'इतना बुरा व्यवहार तो किसी के साथ नहीं हुआ', अश्विन को बाहर रखने पर गावस्कर के तीखे बोल

सुनील गावस्कर ने कहा कि अश्विन दुनिया के नंबर वन गेंदबाज हैं और उन्हें टीम से बाहर रखने का फैसला सही नहीं था.

By Bharat Malhotra Last Published on - June 13, 2023 11:38 AM IST

सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में रविचंद्रन अश्विन को मौका नहीं देने पर भारतीय टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की है. लंदन के ओवल में खेले गए इस मुकाबले में भारत को 209 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा.

अश्विनव को प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं देने के भारतीय टीम प्रबंधन के फैसले की कई पूर्व क्रिकेटर्स ने आलोचना की है. इसमें सचिन तेंदुलकर भी शामिल रहे. तेंदुलकर ने कहा कि वह समझ नहीं पाए कि आखिर टीम प्रबंधन ने ऐसा फैसला क्यों किया. रविचंद्रन अश्विन फिलहाल दुनिया के नंबर वन स्पिनर हैं. इसके साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021-2023 में वह भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. अश्विन ने इस दौरान 61 विकेट लिए.

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हाल ही में भारत में हुई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भी अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में कुल 25 विकेट लिए थे.

गावस्कर ने अंग्रेजी अखबार मिड-डे के अपने कॉलम में लिखे लेख में भारतीय टीम प्रबंधन पर जमकर हमला बोला. महान बल्लेबाज ने कहा कि भारतीय क्रिकेट के आधुनिक युग में किसी अन्य खिलाड़ी के साथ इतना बुरा व्यवहार नहीं किया गया जो अश्विन के साथ किया गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अगर वह दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज होते तो भी क्या उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता.

गावस्कर ने कहा कि अश्विन को ड्रॉप किया जाना सही फैसला नहीं था.

उन्होंने कहा, ‘आधुनिक युग में किसी अन्य भारतीय क्रिकेटर के साथ इतना बुरा व्यवहार नहीं हुआ जितना अश्विन के साथ हुआ है. आप मुझे बताइए कि अगर टीम में आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक बल्लेबाज होता तो क्या उसे टीम से इसलिए बाहर कर दिया जाता क्योंकि इतिहास में उसने घास वाली पिच पर रन नहीं बनाए हैं या फिर उसे सूखी स्पिनर्स के लिए मददगार पिचों पर रन नहीं बनाए हैं. बिलकुल नहीं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘घटना के बाद ऐसा कहना ठीक नहीं है लेकिन बीते कुछ साल में ऐसी परंपरा देखी गई है. लेकिन इस समझना वाकई बहुत मुश्किल है. आखिर वह 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके हैं.’

गावस्कर ने कहा, ‘अगर भारत जीत भी जाता तो हमें अश्विन के साथ किए गए व्यवहार के प्रति आंखें नहीं मूंदनी चाहिए. फिर चाहे इस मुद्दे पर जो भी सफाई दी जाती रहे. एक ऐसे मैच में जहां भारत को जीत के लिए 444 रन का लक्ष्य दिया गया वहां गेंदबाजों का प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि आखिरकार सही फैसला नहीं लिया गया.’

गावस्कर ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्लेइंग इलेवन में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और बाएं हाथ के खिलाड़ियों के खिलाफ अश्विन का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. गावस्कर ने यह भी कहा कि अश्विन बल्ले से भी उपयोगी योगदान दे सकते हैं.

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘भारत ने रविचंद्रन अश्विन को मौका नहीं दिया, आईसीसी के हिसाब से वह नंबर वन रैंक गेंदबाज है. ऑस्ट्रेलिया की टीम में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. इसमें से एक बाएं हाथ के बल्लेबाज के बल्लेबाज ट्रेविस हेड ने पहली पारी में तेज-तर्रार सेंचुरी लगा दी. एक और बाएं हाथ के बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने पहली पारी में 48 और दूसरी पारी में नाबाद 66 रन बनाए.’

‘दूसरी पारी में भी उन्होंने एक और बाएं हाथ के बल्लेबाज मिशेल स्टार्क के साथ मिलकर 93 रन की साझेदारी की. यह वक्त पर हुआ जब भारत ऑस्ट्रेलिया को उसकी दूसरी पारी में जल्दी आउट करता हुआ दिख रहा था. अगर अश्विन टीम में होते तो क्या पता क्या हो जाता? वह बल्ले से भी योगदान दे सकते थे.’