#RainaRetires: टॉप-5 मुकाबले जब भारत के संकटमोचन बने सुरेश रैना

भारतीय ऑलराउंडर सुरेश रैना ने 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास ले लिया है।

By Gunjan Tripathi Last Updated on - August 16, 2020 4:44 PM IST

भारतीय क्रिकेट जगत के दिग्गज ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक सुरेश रैना ने 15 अगस्त को अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। टीम इंडिया में रैना जैसे खिलाड़ी कम ही आए हैं, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों में माहिर हैं।

रैना ने अपने करियर में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई मैचविनिंग पारियां खेली। रैना मध्यक्रम एक मजबूत स्तंभ थे, जिन्होंने अक्सर शीर्ष क्रम बल्लेबाजों से असफल होने पर टीम इंडिया को जीत की रेखा पार कराई थी। ऐसे ही कुछ मैचों के बारे में हम यहां आपको बताएंगे।

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1- इंग्लैंड के खिलाफ 2014 के कार्डिफ वनडे में लगाए शतक को पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी कहा जा सकता है। सीरीज के दूसरे मैच में शीर्ष क्रम बल्लेबाजों शिखर धवन, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद रैना ने एक बार फिर संकटमोचन की भूमिका अदा की।

रैना ने 49 गेंदो पर 50 का आंकड़ा पार किया और अगले 50 रन मात्र 25 गेंदों पर बनाकर शतक जड़ा। रैना ने एक बार फिर धोनी के साथ मिलकर 144 रनों की शतकीय साझेदारी बनाई। रैना को मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।

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2- भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हमेशा ही दोनों देखों के क्रिकेट फैंस के लिए खास रहा है लेकिन जब ये मुकाबला विश्व कप में हो तो इसका रोमांच और भी बढ़ जाता है। साल 2015 के विश्व कप में एक ऐसे ही रोमांचर मुकाबले में रैना ने एक यादगार पारी खेली थी।

एडिलेड ओवल में खेले गए इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 300 रन बनाए थे, जिसका पूरा श्रेय हमेशा विराट कोहली को दिया जाता है लेकिन अक्सर लोग दूसरे छोर पर खड़े रैना का योगदान भूल जाते हैं। रैना ने उस मैच में 56 गेंदो पर 74 रनों की अहम पारी खेली थी और कोहली के साथ मिलकर 110 रनों की साझेदारी बनाई।

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3- भारत-पाकिस्तान मुकाबले में रैना का योगदान साल 2011 विश्व कप में भी आया था। मोहाली में खेले गए इस हाई वोल्टेज मुकाबले को देखने के लिए दोनों देशों के फैंस दिल थाम कर बैठे थे। उस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया को सचिन और सहवाग की जोड़ी ने ठोस शुरुआत दिलाई लेकिन वहाव रियाज की अगुवाई वाले घातक गेंदबाजी अटैक ने एक-एक सहवाग, गंभीर, विराट, युवराज और धओनी जौसे दिग्गजों को चलता किया। हालांकि सचिन ने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन 115 गेंदो पर 85 रन बनाकर वो भी आउट हो गए।

187 रन पर पांच विकेट गिरने के बाद 38वें ओवर में जब रैना बल्लेबाजी करने उतरे तो संभाविक स्कोर 2430 का था। लेकिन रैना ने 39 गेंदो पर तीन चौकों की मदद से 36 रन की नाबाद खेलकर भारत को 260 के स्कोर तक पहुंचाया। बाद में लक्ष्य को बचाते हुए टीम इंडिया ने 29 रन से अंतर से मैच जीता, जिससे रैना की पारी की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई।

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4- साल 2009 के न्यूजीलैंड दौरे पर लगातार दो टी20 मैच हारने के बाद नेपियर में खेला गया पहला वनडे जीतना भारत के लिए बेहद अहम थ। बारिश से प्रभावित इस मैच में 50 से घटाकर 38 ओवर का कर दिया गया था, जिसके बाद तेजी से रन बनाना और अहम हो गया था।

भारत की ओर से सहवाग ने 56 गेंदो पर 77 रन बनाए थे लेकिन डेनियल वेटोरी ने उन्हें अपना शिकार बनाया। जिसके बाद टीम के स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह के रन आउट होने से भारत मुश्किल में आ गया। यहां से रैना ने कप्तान धोनी के साथ मिलकर पारी को संभाला। धोनी-रैना की जोड़ी ने 12.2 ओवर में 110 रन जोड़े। रैना ने मात्र 31 गेंदो पर अर्धशतक जड़ा और 39 गेंदो पर 5 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 66 रन बनाए।

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5- रैना के करियर का एक और शानदार अर्धशतक साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में आया। फरीदाबाद में खेले गए मैच में मेहमान टीम के लिए 227 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सहवाग-गंभीर की जोड़ी ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन बीच के ओवरों में इंग्लिश गेंदबाजी ने धमाकेदार वापसी की और टीम इंडिया ने 92 रन पर पांच विकेट खो दिए।

भारतीय फैंस के चेहरे पर मायूसी छाई थी जब एक बार फिर धोनी-रैना की जोड़ी मैदान पर उतरी। 19 साल के रैना ने 65 गेंदो पर अपने करियर का पहले अर्धशतक लगाया। उन्होंने धोनी के साथ मिलकर 118 रन की साझेारी बनाकर भारत को जीत दिलाई। मैन ऑफ द मैच रहे रैना ने 81 गेंदो पर 8 चौकों और एक छक्के की मदद से 89 रन बनाए थे।