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दादा ने लॉडर्स में दिखाई थी 'दादागिरी', अंग्रेजों को दिया था मुंहतोड़ जवाब
ऑलराउंडर युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने जीत में निभाई थी अहम भूमिका
Written by Kamlesh Rai
Last Updated on - July 13, 2018 1:12 PM IST

भारतीय क्रिकेट के लिए आज का दिन बेहद खास है। भारत ने 13 जुलाई, 2002 को इंग्लैंड को उसी की सरजमीं पर उसे पटखनी देकर पहली बार नेटवेस्ट ट्रॉफी अपने नाम की थी। सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने बेहद रोमांचक मुकाबले में मेजबान टीम से हार का बदला भी चुकता किया था।
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लॉर्डस में खेला गया ये फाइनल मुकाबला टीम इंडिया ने 2 विकेट से अपने नाम किया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ओपनर मार्कस ट्रेस्कॉथिक के 109 और कप्तान नासिर हुसैन के 115 रन की शानदार पारियों के बूते 5 विकेट पर 325 रन बनाए थे।
जवाब में भारतीय टीम ने 3 गेंद शेष रहते 8 विकेट पर 326 रन बनाकर मैच और ट्रॉफी अपने नाम कर ली। भारत की ओर से कप्तान सौरव गांगुली ने 60, मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 और युवराज सिंह ने 69 रनों की पारी खेली थी। भारतीय टीम एक समय 146 रन के कुल योग पर अपने पांच विकेट गंवा चुकी थी।
July 13, 2002 – #TeamIndia won the NatWest series final #ThisDayThatYear @MohammadKaif @ImZaheer @YUVSTRONG12 @SGanguly99. That epic moment – Etched forever!pic.twitter.com/jKeFXEmCgk
— BCCI (@BCCI) 13 जुलाई 2018
इसके बाद युवराज और कैफ ने छठे विकेट पर 121 रन की अहम साझेदारी कर मैच अपने नाम कर लिया। कैफ को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
फैंस को आज भी याद है गांगुली का ‘शर्टलेस’ होना
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क्रिकेट फैंस को आज भी फाइनल के दौरान भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली का 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी जीतने का जश्न याद होगा। जीत के बाद गांगुली ने लॉडर्स की बालकनी से अपनी टी-शर्ट उतारकर लहराई थी। दरअसल, साल 2002 में इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने भारत में वानखेड़े स्टेडियम में जीत के बाद टी-शर्ट उतारकर दौड़ लगाई थी, इसलिए जब दादा की टीम ने इंग्लैंड को उसी के घर में हराकर जीत दर्ज की तो उन्होंने फ्लिंटॉफ को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया था।