हार्दिक पंड्या के कप्तान बनने के बाद कैसा था MI का माहौल, जसप्रीत बुमराह ने खोला हर राज
हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमराह के बीच आखिर कैसे रिश्ते थे. हार्दिक पंड्या को जब कप्तान बनाया गया तो आखिर टीम का माहौल कैसा था.
हार्दिक पंड्या को जब मुंबई इंडियंस का कप्तान बनाया गया तो इसे लेकर खूब विवाद हुआ. साल 2024 के इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत से पहले रोहित शर्मा को हटाकर हार्दिक को कप्तान बनाया गया. अब पहली बार टीम के किसी खिलाड़ी ने इस पर अपनी राय दी है. भारत और मुंबई इंडियंस के स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह ने इस पर अपनी राय रखी है.
मुंबई इंडियंस की टीम में कई बड़े सितारे हैं. और बुमराह इनमें से एक हैं. और ऐसा भी कहा गया कि फ्रैंचाइजी के इस फैसले से बुमराह नाखुश थे. मुंबई इंडियंस की टीम में रोहित, हार्दिक और बुमराह के अलावा भारतीय टी20 टीम के मौजूद कप्तान सूर्यकुमार यादव भी शामिल हैं.
मुंबई इंडियंस की टीम के इस फैसले से कई फैंस भी काफी नाराज हुए. फैंस को यह फैसला बिलकुल पसंद नहीं आया. हार्दिक 2022 में दो साल पहले गुजरात टाइटंस की टीम का हिस्सा बन गए थे. और उनकी कप्तानी में टीम अपने पहले दो साल लगातार फाइनल तक पहुंची. जब भी हार्दिक पंड्या मुंबई के मैदान पर उतरे तो फैंस ने उनकी खूब आलोचना की. फैंस ने उन्हें लगातार निशाने पर लिया. लेकिन जब हार्दिक वर्ल्ड कप जीतकर लौटी तो उसी वानखेड़े मैदान पर हार्दिक की खूब तारीफ हुई और फैंस ने उनका हौसला बढ़ाया.
बुमराह ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा, ‘कई बार हमें लगता है कि हम ऐसा देश में रहते हैं जहां भावनाओं पर काफी चर्चा होती है. हम समझते हैं कि फैंस भावुक हो जाते हैं. खिलाड़ी भावुक हो जाते हैं. इसका असर पड़ता है कि आप एक भारतीय खिलाड़ी हैं और आपके अपने फैंस अच्छी बातें नहीं कर रहे हैं. लेकिन आपको इसका डटकर सामना करना होता है. आप ऐसे लोगों को कैसे रोक सकते हैं? जब आप खुद पर ध्यान देते हैं तो आप वह दरवाजा बंद कर देते हैं. यह इतना आसान नहीं है. वे चिल्ला रहे हैं और आप उन्हें सुन सकते हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस अड्डा पर उन्होंने कहा, ‘लेकिन तब आपके करीबी लोग आपकी मदद करते हैं. एक टीम के तौर पर इस तरह के व्यहवार का समर्थन नहीं करते. एक टीम के तौर पर हम उसके साथ थे. हम उससे बात कर रहे थे. उनका परिवार हमेशा उनके साथ था. कुछ चीजें हमारे नियंत्रण के बाहर होती हैं. और जब वह हम वर्ल्ड कप जीते तो हार्दिक के लिए लोगों का नजरिया भी बदला.’
‘आप इसे गंभीरता से नहीं ले सकते. अब वे ही लोग तारीफ कर रहे हैं. यह स्थायी नहीं है. जब हम कोई मैच हारेंगे तो यह नजरिया दोबारा बदल जाएगा. क्योंकि हम एक ऐसा खेल खेलते हैं जो बहुत लोकप्रिय है. हर खिलाड़ी को इससे गुजरना पड़ता है. यह खिलाड़ी की जिंदगी का हिस्सा है. ऐसी चीजें होती हैं जो बहुत अच्छी नहीं होतीं. यह सही नहीं है. लेकिन यह ऐसा ही है. हम एक अच्छी जिंदगी जीते हैं और हमारे खेल में अच्छी चीजे हैं.’
‘एक टीम के तौर पर हम अपने साथी को अकेला नहीं छोड़ सकते. हम वहां एक-दूसरे के साथ हैं. हम एक-दूसरे की मदद की कोशिश करते हैं. मैंने हार्दिक के साथ बहुत क्रिकेट खेला है, लेकिन वहां एक युवा खिलाड़ी भी हो सकता था. यह हम बनाम दुनिया था. हम एक साथ थे और अगर उसे जरूरत हो तो उसकी मदद की कोशिश कर रहे थे.’