आज का इतिहास: एक ओर विकेटों का पतझड़ जारी था, दूसरी ओर रिचर्ड्स का तूफान जारी था
क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन विवियन रिचर्डस की पारी के लिए याद किया जाएगा।
तब शायद किसी ने शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि 20-20 ओवर के मैच हुआ करेंगे। एकदिवसीय क्रिकेट शुरू हुए भी एक दशक से कुछ ज्यादा ही समय हुआ था। लेकिन तब एक ऐसा खिलाड़ी था जो अपने वक्त से आगे था। बहुत आगे। नाम था विवियन ऐलेक्सजेंडर रिचर्ड्स। नाम में ही ऐलेक्जेंडर था, दुनिया जीतने वाला। दुनिया उसे विव रिचर्डस के नाम से जानती थी। मैदान पर उतरता तो गेंदबाज सहम जाते। और आज ही के दिन उन्होंने वह पारी खेली थी जिसे वनडे इंटरनैशनल की सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार किया जाता है।
तारीख थी 29 मई और साल था 1984। वेस्टइंडीज की टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी। टेक्साको ट्रॉफी का मुकाबला चल रहा था। रिचर्ड्स ने इंग्लैंड के खिलाफ 170 गेंद पर 189 रन बनाए थे। अपनी पारी में उन्होंने 21 चौके और पांच छक्के लगाए थे। आप कह सकते हैं कि गेंद के लिहाज से यह बहुत खास नहीं है। खास तौर पर जब टीम का स्कोर सात विकेट पर 102 रन हो और फिर 166 पर नौ बल्लेबाज पविलियन लौट चुके हों। इसके बाद आपकी टीम 9 विकेट पर 272 रन बनाए। और आखिर में मैच 104 रन से जीत जाए।
जिसने भी इस पारी को देखा उसकी नजर में यह वनडे क्रिकेट की बेस्ट पारी थी। आखिरी विकेट के लिए माइकल होल्डिंग ने सिर्फ 12 रन बनाए। रिचर्ड्स ने आखिरी विकेट के लिए इस साझेदारी में 93 रन बनाए। इसके अलावा सिर्फ एलडिन बेपटिस्ट दोहरे अंकों तक पहुंचे थे।