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IND vs PAK: विराट तुम्हें शब्दों की जरूरत भी नहीं, तुम्हारा बल्ला शोर मचाता है!

विराट जब फॉर्म में नहीं भी थे तब भी उनकी तकनीक पर सवाल नहीं उठे. सवाल उनकी मानसिक थकान और स्थिति को लेकर उठे. कोहली ने ब्रेक लिया और वापसी के बाद क्या रफ्तार पकड़ी है.

user-circle cricketcountry.com Written by Bharat Malhotra
Published: Oct 23, 2022, 06:19 PM (IST)
Edited: Oct 23, 2022, 06:32 PM (IST)

‘सच कहूं तो मेरे पास शब्द नहीं हैं. मुझे कुछ नहीं पता कि क्या हुआ. हार्दिक लगातार मुझे कह रहा था कि यकीन करो हम यह कर सकते हैं. हमें बस आखिर तक टिके रहना होगा. मैं कुछ बोल नहीं पा रहा हूं..’ पाकिस्तान को पस्त करने वाले विराट कोहली की वर्ल्ड कप में यह धमक थी. ऐसी धमक जिसे लंबे वक्त तक याद किया जाएगा. खुद कोहली ने इसे अपनी जिंदगी की बेहतरीन पारी बताया. सबसे अच्छी. कोहली ने कहा, ‘अब तक मोहाली की अपनी पारी को टी20 इंटरनैशनल में अपनी बेस्ट पारी मानता था. तब मैंने 52 गेंद पर 82 रन बनाए थे. लेकिन मेरी नजर में यह थोड़ी ऊपर है क्योंकि यह मैच ही इतना बड़ा था.’

ज्यादा वक्त नहीं बीता जब कोहली निशाने पर थे. विराट कोहली का दौर समाप्त हो चुका है. कोहली दूसरों की जगह खा रहा है. कोहली को बाहर करो. करीब तीन साल से कोहली निशाने पर थे. उनका साम्राज्य खत्म होने के दावे किए थे. एशिया कप में कोहली ने रंग में लौटने का इशारा किया और वर्ल्ड कप में आज कोहली ने दिखा दिया कि वह वाकई किंग कोहली हैं.

मेलबर्न में शुरुआत अच्छी नहीं थी. तस्वीर काफी धुंधली थी. भारत ने गेंद से अच्छी शुरुआत की. 15 के स्कोर तक बाबर और रिजवान दोनों को पविलियन भेज दिया. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान 159 तक पहुंच सका. भारत के लिए पाकिस्तानी गेंदबाजी हमेशा से खतरा थी. और यह खतरा आज भी दिखा. पहला सात, दूसरा 10, तीसरा 26 और चौथा विकेट 31 रन पर गिर गया. टीम संकट में. फैंस निराश. दुबई की तस्वीरें आंखों के सामने दौड़ने लगीं.

पाकिस्तान के मुंह खून लग चुका था. उसे जीत साफ नजर आ रही थी. भारत के लिए पहली चुनौती रन बनाना नहीं बल्कि विकेट पर टिके रहना था. कोहली और हार्दिक ने यही रास्ता अपनाया. 10 ओवर में भारत का स्कोर 45 रन था. यानी अगले 10 में चाहिए थे 115 रन. ऐसी पिच जहां रन बनाने मुश्किल लग रहे थे, कोहली और हार्दिक डटे रहे. 12वें ओवर में मोहम्मद नवाज पर कोहली और हार्दिक ने हाथ खोले. इस ओवर में तीन छक्के लगे. डूबती भारतीय पारी को ऑक्सीजन मिली.

कोहली की पारी में वह सब कुछ था जो आप उनसे उम्मीद करते हैं. रनों का पीछा करते हुए कोहली के दिमाग में एक कंप्यूटर लगा होता है. वह हर हिसाब लगाकर चलते हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि भारत जब रनों का पीछा करते हुए जब भी हारता तो मैं सोने से पहले सोचता कि अगर मैं होता तो कैसे खेलता. किस ओवर में कैसी बल्लेबाजी करता कि भारत जीत जाए. शायद वह उनके अवचेतन का हिस्सा बन चुका है. कोहली का दिमाग जानता है कि क्या करना है. और शरीर उसे पूरा करने में जुट जाता है. एक कंप्यूटर की तरह जिसके सॉफ्टवेयर में रनों का पीछा करने का प्रोग्राम लिखा जा चुका हो जैसे.

धीरे-धीरे ही सही गियर बदलते हुए स्कोर को आगे बढ़ाते हुए. भारत ने 15 ओवर में 100 रन पूरे किए. अगले 5 ओवरों में 60 को निशाने पर रखते हुए. लेकिन 16वें ओवर में हारिस राउफ ने सिर्फ 6 रन दिए. बिग बैश लीग का अपना अनुभव दिखाते हुए उन्होंने हार्दिक और कोहली को बांध दिया. लेकिन दोनों टिके रहे. नसीम शाह ने भी सिर्फ छह रन दिए.

और इसके बाद कोहली ने रंग दिखाया. दिखाया कि आखिर क्यों उन्हें चेज मास्टर कहते हैं. क्यों उन्हें किंग कोहली कहा जाता है. आखिर क्यों इतनी आलोचनाओं के बाद भी टीम प्रबंधन को उन पर भरोसा था. बाबर आजम अपने सबसे धारदार हथियार को लेकर आए. शाहीन शाह अफरीदी. कोहली ने इस ओवर में तीन चौके जड़े. कुल रन बने 17.

लेकिन मुसीबत अभी बाकी थी. अब फिर आए हारिस राउफ. शुरुआत उन्होंने अच्छी की लेकिन कोहली ने ओवर की आखिरी दो गेंद पर छक्के लगाकर मैच की दिशा बदल दी.

इस मैच को देखकर आपकी धड़कनें कितनी बढ़ी होंगी यह आप खुद बेहतर जानते हैं. लेकिन कोहली का क्रीज पर होना धीरे-धीरे ही सही वह भरोसा दोबारा पैदा कर रहा है कि कोहली है तो मुमकिन है. आम खिलाड़ी मुश्किल हालात में टूट जाते हैं. महान खिलाड़ी मुश्किल हालात में और निखरते हैं. दूसरी श्रेणी में आते हैं कोहली. हिसाब लगाकर खेलना. और खेल की, परिस्थिति की समझ और चेतना रखना. तभी तो आखिरी ओवर में छक्का लगाने के बाद भी वह नो-बॉल के लिए पूछते हैं. यानी वह मैच की लहरों के साथ बह नहीं रहे, बल्कि उन लहरों पर सवार होकर करीब आते किनारे को देख रहे हैं.

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विराट जब फॉर्म में नहीं भी थे तब भी उनकी तकनीक पर सवाल नहीं उठे. सवाल उनकी मानसिक थकान और स्थिति को लेकर उठे. कोहली ने ब्रेक लिया और वापसी के बाद क्या रफ्तार पकड़ी है. और जब रविचंद्रन अश्विन ने विजयी रन बनाया तो कोहली की वही दहाड़ सुनाई और दिखाई दी. हाथ ऊपर कर वह शुक्रिया कर रहे थे. और जैसा कोहली ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता कि यह कैसे हुआ, तो यह होना था और नियति भी बड़े लोगों से बड़े काम करवाती है. और एक बात और… तुम्हें शब्दों की जरूरत भी नहीं कोहली, तुम्हारा बल्ला सब बोल रहा है…