This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Happy Birthday: भारतीय क्रिकेट टीम को टीम इंडिया में बदलने वाला कप्तान- सौरभ गांगुली
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में अब तक कई कप्तान आए हैं. सभी ने अपने-अपने कार्यकाल में टीम के लिए बेहतर करने की कोशिश की. लेकिन, जिस कप्तान ने अपनी नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी और टीम को दुनिया की शीर्ष और मजबूत टीमों में शुमार कराया उसका नाम...
Written by Bharat Malhotra
Published: Jul 08, 2025, 08:15 AM (IST)
Edited: Jul 08, 2025, 08:40 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में अब तक कई कप्तान आए हैं. सभी ने अपने-अपने कार्यकाल में टीम के लिए बेहतर करने की कोशिश की. लेकिन, जिस कप्तान ने अपनी नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी और टीम को दुनिया की शीर्ष और मजबूत टीमों में शुमार कराया उसका नाम सौरभ गांगुली है.
सौरव गांगुली को 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी. यह वह दौर था जब टीम फिक्सिंग के आरोपों से जूझ रही थी. प्रदर्शन के आधार पर विश्व विजेता टीम होने के बाद भी कमजोर टीमों में गिनी जाती थी. विदेशों में जीत भारतीय टीम के लिए सपना हुआ करती थी. लेकिन, गांगुली ने अपनी नेतृत्व क्षमता, खिलाड़ियों की परख और उनसे प्रदर्शन निकलवाने की काबिलियत के दम पर भारतीय क्रिकेट का चेहरा ही बदल दिया.
कप्तान बनने के बाद सौरभ गांगुली ने उन खिलाड़ियों को मौका दिया जिन्होंने आगे चलकर भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल दी. इन खिलाड़ियों में युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, गौतम गंभीर, एम. एस. धोनी, और वीरेंद्र सहवाग जैसे नाम प्रमुख हैं. ये सभी खिलाड़ी आज भारतीय क्रिकेट के श्रेष्ठतम खिलाड़ियों में शुमार होते हैं. इसके पीछे गांगुली की पारखी नजर थी.
गांगुली एक आक्रामक कप्तान थे. उनकी कप्तानी में भारत ने बेखौफ अंदाज में खेलने का कल्चर अपनाया. इस वजह से टीम को टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में बड़ी सफलता मिली. 2000 में फिक्सिंग के आरोपों का सामना कर रही भारतीय टीम इसी साल गांगुली की कप्तानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेली, 2002 में संयुक्त रूप से श्रीलंका के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता रही, और 2003 में वनडे विश्व कप का फाइनल खेला.
सौरभ गांगुली की कप्तानी में भारत ने विदेश में जीतना सीखा. नेटवेस्ट ट्रॉफी (2002) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसमें भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को उसकी धरती पर हराया. भारत ने टेस्ट में विदेश में अपना प्रभाव जमाना और जीतना गांगुली के दौर में ही सीखा. गांगुली 2005 तक कप्तान रहे. 5 साल के अपने कार्यकाल में फिक्सिंग के आरोपों का सामना करने वाली टीम को उन्होंने दुनिया की मजबूत क्रिकेट टीम बनाया.
गांगुली ने धोनी को दिनेश कार्तिक पर प्राथमिकता दी थी. धोनी ने 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप अपनी कप्तानी में जीता. इसमें अहम भूमिका उन खिलाड़ियों की रही, जिनके करियर की उड़ान गांगुली की कप्तानी में शुरू हुई थी. युवराज, सहवाग, हरभजन और गंभीर इन सभी का दोनों विश्व कप जीतने में अहम योगदान रहा था.
गांगुली जब बीसीसीआई अध्यक्ष थे, तब विराट की जगह रोहित शर्मा को कप्तान बनाने का उन्होंने निर्णय लिया. इसका परिणाम हमें टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के खिताब के रूप में मिला.
2000 से 2005 के बीच बतौर कप्तान गांगुली ने भारत को 49 टेस्ट में 21 में जीत दिलाई, 13 टेस्ट में हार मिली, जबकि 5 ड्रॉ रहे. वहीं 147 वनडे में 76 में भारत जीता था.
8 जुलाई 1972 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में जन्मे गांगुली को एक सफल कप्तान के बाएं हाथ के दुनिया के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है. वनडे क्रिकेट के वे बेहतरीन बल्लेबाज रहे और अनेक मैच अपने दम पर टीम इंडिया को जिताए. उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर 1992 से 2008 तक रहा. गांगुली ने 113 टेस्ट में 16 शतक लगाते हुए 7212 रन बनाए. वहीं 311 वनडे में 22 शतक और 72 अर्धशतक की मदद से 11,363 रन बनाए.
TRENDING NOW
सचिन तेंदुलकर के साथ सौरव गांगुली की जोड़ी वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ी है. दोनों ने 1996 से 2007 के बीच 136 पारियों में 6609 रन बनाए. इसमें 21 शतकीय और 23 अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं.