This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
धोनी की पारी, ब्रावो-ताहिर की शानदार गेंदबाजी रही जीत का फैक्टर
चेन्नई ने आईपीएल के 12वें लीग मैच में राजस्थान को हराकर लगातार तीसरी दर्ज की।
Written by Cricket Country Staff
Published: Apr 01, 2019, 09:53 AM (IST)
Edited: Apr 01, 2019, 09:53 AM (IST)

आईपीएल 2018 की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स टीम ने 12वें सीजन में भी अपना जलवा कायम रखा है। राजस्थान के खिलाफ रविवार को खेले मैच में चेन्नई ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की और अंकतालिका में नंबर एक पर कब्जा किया। चेपॉक स्टेडियम में खेले गए इस मैच में सीएसके टीम से कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिले। ये हैं चेन्नई की जीत के फैक्टर-
थला धोनी स्पेशल:
राजस्थान के खिलाफ चेन्नई की जीत की सबसे बड़े नायक रहे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। चेपॉक की पिच पर टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई ने 27 रन के स्कोर पर तीनों शीर्ष क्रम बल्लेबाजों के विकेट खो दिए थे। पिच बल् मुश्किल थी लेकिन धोनी ने सुरेश रैना के साथ मिलकर अर्धशतकीय साझेदारी बनाई। चेन्नई फैंस को इस मैच में धोनी और रैना को लंबे समय बाद साथ बल्लेबाजी करते देखने को मिला।
ये भी पढ़ें: ‘हम सभी मैचों में अच्छा खेले, किस्मत का साथ मिलता तो पलट सकते थे मैच’
धोनी ने शुरुआत जरूर धीमी की लेकिन वो अच्छे से जानते थे जैसे जैसे ओस पड़ेगी बल्लेबाजी आसान हो जाएगी। उन्हें केवल विकेट बचाकर उस समय तक क्रीज पर टिके रहना था। धोनी ने 163.04 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 46 गेंदो पर चार चौके और चार छक्कों की मदद से 75 रन बनाए। माही ने आखिरी ओवर में जयदेव उनादकट के खिलाफ लगातार तीन छक्के जड़कर फैंस को विंटेज धोनी की याद दिलाई।
चैंपियन डीजे ब्रावो:
चेन्नई टीम के पास हैदराबाद या मुंबई फ्रेंचाइजी की तरह कोई ‘डेथ ओवर स्पेशलिस्ट’ गेंदबाज नहीं है लेकिन ड्वेन जॉनसन ब्रावो अपनी टीम के लिए ये जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। टॉस हारते ही साफ हो गया था कि चेन्नई टीम को ओस से भरी पिच पर दूसरी पारी में गेंदबाजी करनी होगी, जो कि आसान नहीं होने वाला था लेकिन चेन्नई के गेंदबाजों, खासकर कि ब्रावो ने शानदार प्रदर्शन किया। 18वें ओवर में ब्रावो ने जहां 19 रन दिए थे, वहीं आखिरी ओवर में उन्होंने 12 रन बचा भी लिए, जबकि क्रीज पर जोफ्रा ऑर्चर जैसा खिलाड़ी मौजूद था। ब्रावो ने 4 ओवर में 32 रन देकर दो विकेट लिए।
ये भी पढ़ें: पांचवें वनडे में जीता ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान को किया क्लीन स्वीप
इमरान ताहिर:
सीनियर गेंदबाज इमरान ताहिर ने राजस्थान के खिलाफ मैच में अहम भूमिका निभाई। ब्रावो ने अगर डेथ ओवरों में रन बचाए, तो ताहिर ने बीच के ओवरों में साझेदारियां तोड़ने का काम किया। ताहिर ने अहम मौकों पर राहुल त्रिपाठी (39) और फिर स्टीवन स्मिथ (28) का विकेट लेकर चेन्नई की जीत आसान की। ताहिर ने पर्पल कैप पर भी कब्जा जमाया।
बेहतरीन फील्डिंग:
कैप्टन कूल धोनी खुद भी मानते हैं कि सीएसके की फील्डिंग उनका सबसे मजबूत पक्ष नहीं है। टीम में कई सीनियर खिलाड़ी हैं जिनकी फिटनेस के साथ कप्तान खतरा नहीं उठाना चाहते इसलिए वो उन्हें ज्यादा पुश भी नहीं करते। लेकिन राजस्थान के खिलाफ मैच में चेन्नई के खिलाड़ियों ने शानदार फील्डिंग दिखाई। रविंद्र जडेजा और सुरेश रैना ने कई हैरतअंगेज और मुश्किल कैच पकड़े।
ये भी पढ़ें: Match Highlights: राजस्थान को 8 रन से हराकर चेन्नई ने दर्ज की लगातार तीसरी जीत
दीपक चाहर:
राजस्थान के दीपक चाहर पिछले सीजन से अब तक चेन्नई के सबसे अहम गेंदबाज बन गए है। चाहर सीएसके के लिए नई गेंद से अटैक की शुरुआत करते हैं और पावरप्ले में विकेट निकालते हैं। राजस्थान के खिलाफ मैच में भी उन्होंने यही काम किया। चाहर ने पहले ही ओवर में विपक्षी कप्तान अजिंक्य रहाणे को चलता किया और फिर तीसरे ओवर में संजू सैमसन का विकेट निकाला। चाहर ने 4 ओवर में 19 रन देकर एक मेडन ओवर के साथ 2 विकेट हासिल किए।
TRENDING NOW
टॉस हारने के बाद धोनी ने जो रणनीति बनाई थी, वो शुरुआती ओवरों में तेज गेंदबाजों को विकेट मिलने पर निर्भर थी। क्योंकि अगर शुरू के पांच ओवरों में विकेट नहीं मिलते तो ओस के आने के साथ स्पिनर्स का काम और मुश्किल होता चला जाता। चाहर ने कप्तान के लिए वो काम किया।