Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - November 13, 2016 10:28 AM IST
विराट कोहली अब टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान हैं। बतौर टेस्ट कप्तान उन्होंने अपनी टीम को अमूमन हर श्रृंखला में जीत दिलाई है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि विराट एक अच्छे कप्तान हैं। लेकिन कप्तानी का प्रभार संभालने के बाद जिस तरह से उन्होंने कुछ चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। वे किसी के गले नहीं उतर रहे हैं। विराट कोहली की कप्तानी में जब भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज का दौरा किया तो एक बहुत अलग चीज देखने को मिली कि विराट धोनी से इतर पांच गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरे। इस बात को लेकर खूब चर्चाएं हुईं। कोहली ने इस संबंध में सफाई देते हुए कहा था, “मैं हमेशा पांच गेंदबाजों के साथ खेलने के पक्ष में रहा हूं क्योंकि अगर हम ज्यादा बल्लेबाजों के साथ खेलें तो हम टेस्ट में 700 रन बना सकते हैं लेकिन उससे फिर भी मदद नहीं मिलती। आपको टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेने होते हैं।”
साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि विकेट कीपर के अलावा उनके टॉप पांच बल्लेबाजों को जिम्मेदारी उठानी होगी और एक बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा ताकि वे उन्हें दो बार आउट कर सकें। उन्होंने आगे कहा था, “अगर हमें बड़ा स्कोर खड़ा करने की जरूरत हो तो भी हमें इतने रन बनाने होंगे कि हमें दूसरी बार बैटिंग करने की जरूरत न पड़े। कोहली ने कहा था कि पिछले दो सीजन से उनकी यही सोच रही है और वह उसी सोच के साथ सीरीज की शुरूआत करना चाहते हैं कि उनकी गेंदबाजी 20 विकेट लेने के हिसाब से पर्याप्त रूप से मजबूत हो। भारत बनाम इंग्लैंड, पहला टेस्ट, लाइव स्कोरकार्ड जानने के लिए क्लिक करें…
लेकिन पांच गेंदबाजों की रणनीति वेस्टइंडीज सीरीज के बाद गायब हो गई। अब इसमें संशय है कि यह वास्तव में किसी वैध्य कारण के चलते गायब हुई या बात कोई और थी। चलिए इस पर भी गौर फरमा लेते हैं। बात सीधी सी है। न्यूजीलैंड सीरीज में आउट ऑफ फॉर्म रोहित शर्मा को विराट कोहली टीम में जगह देना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने स्पिन फ्रेंडली पिच होने के बावजूद चार गेंदबाजों(जिसमें दो स्पिनर थे) के साथ खेलना मुनासिब समझा। वो बात और है कि अश्विन और जडेजा ने पांचवें गेंदबाज की कमी महसूस नहीं होने दी।
रोहित शर्मा ने इन मौकों का फायदा उठाया और ठीक ठाक फॉर्म दिखाकर टीम में बरकरार रहे। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान रोहित शर्मा चोटिल हो गए और फलस्वरूप इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच में रोहित शर्मा की गैर- मौजूदगी में कोहली एक बार फिर से 5 गेंदबाजों के साथ उतरे। जाहिर है कि विराट कोहली रोहित शर्मा को टीम में खिलाने के लिए हद से गुजर रहे हैं। खैर जब तक टीम जीत रही है तब तक तो ठीक है लेकिन अगर टीम हार गई तो विराट की इस खोखली रणनीति पर सवाल तल्ख हो जाएंगे।
ये पहली बार नहीं है जब विराट ने रोहित को खिलाने के लिए हदें पार की हों। बल्कि वेस्टइंडीज सीरीज के चौथे टेस्ट में रोहित शर्मा को खिलाने के लिए तो कोहली ने चेतेश्वर पुजारा जैसे बड़े खिलाड़ी को अंतिम एकादश से बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद उनकी फॉर्म को लेकर सवाल तल्ख हो गए थे। लेकिन पुजारा ने दिलीप ट्रॉफी में अपनी फॉर्म का सबूत पेश किया और टीम में वापसी की। जाहिर है कि विराट कोहली को अपनी बात पर टिके रहना चाहिए। इस तरह से किसी एक खिलाड़ी के कारण टीम कॉम्बिनेशन बदलना कतई सही नहीं है। ये हर कोई जानता है कि क्रिकेट में हर समय एक जैसा नहीं होता। अगर वह कभी खराब फॉर्म के दौर से गुजरे तो यही बातें उपर भारी पड़ सकती हैं।
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