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फ्रेंचाइजी टूर्नामेंटों से इंटरनेशनल क्रिकेट को खतरा, एमसीसी ने जताई यह आशंका

एमसीसी ने आईसीसी महिला एफटीपी की सराहना की लेकिन टी20 लीग के बीच खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अधिक उपयोगी बनाने के लिए पुरुषों के खेल से सीख लेने का भी आग्रह किया।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Published on - March 10, 2023 4:42 PM IST

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को सुरक्षित रखने के लिए ‘तत्काल हस्तक्षेप’ करने की अपील करते हुए कहा है कि व्यस्त वैश्विक कार्यक्रम के बीच यह घरेलू लीग से प्रभावित होता जा रहा है.

नवीनतम एसएलटी20 और आईएलटी20 सहित फ्रेंचाइजी लीग की अधिकता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) पर बहुत अधिक दबाव डाल रही है जिससे कमजोर सदस्य देशों द्वारा खेले जाने वाले मैचों की संख्या में ‘खतरनाक असमानता’ पैदा हो रही है.

बिग थ्री में शामिल भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का बड़ा हिस्सा मिलता है जबकि अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे जैसे टेस्ट खेलने वाले छोटे देशों को बेहद व्यस्त एफटीपी के कारण शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक मुकाबले खेलने को नहीं मिलते।

एमसीसी ने कहा कि दुबई में आयोजित बैठक का उद्देश्य यह जांचना था कि छोटे प्रारूप की फ्रेंचाइजी लीग से भरे व्यस्त वैश्विक क्रिकेट कार्यक्रम के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कैसे संरक्षित किया जा सकता है और अगले 10 वर्षों में वैश्विक क्रिकेट कैसा दिखेगा अगर इसे व्यवस्थित रूप से विकसित होने के लिए समय दिया जाए।

एमसीसी ने शुक्रवार को बयान में कहा कि 2023 में पुरुषों का क्रिकेट कार्यक्रम फ्रेंचाइजी प्रतियोगिताओं के भरा पड़ा है जो हाल ही में 2027 तक जारी द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आईसीसी भविष्य दौरा कार्यक्रम के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। इस साल संयुक्त कार्यक्रम में टकराव के बिना एकमात्र समय अक्टूबर और नवंबर का है जब भारत में आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप होगा.

बयान के अनुसार कि यह प्रवृत्ति सालाना दोहराई जाती है, अंतरराष्ट्रीय और फ्रेंचाइजी क्रिकेट लगातार टकरा रहा है. सिर्फ आईसीसी के वैश्विक टूर्नामेंट के दौरान ऐसा नहीं है। घरेलू टूर्नामेंटों में से केवल इंडियन प्रीमियर लीग ही ऐसा टूर्नामेंट है जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से टकराव से बचा जा सकता है.

एमसीसी ने आईसीसी महिला एफटीपी की सराहना की लेकिन टी20 लीग के बीच खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अधिक उपयोगी बनाने के लिए पुरुषों के खेल से सीख लेने का भी आग्रह किया।

एमसीसी ने कहा कि पुरुषों के कार्यक्रम के विपरीत 2025 तक आईसीसी महिला एफटीपी का हाल ही में जारी किया गया कार्यक्रम बहुत साफ नजर आता है और अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू लीग के बीच कोई टकराव नहीं है.

भारत के पूर्व कप्तान और विश्व क्रिकेट समिति (डब्ल्यूसीसी) के सदस्य सौरव गांगुली ने कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट और खेल के शिखर टेस्ट प्रारूप के बीच संतुलन बनाना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि मैं अब भी मानता हूं कि क्रिकेट के लिए टेस्ट क्रिकेट सबसे बड़ा मंच है। यही वह जगह है जहां आपको महान खिलाड़ी मिलते हैं और इसीलिए इसे टेस्ट कहा जाता है, यह कौशल की परीक्षा है. गांगुली ने कहा कि यह हमेशा शिखर पर बना रहना चाहिए और मुझे यकीन है कि देश इसे महत्व देंगे और फ्रेंचाइजी क्रिकेट तथा टेस्ट क्रिकेट के बीच सही संतुलन बनाएंगे.

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इनपुट- पीटीआई भाषा