ICC की तिमारी बैठक: BCCI के साथ इस मुद्दे पर गतिरोध की संभावना

बीसीसीआई सूचना के अधिकार के अंतर्गत नहीं आना चाहता है।

By Press Trust of India Last Updated on - February 26, 2019 9:18 PM IST

आईसीसी की बुधवार से शुरू हो रही तिमाही बैठक में भविष्य की वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए कर छूट, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के प्रसारण अधिकार और निजी टी20 लीग में प्रतिनिधित्व सीमित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

आईसीसी की कई बैठकों की शुरुआत आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की समिति (सीईसी) की बैठक के साथ होगी जहां भारत का प्रतिनिधित्व बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी करेंगे। इसका अंत बोर्ड बैठक के साथ होगा जिसमें भारत की ओर से कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी हिस्सा लेंगे।

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जिन मुख्य मुद्दों पर चर्चा होगी उसमें कर छूट गतिरोध, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप से जुड़े प्रसारण मुद्दे, निजी लीग में खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व की सीमा सीमित करना और लास एंजिलिस 2028 ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कराना अहम है।

एक मुख्य मुद्दा आईसीसी द्वारा भारत में 2021 में टी20 विश्व कप और 2023 विश्व कप जैसी भविष्य की वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए कर छूट की मांग है। बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार हालांकि मौजूदा नियमों को देखते हुए इसकी संभावना बेहद कम है कि आईसीसी को किसी तरह की छूट मिले और इस गतिरोध के जारी रहने की संभावना है।

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आईसीसी के कामकाज की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘आईसीसी कर छूट चाहता है क्योंकि वे इस पैसे का इस्तेमाल नए क्षेत्रों में खेल के विकास के लिए करना चाहते हैं। यह ठीक है लेकिन इस पर चर्चा करने की जरूरत है कि उन्हें कर छूट की जरूरत क्यों है। उन्हें सीमा शुल्क में छूट की जरूरत है, मुख्य रूप से प्रोडक्शन उपकरणों के आयात के लिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे प्रसारणकर्ताओं के लिए कर छूट मांग रहे हैं तो इसका दायित्व प्रसारणकर्ताओं का है। फिलहाल आईसीसी का कोई कर दायित्व नहीं है। साथ ही अगर प्रतियोगिता भारत में होती है तो आईसीसी का वैश्विक प्रतियोगिता साझेदार स्टार है और उनका भारत में पूर्ण सेट अप है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए सवाल यह उठता है कि उन्हें कर छूट की जरूरत क्यों है। वैसे भी सरकार के कुछ नियम हैं जिनका हम उल्लंघन नहीं कर सकते।’’ आईसीसी की पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के प्रसारण की रूपरेखा वैश्विक संस्था द्वारा आयोजित होने वाले टी20 विश्व कप और वनडे विश्व कप से बिलकुल अलग होगी।

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सीमित ओवरों की विश्व प्रतियोगिताओं के प्रसारण अधिकारी सिर्फ एक कंपनी को मिलते हैं जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप दो साल में होने वाली द्विपक्षीय सीरीज से मिलने वाले अंकों पर आधारित होगी और इसका फाइनल लार्ड्स में 2021 में होगा।

आईसीसी को सिर्फ एक मैच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का आयोजन करना है जबकि बाकी सभी मैच द्विपक्षीय सीरीज का हिस्सा होंगे जिसके लिए प्रत्येक देश का अपना आधिकारिक प्रसारणकर्ता है।

इसके अलावा पूरी संभावना है कि आंतरिक सर्वेक्षण के बाद आईसीसी विभिन्न निजी फ्रेंचाइजी लीग में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के खेलने की सीमा तय कर सकता है।
पता चला है कि सर्वेक्षण के अनुसार 95 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सिर्फ एक फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हैं और यही कारण है कि आईसीसी को सीमा तय करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

माना जा रहा है कि इससे सबसे अधिक नुकसान वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को होगा जो दुनिया भर में टी20 लीग में खेलते हैं। इसके अलावा क्रिकेट को 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक का हिस्सा बनाने पर भी बातचीत जारी रहेगी लेकिन फिलहाल आईसीसी के लिए सबसे अड़ी अड़चन भारत है।

बीसीसीआई भारतीय ओलंपिक संघ के अंतर्गत पंजीकृत राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं है और वह सरकार से अनुदान भी नहीं लेता। आईओए के अंतर्गत आने से बीसीसीआई के इनकार करने का एक कारण यह भी है कि वह सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत आने से हिचकता है।

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