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बस कंडक्‍टर मां की तपस्‍या से बेटा बना U-19 एशिया कप का हीरो, जानें पूरी कहानी

एशिया कप अंडर-19 के फाइनल में भारत ने बांग्‍लादेश पर पांच रन से जीत दर्ज की।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Published: Sep 15, 2019, 05:58 PM (IST)
Edited: Sep 15, 2019, 06:00 PM (IST)

भारतीय टीम अंडर-19 एशिया कप 7वीं बार घर लाने में कामयाब रही तो इसके पीछे मुंबई के युवा स्पिनर अथर्व अंकोलेकर की भूमिका बेहद अहम रही। बांग्‍लादेश के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में महज 106 रन पर ऑलआउट हुई टीम इंडिया को संकट से बाहर निकालने में अर्थव ने अहम भूमिका निभाई। अर्थव के पांच विकेट हॉल के दम पर बांग्‍लादेश 101 रन पर ऑलआउट हो गया।

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पति की मृत्‍यु के बाद मां ने उठाई जिम्‍मेदारी

अर्थव अंडर-19 एशिया कप 2019 में सर्वाधिक 12 विकेट निकालने वाले गेंदबाज भी बने। भारत को टूर्नामेंट में जीत दिलाने वाले महज 18 वर्षीय अर्थव अंकोलेकर की निजी जिंदगी इतनी आसान नहीं रही है। अर्थव बी.कॉम सेकेंड ईयर के छात्र हैं। उनकी मां मुंबई की बेस्‍ट बस सेवा में बतौर कंडक्‍टर काम करती हैं।

साल 2010 में अर्थव के पिता का देहांत हो गया था। उस वक्‍त उनकी उम्र महज नौ साल थी। पिता बचपन से ही अर्थव को क्रिकेटर बनाना चाहते थे। पति के देहांत के बावजूद मां वैदेही ने उनके सपने को धुंधला नहीं होने दिया और बच्‍चों की परवरिश की जिम्‍मेदारी उठाई।

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छोटा भाई भी बनना चाहता है बड़ा क्रिकेटर

मां ने ही अर्थव को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्ररित किया। पिता के देहांत के बाद मां उनकी जगह बस कंडक्‍टर की नौकरी करने लगी। अर्थव का छोटा भाई भी क्रिकेटर बनना चाहता है और वो अंडर-14 टीम में खेलता है। मां  ने नौकरी करने के साथ-साथ बच्‍चों की जिम्मेदारी बखूबी संभाली और उनके करियर में किसी तरह की रुकावट नहीं आने दी।

सचिन ने अर्थव को गिफ्ट किए थे ग्‍लव्‍स

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अर्थव बेहद कम उम्र से क्रिकेट की कोचिंग ले रहे हैं। उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू के दौरान बताया कि साल 2010 में सचिन तेंदुलकर उनकी गेंदबाजी से काफी प्रभावित हुए थे। जिसके बाद उन्‍होंने इनाम स्‍वरूप अर्थव को अपने साइन किए ग्‍लव्‍स दिए थे।