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यॉर्कशायर क्लब में नस्लवाद की वजह से आत्महत्या करने वाला था : अजीम रफीक
पूर्व इंग्लिश अजीम रफीक ने साल 2018 में यॉर्कशायर के लिए नॉटिंघमशायर के खिलाफ आखिरी टी20 मैच खेला था।
Written by Cricket Country Staff
Published: Sep 03, 2020, 04:40 PM (IST)
Edited: Sep 03, 2020, 04:41 PM (IST)

अंडर-19 इंग्लैंड टीम के लिए खेल चुके पूर्व स्पिनर अजीम रफीक ने चौंकाने वाले बयान में कहा कि यॉर्कशायर क्लब के लिए खेलने के दौरान उनके साथ हुए नस्लवाद की वजह से वो आत्महत्या करने के करीब थे।
ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए बयान में रफीक ने कहा, “मुझे पता है कि यॉर्कशायर के साथ कार्यकाल के दौरान मैं आत्महत्या करने के कितने करीब था। मैं एक पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर अपने परिवार के सपने को जी रहा था लेकिन अंदर ही अंदर मर रहा था। मैं काम पर जाने से डर रहा था। मैं हर दिन दर्द से गुजर रहा था।”
रफीक का कहना है कि वो टीम में किसी बाहरी जैसा महसूस करते थे। उन्होंने कहा, “ऐसे कई मौके आए जब एक मुसलमान के तौर पर मैंने टीम में फिट होने की कोशिश की, अब जब मैं उस समय को याद करता हूं तो मुझे पछतावा होता है। मुझे इस पर बिल्कुल गर्व नहीं है।। लेकिन जैसे ही मैंने फिट होने की कोशिश करना बंद कर दिया, मैं बाहर वाला हो गया। स्टाफ में ऐसा कोई कोच नहीं था जो मेरे पृष्टभूमि से हो और इससे समझता हो।”
यॉर्कशायर के पूर्व कप्तान ने बताया कि क्लब से शिकायत करने के बाद भी इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने कहा, “यॉर्कशायर सुनना को ही तैयार नहीं था और ना ही वो बदलने को तैयार थे। और इसका एक कारण ये था कि जो लोग इस मामले में शामिल थे वो आज भी क्लब का हिस्सा हैं। वो इसे रफा दफा करना चाहते थे।”
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रफीक ने कहा, “आप आकड़ों को देखिए, आप स्क्वाड की तस्वीर देखिए, आप कोचों को देखिए, आपको कितने ऐसे लोग दिखेंगे जो श्वेत नहीं है? यॉर्कशायर शहर की विविधता के बावजूद, वहां पर रहने वाले एशियाई समूदाय के खेल के प्रति प्यार के बावजूद, उनमें से कितने लोग टीम में जगह बना पाए?”
29 साल के खिलाड़ी ने खेल से अलग अपना करियर बनाने की कोशिश की। रफीक उम्मीद करते हैं कि किसी और को उस तकलीफ से ना गुजरना पड़े।
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उन्होंने कहा, “जो लोग इन मामलों की परवाह करते हैं, उन्हें पता है कि वहां समस्या है। क्या मुझे लगता है कि वहां संस्थागत नस्लवाद है? मुझे लगता है कि ये अपने शीर्ष पर है। ये पहले से भी कहीं ज्यादा खराब है। मेरे प्रेरणा अब किसी और को इस तरह की तकलीफ से गुजरने से बचाने की है।”