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कभी- कभी क्रिकेट खेलने पर अफसोस होता है, मोहम्मद अजहरुद्दीन क्यों हुए नाराज ?
भारत के पूर्व कप्तान ने कहा, मैं इस अन्याय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं और मैं बीसीसीआई से हस्तक्षेप करने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.
Written by Akhilesh Tripathi
Published: Apr 21, 2025, 02:10 PM (IST)
Edited: Apr 21, 2025, 02:10 PM (IST)

Mohammad Azharuddin: भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के लोकपाल की तरफ से राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के निर्देश पर अपनी पीड़ा व्यक्त की. आईएएनएस से बात करते हुए भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि यह ‘दिल तोड़ने वाला’ और ‘खेल के लिए पूरी तरह से अपमान’ है.
उन्होंने आईएएनएस से कहा, यह कहते हुए मुझे बहुत दुख होता है, लेकिन कभी-कभी मुझे क्रिकेट खेलने का अफसोस होता है, यह देखकर दिल टूट जाता है कि खेल के बारे में बहुत कम या बिल्कुल भी समझ न रखने वाले लोग अब सिखाने और नेतृत्व करने की स्थिति में हैं, यह खेल के लिए पूरी तरह से अपमान है. हैदराबाद स्टेडियम स्टैंड से अपना नाम हटाए जाने पर अजहरुद्दीन ने कहा, ‘कभी-कभी मुझे क्रिकेट खेलने का अफसोस होता है’
बीसीसीआई से हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे: अजहरुद्दीन
अजहरुद्दीन ने कहा कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे. पूर्व कप्तान ने कहा, मैं इस अन्याय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं और मैं बीसीसीआई से हस्तक्षेप करने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं. यह मुद्दा अकेला नहीं है – सनराइजर्स हैदराबाद का भी एसोसिएशन ओवरपास के साथ विवाद था, जो कुप्रबंधन और संघर्ष के पैटर्न को उजागर करता है.
सिस्टम के भीतर भ्रष्टाचार उजागर करना पड़ा महंगा: अजहरुद्दीन
उन्होंने कहा, जो कुछ भी सामने आ रहा है वह समझ से परे है और यह मुझे व्यक्तिगत स्तर पर आहत करता है, मुझे एचसीए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई, सिर्फ इसलिए कि मैंने सिस्टम के भीतर भ्रष्टाचार को उजागर किया, इस सच्चाई ने मुझे निशाना बनाया. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. ईश्वरैया, जो एचसीए के नैतिकता अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं, ने राज्य संघ की एक सदस्य इकाई लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा प्रस्तुत याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया। याचिका में पूर्व एचसीए अध्यक्ष अजहरुद्दीन पर मनमाने निर्णय लेकर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
बता दें कि अजहरुद्दीन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने दिसंबर 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में एक शीर्ष परिषद की बैठक में भाग लेकर एचसीए के नियमों का उल्लंघन किया, जिसके दौरान उनके पदभार ग्रहण करने के ठीक एक महीने बाद उत्तरी स्टैंड का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव पारित किया गया था. एचसीए संविधान के अनुसार, इस तरह के प्रस्ताव को आम सभा द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है, अज़हरुद्दीन सितंबर 2019 से सितंबर 2023 तक एचसीए के अध्यक्ष रहे.
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इनपुट- IANS