पीठ में तकलीफ के बावजूद वरुण एरोन बोले- नहीं करुंगा स्पीड से समझौता
वरुण एरोन ने विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया।
वरुण एरोन आखिरी बार साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नजर आए थे। जिसके बाद से ही वो लगातार चोट के चलते टीम से बाहर रहे। अपने डेब्यू के बाद से ही वो केवल नौ टेस्ट और नौ वनडे खेल पाए। हाल ही में खत्म हुई विजय हजारे ट्रॉफी में वरुण एरोन ने शानदार प्रदर्शन किया। इससे पहले उन्होंने इंग्लैंड में काउंट्री क्रिकेट के दौरान भी छह विकेट हॉल अपने नाम किया था।
वरुण एरोन पिछले कुछ सालों में सात स्ट्रेस फ्रेक्चर का शिकार हो चुके है। इसके बावजूद वरुण ने कहा, “मैं अपनी गति में चोट के कारण कमी नहीं लाउंगा।” लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी वरुण एरोन इस बार आईपीएल का कांट्रैक्ट नहीं पाए थे। क्रिकनेक्सट से बातचीत के दौरान उन्होने कहा, “आईपीएल में नहीं खेल पाने के कारण मुझे खुद के बारे में सोचने का ज्यादा समय मिला। मैं जान पाया कि मेरे सामने अब क्या विकल्प हैं और मुझे क्या करना होगा। आईपीएल नहीं खेलने के बावजूद मैंने अपने खेल को काफी इंज्वाय किया।”
वरुण एरोन ने कहा, “आईपीएल नहीं खेलना मेरे लिए एक तरह से काफी अच्छा रहा। एक तेज गेंदबाज के लिए क्रिकेट का सफर 15-20 साल का होता है। ये महज एक छोटा सा हिस्सा है, जिससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मैं अपना बेस्ट दूंगा। अभी भी मैं काफी क्रिकेट खेल सकता हूं। इंग्लिश काउंटी में खेलने का मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा। वहां दो महीने बिताकर मैं समझ पाया कि मेरी बॉडी की क्या क्षमता है।” विजय हजारे में अच्छा प्रदर्शन करने के आधार पर ही वरुण एरोन को अब देवधर ट्रॉफी में इंडिया ए की तरफ से खेलने का मौका मिला है।
वरुण ने कहा, “मैं खुशकिस्मत हूं जो मुझे देवधर ट्रॉफी में मौका मिला। ये मेरे लिए अतिरिक्त मौकों की तरह है जिसकी मदद से मैं एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी कर सकता हूं। मुझे लगता है कि अभी भी मुझे लंबी यात्रा करनी है। मैं भारत का सबसे तेज गेंदबाज बनना चाहता हूं।”