीं गंवाया। मुरली विजय के प्रदर्शन को देखकर कह सकते हैं कि वो कोलकाता में भारत की जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ये भी पढ़ें: टीम में वापसी के बाद छलका गौतम का ‘गंभीर’ दर्द
4. चेतेश्वर पुजारा:
मैच दर मैच टीम की जरूरत बनते जा रहे चेतेश्वर पुजारा ने टीम के दूसरे भरोसेमंद बनने की तरफ हैं। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में पहला विकेट जल्द गिरने के बाद मैदान पर बल्लेबाजी के लिए आए पुजारा ने शानदार खेल दिखाया। पुजारा ने न सिर्फ विजय के साथ अच्छी साझेदारी की बल्कि उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक भी लगाए। पुजारा ने पहली पारी में 62 और दूसरी पारी में 78 रनों का योगदान दिया था। राहुल द्रविड के जाने के बाद भारतीय टीम में तीसरे नंबर पर खेलते हुए पुजारा ने निरंतर रन बनाए हैं और टीम को ये भरोसा भी दिया है कि संकट के समय में भारत पुजारा के बल्ले पर पूरा भरोसा कर सकता है।
3. विराट कोहली:
भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली का बल्ला फिलहाल खामोश है। पहले टेस्ट में विराट रनों को जूझते नजर आए थे। लेकिन जिस तरह की क्रिकेट विराट कोहली खेलते हैं ऐसे में उनके बल्ले को ज्यादा देर खामोश रखना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं है। विराट कोहली की क्षमता पर सबको भरोसा है और विपक्षी टीम भी उन्हें कभी हल्के में नहीं लेती। विपक्षी टीम में खौफ के लिए विराट का नाम ही काफी है। विराट कोहली ने भारत को कई मैच अपने बलबूते जिताए हैं। विराट की तकनीकि उन्हें महान बल्लेबाजों की सूचि में खड़ा करती है। ऐसे में विराट कोहली को ज्यादा देर तक खामोश रख पाना लगभग नामुमकिन है। तो भारतीय प्रशंसक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोलकाता में कोहली विराट प्रदर्शन जरूर करेंगे और टीम को जीत दिलाएंगे। ये भी पढ़ें: ओपनिंग के लिए शिखर धवन-गौतम गंभीर में जबर्दस्त टक्कर
2. रविंद्र जडेजा:
रविंद्र जडेजा की बात करें तो उन्होंने अपने ऑलराउंड खेल से भारतीय प्रशंसकों के दिलों को जीतने में कामयाबी पाई है। टीम में ऑलराउंडर की कमी को उन्होंने बखूबी भरा है। पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ जडेजा ने पहले बल्ले से धमाल मचाया और फिर गेंद से भी कमाल दिखाया। पहले बल्लेबाजी करते हुए जडेजा ने नाबाद 42 रन बनाए और गेंदबाजी में पांच विकेट भी झटके। जडेजा ने पांच विकेट लेकर न्यूजीलैंड की कमर तोड़ दी थी और उनकी फिरकी को समझना कीवियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही थी। दूसरी पारी में भी जडेजा ने बल्ले से कमाल दिखाते हुए नाबाद अर्धशतक जड़ा और गेंदबाजी में न्यूजीलैंड का एक विकेट चटकाया। जडेजा के दमदार खेल की बदौलत उन्हें पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। तो इस बात का पूरा भरोसा है कि कोलकाता के ईडेन गार्डेन में भी जडेजा बल्ले और गेंद दोनों से धमाल मचाएंगे।
1.आर अश्विन:
असल मायनों में अगर कानपुर टेस्ट का कोई हीरो था तो वो थे आर अश्विन। अश्विन ने बल्ले और गेंद से जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए गजब का खेल दिखाया। अश्विन ने कानपुर टेस्ट में 10 विकेट झटके और भारत की तरफ से सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने की उपलब्धि हासिल की। अश्विन ने 37 मैचों में 200 विकेट का आंकड़ा छुआ जो उन्हें कुंबले, हरभजन, श्रीनाथ जैसे गेंदबाजों से भी आगे निकाल देता है। अश्विन की फिरकी में कीवी बल्लेबाज कुछ इस तरह फंसे की उन्हें ‘दूसरा’ और ‘कैरम’ में फर्क ही नहीं पता चला और पूरी टीम तास के पत्तों की तरह ढह गई। अश्विन ने अपनी बॉलिंग में परिपक्वता और विविधता का परिचय देते हुए कीवियों के लिए एक पहेली बने रहे जिसका कीवी बल्लेबाजों के पास कोई तोड़ नहीं था। पहली पारी में बल्लेबाजी का मौका मिलने पर अश्विन ने टीम को निराश नहीं किया और 40 महत्वपूर्ण रन बनाए। अश्विन ने जिस तरह से खुद को बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया वो काबिलेतारीफ है। कानपुर टेस्ट के बाद कप्तान कोहली ने भी अश्विन की जमकर तारीफ की थी। कोलकाता में भी अगल किसी खिलाड़ी से टीम को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं तो वो हैं आर अश्विन।
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