सचिन तेंदुलकर के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप खारिज

जैन ने अपने दो पेज के फैसले में आरोपों को निराधार करार दिया तथा कहा कि तेंदुलकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे।

By Cricket Country Staff Last Published on - May 28, 2019 8:49 AM IST

बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति डीके जैन ने सोमवार को सचिन तेंदुलकर के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप खारिज कर दिए क्योंकि इस दिग्गज क्रिकेटर ने सहमति योग्य ‘कार्यक्षेत्र की शर्तें’ उपलब्ध नहीं कराने की दशा में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएससी) का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है।

जैन ने अपने दो पेज के फैसले में आरोपों को निराधार करार दिया तथा कहा कि तेंदुलकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे जिसके बाद यह मामला निबटा दिया गया।

Powered By 

पढ़ें:- सचिन तेंदुलकर ने बेटे अर्जुन को दी शॉर्टकट ना लेने की सलाह

उन्होंने अपने फैसले में कहा, ‘‘एक बार जब बीसीसीआई कार्यक्षेत्र की शर्तों तथा कार्यकाल को स्पष्ट कर देता है तो वह इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे। तेंदुलकर खुद को क्रिकेट सलाहकार समिति का हिस्सा नहीं मानते और इस रूप में काम नहीं करेंगे। इस कारण वर्तमान शिकायत कोई मायने नहीं रखती। इसलिए वर्तमान शिकायत को निराधार करार दिया जाता है और इस प्रकार उसका निबटान किया जाता है।’’

बीसीसीआई के लोकपाल की भूमिका भी निभा रहे जैन ने कहा कि तेंदुलकर ने अपने वकील अमित सिब्बल के जरिए बयान जारी किया जो कि मामला खारिज करने के लिए पर्याप्त है। इसका मतलब है कि अगर सीओए कार्यक्षेत्र की उचित शर्तों को उपलब्ध नहीं कराते तो फिर तेंदुलकर विश्व कप के बाद नए कोच की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे।

पढ़ें:- भारत के अभ्यास मैच में हारने से अभी से परेशान होने की जरूरत नहीं: तेंदुलकर

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के सदस्य संजीव गुप्ता ने तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था क्योंकि वे सीएसी सदस्य होने के साथ आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों से भी जुड़े थे।