5 युवा खिलाड़ी जो रोहित और विराट की विरासत को बढ़ा सकते हैं आगे... कौन-कौन है शामिल
रोहित शर्मा के बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. अब कौन से वे खिलाड़ी हैं जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी जगह ले सकते हैं. ‘मैं छोड़ूंगा नहीं’ स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट के दौरान फिडेल एडवर्ड्स के खिलाफ संघर्ष के बारे…
Virat Kohli and Rohit Sharma
रोहित शर्मा के बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. अब कौन से वे खिलाड़ी हैं जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी जगह ले सकते हैं.
'मैं छोड़ूंगा नहीं'
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट के दौरान फिडेल एडवर्ड्स के खिलाफ संघर्ष के बारे में बात करते हुए हताशा व्यक्त की थी. यह ऐसी शुरुआत नहीं थी जिसकी एक महत्वाकांक्षी युवक को चाहत होती है. तब थोड़ी चिंता और भ्रम दिख रहा था. किंग्स्टन के एक रेस्तरां में लगभग 20 मिनट की बातचीत का समापन इस तरह किया, ‘लेकिन मैं छोड़ूंगा नहीं.
5 साल दुनिया ने कोहली का दम देखा
उन्होंने चुनौती से लड़ना नहीं छोड़ा और 2014 से 2019 के बीच ऐसी ऊंचाइयों को छुआ जिन पर आधुनिक युग के कई क्रिकेटर नहीं चढ़ पाए हैं. कोहली ने रन और शतकों की झड़ी लगा दी और क्रिकेट जगत ने उनके अंदर इस बदलाव पर हैरानी व्यक्त की जिसने भारत को टेस्ट क्रिकेट में कुछ बेहतरीन ऊंचाइयों और यादगार जीत तक पहुंचाया.
उनका यह प्रदर्शन युवा बल्लेबाजों के लिए ‘ब्लूप्रिंट’ है जिन्हें कोहली और रोहित शर्मा के बाद भारतीय क्रिकेट की कमान संभालने का काम सौंपा गया है. इनमें से कुछ पर चर्चा की गई है.
विराट कोहली के नक्शे-कदम पर हैं शुभमन गिल
अगली पीढ़ी के स्टार में शुभमन गिल सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं जो आने वाले दिनों में संभवत: भारत के मुख्य बल्लेबाज और टेस्ट कप्तान हो सकते हैं. शायद यह एक संयोग है ही है कि गिल भी कोहली के सामने खुद को उनके ही स्थान पर पाते हैं जब वह 25 साल के थे जिसमें उनका टेस्ट रिकॉर्ड औसत था. पंजाब के इस खिलाड़ी ने 32 टेस्ट में 35 के औसत से 1893 रन बनाए हैं.
गिल को सुधारना होगा इंग्लैंड के खिलाफ खेल
लेकिन गिल का इंग्लैंड में रिकॉर्ड औसत है जिसमें तीन टेस्ट में 14.66 की औसत से 88 रन शामिल हैं. अब देखना होगा कि क्या पंजाब का यह खिलाड़ी इंग्लैंड में अपनी किस्मत बदलने में अपने शानदार सीनियर की बराबरी कर सकता है. कोहली की तरह गिल को भी अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होगा और स्विंग के लिए शरीर के करीब बल्लेबाजी करने की आदत बनानी होगी.
यशस्वी जायसवाल पर होगा दारोमदार
लेकिन गिल का इंग्लैंड में रिकॉर्ड औसत है जिसमें तीन टेस्ट में 14.66 की औसत से 88 रन शामिल हैं. अब देखना होगा कि क्या पंजाब का यह खिलाड़ी इंग्लैंड में अपनी किस्मत बदलने में अपने शानदार सीनियर की बराबरी कर सकता है. कोहली की तरह गिल को भी अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होगा और स्विंग के लिए शरीर के करीब बल्लेबाजी करने की आदत बनानी होगी.
इंग्लैंड में अलग होगी चुनौती
इंग्लैंड में उन्हें ‘लेट स्विंग’ में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा और इसके लिए उन्हें अपने तेज ड्राइव और कट पर नियंत्रण रखना होगा. गेंद छोड़ने पर अधिक ध्यान देना होगा और आक्रमण करने के लिए सही मौका देखना होगा. यह कोई तकनीकी बदलाव नहीं है, लेकिन एक मानसिक बदलाव है और वह कोहली की ‘प्लेबुक’ से सीख सकते हैं. 2014 में संघर्ष के बाद कोहली ने 2018 में एंडरसन और ब्रॉड की ‘लेट स्विंग’ से निपटना सीखा और उन्होंने पांच मैचों में 59 की औसत से 593 रन बनाए.
ध्रुव जुरेल अभी बैकअप पर…
24 वर्षीय जुरेल दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर ऋषभ पंत के पीछे एक अच्छा बैक-अप विकल्प हैं. इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू सीरीज में उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन किया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वे प्रभाव नहीं छोड़ पाए.
गौतम गंभीर को पसंद हैं योद्धा
जुरेल में टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक खेलने के लिए हिम्मत और कौशल है. उन्होंने पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक अनौपचारिक टेस्ट में दो अर्द्धशतक बनाते हुए अपना कौशल दिखाया. मुख्य कोच गौतम गंभीर ऐसे क्रिकेटरों को पसंद करते हैं जो मैदान में लड़ाई से कभी पीछे नहीं हटते और वह उस तरह के क्रिकेटर हैं.
बन सकते हैं जायसवाल के परफेक्ट साझेदार
साई सुदर्शन के इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली टीम में जगह बनाने की पूरी संभावना है और उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी इंग्लैंड में काम आ सकती है जिससे वह जायसवाल की आक्रामक बल्लेबाजी के मुकाबले शांत और संतुलित बल्लेबाज बन सकते हैं.
सुदर्शन विकेट के दोनों ओर खेल सकते हैं
23 वर्षीय सुदर्शन दोनों तरफ खेलना पसंद करते हैं और यह एक ऐसी चीज है जो इंग्लैंड में सफल होने में अहम होती है. उन्हें काउंटी क्रिकेट में सरे के लिए खेलने का भी अनुभव है.
सरफराज खान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था धमाका
सत्ताईस वर्षीय सरफराज ने पिछले साल बेंगलुरू में न्यूजीलैंड के खिलाफ 150 रन की आक्रामक पारी खेलकर दिखा दिया कि वह किसी भी आक्रमण को ध्वस्त कर सकते हैं. लेकिन उसके बाद से सामान्य फॉर्म और पसलियों की चोट ने उन्हें रोक दिया.
आगे बढ़कर खुद लेनी होगी जिम्मेदारी
सरफराज के कौशल पर कोई संदेह नहीं है लेकिन मुंबई के इस खिलाड़ी को अपनी फिटनेस पर भी काम करने के लिए कहा जा सकता है. वह कोहली के फिटनेस के प्रति जुनून से कुछ सीख ले सकते हैं. पर अब इनका मार्गदर्शन करने और उत्साहित करने के लिए कोई कोहली या रोहित शर्मा नहीं है तो उन्हें खुद ही जिम्मेदारी से खेलते हुए आगे बढ़ना होगा.