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हरभजन सिंह की सीधी बात, बताया- कैसे आलोचकों का मुंह बंद कर सकते हैं रोहित शर्मा और विराट कोहली
टीम इंडिया के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि टीम में बने रहने का एक ही तरीका होता है और यही तरीका आलोचकों का भी मुंह बंद करता है.
Written by Arun Kumar
Published: Jan 13, 2025, 05:17 PM (IST)
Edited: Jan 13, 2025, 05:21 PM (IST)

नई दिल्ली. भारत के हाल ही में खत्म हुए टेस्ट सीजन में टीम इंडिया की रन मशीन विराट कोहली (Virat Kohli) और कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) लगातार फिसड्डी साबित हुए. ये दोनों खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया दौर से पहले घर में खेले गए 5 टेस्ट में कुछ खास छाप नहीं छोड़ पाए. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी फ्लॉप रह गए. इस दौरे पर कप्तान रोहित शर्मा 5 पारियों में सिर्फ 31 रन ही बना पाए. वहीं विराट कोहली ने 9 पारियों में 190 रन बनाए. इसमें उन्होंने नाबाद 100 रन की एक पारी पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में ही खेली थी.
भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट की सीरीज 3-1 से हार गया और इसमें बल्लेबाजों की विफलता बड़ा कारण थी. ऐसे में दोनों अनुभवी और स्टार खिलाड़ियों के भविष्य पर बातें खूब हो रही हैं. आलोचकों का मानना है कि अब शायद वक्त आ गया है, जब भारतीय टीम को इन दोनों खिलाड़ियों से हट कर युवाओं को मौका देना होगा.
ऐसी ही चर्चाओं के बीच जब भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) एक खेल प्लेटफॉर्म स्पोर्ट्स तक पर चर्चा में भाग लेने आए तो उन्होंने इन खिलाड़ियों को आलोचकों को जवाब देने की सीधा-सीधा रास्ता बताया है. भज्जी ने कहा कि उन्हें बड़े स्कोर बनाने होंगे.
हरभजन ने यहां चर्चा के दौरान कहा, ‘रोहित (शर्मा) इस पीढ़ी के बेहतरीन और महान खिलाड़ियों में से हैं. विराट कोहली भी इस पीढ़ी के महान खिलाड़ी हैं. लेकिन एक खिलाड़ी कभी अपना भविष्य तय नहीं करता है. उनकी फॉर्म और सिलेक्टर्स उनका भविष्य तय करते हैं. जब आप रन नहीं बनाते तो लोग आपके बारे में गलत बोलना शुरू कर देते हैं, लेकिन रन बनाकर आप उन्हें गलत साबित कर सकते हैं. यही एक रास्ता है, जिसे मैं देखता हूं. अगर वे खेलना चाहते हैं, तो उन्हें वापसी करनी होगी और बड़े स्कोर बनाने होंगे.’
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भज्जी ने आगे कहा, ‘यह पूरी तरह खिलाड़ियों पर है कि वह तय करें कि वे अभी खेलने के लिए पूरी तरह फिट हैं. उन्हें ऐसा सोचने का हक है. मैं सिर्फ और सिर्फ रोहित और विराट की बात नहीं कर रहा हूं. यह आपके सोचने की प्रक्रिया है, जो आपको ऐसा तैयार करती है कि आप बेहतर और अच्छा खेलें. लेकिन जब बात चयन पर आती है तो सिर्फ चयनकर्ता ही तय करते हैं.’