AUS vs IND: जसप्रीत बुमराह की कप्तानी रोहित शर्मा से बेहतर थी, साइमन कैटिच ने वजह भी बताई
भारत को ऐडिलेड टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर भी सवाल उठे. रोहित ने खास तौर पर अपने गेंदबाजों को जिस तरह इस्तेमाल किया वह काफी आलोचकों के निशाने पर रहा.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज साइमन कैटिच ने रोहित शर्मा की कप्तानी (Rohit Sharma Captaincy) पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ऐडिलेड में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) के दूसरे टेस्ट मैच में रोहित शर्मा की ओर से गेंदबाजी में किए गए बदलावों पर नाखुशी जाहिर की है. भारत को ऐडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट मैच में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था.
कैटिच ने कहा कि रोहित स्लिप में फील्डिंग कर रहे थे लेकिन इसके बावजूद वह पिंक-बॉल टेस्ट में समझदारी से गेंदबाजी में बदलाव नहीं कर पाए. क्रिकेटर से कॉमेंटेटर बने कैटिच का मानना है कि पर्थ टेस्ट में जसप्रीत बुमरहा की कप्तानी कहीं बेहतर थी. भारत ने सीरीज का पहला टेस्ट 295 रन के अंतर से जीता था.
रोहित की कप्तानी में भारत लगातार चार टेस्ट मैच हार चुका है. न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार मिली थी. इसके साथ ही रोहित मंसूर अली खान पटौदी, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर की लिस्ट में शामिल हो गए हैं.
साइमन कैटिच ने ‘अराउंड द विकेट’ पॉडकास्ट में कहा, ‘अगर आप इन दो नतीजों की तुलना करें तो बेशक पर्थ में रोहित शर्मा नहीं खेले थे. और मुझे लगता है कि बुमराह की कप्तानी खास तौर पर उनके गेंदबाजों का इस्तेमाल जिस लेंथ पर उन्होंने गेंदबाजी की, वह उससे कहीं ज्यादा बेहतर थी, जो हमने ऐडिलेड में देखा. पर्थ में पहले दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सात विकेट पर 67 रन था. भारत ने स्टंप्स पर ज्यादा आक्रामण किया और उससे कहीं ज्यादा फुल और सीधी लाइन पर गेंदबाजी की.’
कैटिच ने कहा कि ऐडिलेड में गेंदबाजी की लाइन जरा अलग थी. उन्होंने कहा, ‘वहीं अगर आप ऐडिलेड का पिच मैप देखें तो पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद आप नजर डालें तो बॉलिंग कहीं ज्यादा शॉर्ट और वाइड थी. करीब 7-8 मीटर के निशान पर. तो, आपने एक ट्रिक मिस कर दी. रोहित शर्मा पहली स्लिप में थे. उन्होंने सब पूरा व साफ-साफ देखा. जब यह सब हो रहा था तो उन्हें अपने गेंदबाजों के साथ अधिक सक्रिय होना चाहिए था. क्योंकि पहला टेस्ट मैच हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया मुश्किल में थआ. वह किसी तरह से इससे बाहर निकलना चाहता था. लेकिन वह इससे बाहर निकला और उसने आखिर में टेस्ट जीता.’