Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - June 19, 2017 11:35 AM IST
टीम इंडिया पाकिस्तान के हाथों चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हारकर तीसरी बार खिताब जीतने से महरूम रह गई। पाकिस्तानी खिलाड़ियों के आगे पहले तो गेंदबाज बेबस नजर आए तो बाद में बल्लेबाजों ने अपने हथियार डाल दिए। इस तरह पाकिस्तान टीम ने शुरू से अंत तक अपना दबदबा बरकरार रखा। लेकिन एक ऐसा लम्हा भी मैच में आया जब लगा कि टीम इंडिया अब यहां से मैच जीत सकती है। एक समय टीम इंडिया ने 72 रनों पर अपने 6 विकेट गंवा दिए थे और एक ओर से विकटों का पतझड़ लग रहा था। लेकिन इसी बीच हार्दिक पांड्या क्रीज पर अड़ गए। उन्होंने एक ओवर में तीन तो एक ओवर में दो छक्के लगाए। इस तरह से उन्होंने 33 गेंदों में ही अर्धशतक बना डाला। पांड्या यहीं नहीं रुके और गेंदबाजों की एकतरफा बखिया उधेड़ने में लगे रहे। इसी बीच लगा कि पांड्या अकेले दमपर मैच टीम इंडिया को जितवा देंगे। लेकिन अभी जो होने वाला था उससे हार्दिक पांड्या समेत पूरे देश के झटका लगने वाला था।
मैच का काला अध्याय: बात टीम इंडिया की पारी के 27वें ओवर की है। भारत का स्कोर 152/6 था। हसन अली की तीसरी गेंद पर जडेजा ने गेंद को हल्के हाथों से कवर्स की ओर खेला। इसी बीच पांड्या को लगा कि रन लिया जा सकता है और वह रन दौड़ गए लेकिन इस दौरान जडेजा रन लेने को अनिच्छुक नजर आए। चूंकि, रन लेने के लिए पांड्या इतने आगे निकल आए थे कि वह वापस नहीं लौट सकते थे। इस तरह से पांड्या रन आउट हो गए और टीम इंडिया की रही सही उम्मीदें टूट गईं।
पांड्या उस बात से खासे खफा हुए। वह जब वापस लौट रहे थे तो वह दर्द उनके चेहरे पर साफतौर पर झलक रहा था। वह अपने इस तरह से आउट होने को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। जाहिर है कि पूरा देश उनके इस तरह से आउट होने को लेकर स्तब्ध था। टीम इंडिया की उम्मीदें एक झटके में खत्म हो चुकी थीं। जब पांड्या रन आउट हुए तब वह जडेजा के काफी करीब थे। जडेजा चाहते तो उन्हें गले लगाकर ढाढ़स बंधा सकते थे। लेकिन उन्होंने यह भी नहीं किया। बहरहाल टीम इंडिया की उम्मीदें टूट चुकी थीं। वैसे जडेजा पांड्या को इस तरह से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए देखकर अपने विकेट की कुर्बानी दे सकते थे और पांड्या को रन आउट होने से बचा सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। [भारत बनाम पाकिस्तान, चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, लाइव स्कोरकार्ड जानने के लिए क्लिक करें…]
क्रिकेट इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि एक टेस्ट मैच में ऐसी ही परिस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर भी फंसे थे। जब डेमियन मार्टिन ने देखा कि उनके कप्तान स्टीव वॉ आउट हो जाएंगे तो उन्होंने अपनी क्रीज छोड़ दी और खुद रन आउट हो गए। पांड्या ने टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 43 गेंदों में 76 रन बनाए। पांड्या के आउट होने के थोड़ी देर बाद जडेजा भी आउट हो गए और 339 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया 180 रनों से मैच हार गई।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.