वो खिलाड़ी जो दो अलग- अलग देश की ओर से खेलकर चमके
अलग-अलग कारणों की वजह से ये खिलाड़ी सीनियर स्तर पर अपने देश की ओर से नहीं खेल सके
जब कोई युवा क्रिकेटर क्रिकेट का ‘ककहरा’ सीख रहा होता है तो उसका सपना होता है कि बड़ा होकर वो अपने देश की ओर से खेले। भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में प्रतिभा काफी है लेकिन इनमें से कइयों को अपने देश की ओर से खेलने का मौका नहीं मिलता।
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किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने देश के अलावा दूसरे देश की ओर से खेलना आसान नहीं है। लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें अपने इंटरनेशनल करियर को लंबा खींचने के लिए ऐसे कड़े फैसले लेने पड़े।
आइए जानते हैं उन 5 चुनिंदा खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने दो देशों की ओर से खेलते हुए इंटरनेशनल स्तर पर खूब नाम कमाया है:-

इयोन मोर्गन (आयरलैंड और इंग्लैंड)
इंग्लैंड के मौजूदा लिमिटेड ओवर के कप्तान इयोन मोर्गन आयरलैंड की ओर से अंडर-17 और अंडर-19 क्रिकेट खेल चुके हैं। मोर्गन 2004 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में आयरलैंड की कप्तानी कर चुके हैं। वो उस आयरलैंड टीम के हिस्सा रहे जिसने 2007 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को मात दी थी।
32 वर्षीय मोर्गन ने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट से शुरुआत की थी। विस्फोटक बल्लेबाज होने के नाते उन्हें 2010 में टी-20 वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड की 30 संभावितों में शामिल किया गया था। इसके बाद उन्होंने आयरलैंड की ओर से खेलना छोड़ दिया।
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इंग्लैंड आते ही मोर्गन की किस्मत रातों रात चमक गई। उनकी कप्तानी में इंग्लैंड की टीम 2015 वर्ल्ड कप के बाद से एकदम अलग नजर आने लगी है। इस समय मोर्गन लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में इंग्लैंड के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक हैं।
मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम मौजूदा वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच चुकी है जहां उसका सामना न्यूजीलैंड से रविवार को होगा। मेजबान टीम के खिलाड़ी शानदार फॉर्म में हैं ऐसे में इंग्लैंड के पास पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सुनहरा मौका है।

जोफ्रा आर्चर (वेस्टइंडीज और इंग्लैंड)
हाल में जिस खिलाड़ी ने दो देशों की ओर से खेलने का गौरव हासिल किया है वो हैं युवा सनसनी बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर। ये तेज गेंदबाज वेस्टइंडीज अंडर-19 टीम में युवा प्रतिभावान खिलाडि़यों में से एक था। आर्चर ने अंडर-19 में विंडीज का प्रतिनिधित्व किया है।
आर्चर के इस छोटे से करियर में एक समय ऐसा आया जब चोट के बाद वो फिट होकर लौटे तो उन्हें वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) ने भुला दिया। जिसके बाद आर्चर ने ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग (बीबीएल) में होबार्ट हरिकेंस की ओर से खेलना शुरू किया।
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बीबीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर आर्चर ने सभी को प्रभावित किया। आर्चर ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो काउंटी खेलने के लिए इंग्लैंड शिफ्ट हो गए। इसके बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने आर्चर जैसी प्रतिभा को पहचानने में भूल नहीं की और उनका दोनों हाथ फैलाकर स्वागत किया।
अब ये 24 वर्षीय तेज गेंदबाज इंग्लैंड की ओर से मौजूदा वर्ल्ड कप में खेल रहा है। विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को पहुंचाने में आर्चर की अहम भूमिका रही है।

इमरान ताहिर (पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका)
विकेट झटकने के बाद अनोखे अंदाज में जश्न मनाने वाले लेग स्पिनर इमरान ताहिर से सभी वाकिफ हैं। ताहिर ने अंडर19 स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है। इसके बाद वो पाकिस्तान ए टीम का भी हिस्सा रहे हैं।
चूंकि पाकिस्तान में बेहतरीन स्पिनर होने के कारण ताहिर को सीनियर स्तर पर मौका नहीं मिला। इसके बाद ताहिर ने दक्षिण अफ्रीका का रूख किया जहां हमेशा से अच्छे स्पिनरों की कमी रही है।
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ताहिर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से 2011 वर्ल्ड कप में वनडे में डेब्यू का मौका मिला। इसके बाद से इस स्पिनर की किस्मत चमक गई। ताहिर एकसाथ वनडे और टी-20 में नंबर वन रैंकिंग पर काबिज होने वाले पहले गेंदबाज हैं।
वर्ल्ड कप में 40 साल के ताहिर दक्षिण अफ्रीका की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। मौजूदा वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद ताहिर ने वनडे क्रिकेट को बाय-बाय कह दिया जबकि क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में कुछ और समय तक उनके खेलने की उम्मीद है।