Babar Azam Resigned: 'अब बाबर का टाइम आएगा...', पूर्व कप्तान ने कर दिया बड़ा दावा
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने बाबर आजम के सीमित ओवरों के फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के फैसले का समर्थन किया है.
नई दिल्ली: बाबर आजम (Babar Azam) ने पाकिस्तान क्रिकेट के सीमित ओवरों की कप्तानी से इस्तीफा (Babar Azam Resing) दे दिया है. और इस बात से कई लोग हैरान हुए. हालांकि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर राशिद लतीफ (Rashid Latif) का मानना है कि बाबर ने सही फैसला लिया है. और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब यह स्टार बल्लेबाज अपने फॉर्म में लौट आएगा.
राशिद ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर कहा, ‘बहुत शुक्रिया. देर आए पर दुरुस्त आए. मोहम्मद आमिर, आजम और इमाद वसीम हमेशा आपको सतर्क रखते हैं. वे वर्ल्ड कप में वैसा ही खेले जैसा वे चाहते थे.’
राशिद ने आगे कहा, ‘अब वे जा चुके हैं. अब बाबर का टाइम आएगा. कप्तानी छोड़ दी. प्रेशर खत्म हो गया उसके ऊपर.’
पाकिस्तान की टीम पिछले साल हुए वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई थी. और इस साल जून में हुए टी20 वर्ल्ड कप में भी वह अगले राउंड में नहीं पहुंच पाई थी. इसके बाद बाबर आजम पर काफी दबाव था. हालांकि ऐसी रिपोर्ट्स भी आ रही हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहता था कि बाबर 50 ओवर फॉर्मेट के कप्तान बने रहें.
शान मसूद टेस्ट टीम के कप्तान हैं और ऐसे में मोहम्मद रिजवान सीमित ओवरों के कप्तान बनने के सबसे बड़े दावेदार हैं. लेकिन लतीफ इससे सहमत नहीं हैं.
लतीफ ने ‘कॉट बिहाइंड’ यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘उन्होंने कई चीजें खराबी कीं. दो वर्ल्ड कप चले गए. उन्होंने गलत वक्त पर कप्तानी ली. इसी वजह से मैं रिजवान से कहूंगा, बिलकुल नहीं. दूसरों को मौका दो. आपको उस समय कप्तानी नहीं मिली जब आपको मिलनी चाहिए थी.’
राशिद ने कहा कि वनडे कप्तान रिजवान के अलावा कई खिलाड़ियों को दी जा सकती है.
55 वर्षीय इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘शादाब खान एक अच्छे उम्मीदवार हैं. हारिस राउफ भी अच्छे हैं. सलमान आगा हैं… देखते हैं आगे क्या होगा.’
उन्होंने इमरान खान और यूनिस खान के भी उदाहरण दिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कप्तान की नहीं बल्कि लीडर की जरूरत है.
पाकिस्तान की टीम ने इमरान खान की कप्तानी में 1992 का वनडे वर्ल्ड कप जीता था. वहीं यूनिस खान की कप्तानी में पाकिस्तान ने 2009 में टी20 वर्ल्ड कप जीता था.
लतीफ ने कहा, ‘1992 के वर्ल्ड कप में लीडरशिप क्वॉलिटी देखने को मिली थी. इसी तरह 2009-2010 में यूनिस खान लीडर थे. वह उस समय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रबंधन से भिड़ गए थे. उनके पास लीडरशिप की क्वॉलिटी थी. उन्होंने सबसे सीधी टक्कर ली. यहां तक कि टीम के खिलाड़ी भी उनसे नाखुश थे. सिलेक्शन कमिटी ने इस्तीफा दे दिया यह बोलते हुए कि यह हमारी टीम नहीं है. उसने उस टीम को चैंपियन बना दिया.’