150 Kmpl की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे वरुण का लक्ष्य टीम में वापसी
वरुण एरोन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2015 में खेला था।
तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने साल 2011 में टीम इंडिया में अपना डेब्यू किया था, लेकिन इसके बावजूद भी अपने करियर में उन्होंने केवल नौ टेस्ट और नौ वनडे मुकाबले ही खेले हैं। लगातार चोटिल होने के कारण वो टीम में अपनी जगह पक्की नहीं रख सके।
वरुण एरोन इस वक्त विजय हजारे ट्रॉफी 2018-19 में बिहार की टीम का हिस्सा हैं। वो इस सीजन में अबतक पांच मैच खेलकर 10 विकेट निकाल चुके हैं। वरुण एरोन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2015 में बैंगलोर में खेला था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने टीम में जगह बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।
स्पोर्ट्स स्टार लाइव से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “अगर मैंने भारत के लिए क्रिकेट खेलने की उम्मीद छोड़ दी होती तो इस वक्त क्रिकेट नहीं खेल रहा होता। इस वक्त मैं 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाल पा रहा हूं। मेरी गेंदबाजी में अब काफी विविधता है। मैं लेग कटर डाल सकता हूं। पहले तक मैं केवल आउट स्विंग ही डाल पाता था। अब मैं गेंद को इन स्विंग भी करा लेता हूं।”
झारखंड की टीम ने क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। वरुण एरोन ने कहा, “अपने पुराने दोस्त राहुल शुक्ला के साथ गेंदबाजी करके हमें काफी अच्छा लग रहा है। हमारा लक्ष्य बस क्वालिफायर में पहुंचान ही नहीं है। हम इस बार टूर्नामेंट जीतना चाहते हैं।”
भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान वरुण एरोन इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वहां उन्होंने लिस्ट ए और फर्स्ट क्लास मैचों की 11 पारियों में 16 विकेट निकाले। वरुण एरोन का मानना है कि अनुभव के साथ-साथ मेरी गेंदबाजी अच्छी हुई है।