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71 साल, 11 टेस्ट सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में मिली सिर्फ 5 जीत

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 1947 के बाद से कुल 11 सीरीज खेले हैं जिसमें सिर्फ 5 मैच जीते हैं।

user-circle cricketcountry.com Written by Viplove Kumar
Last Published on - November 28, 2018 11:28 AM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज का रिकॉर्ड काफी डरावना रहा है। भारत ने यहां 1947 के बाद से कुल 11 सीरीज खेले हैं जिसमें सिर्फ 5 मैच जीते हैं।

1977 में भारत को मिली दो मैच में जीत

साल 1947 और 1967 में दो लगातार सीरीज में 0-4 से हारने वाली टीम को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल हुई। बिशन सिंह बेदी की कप्तानी वाली टीम की शुरुआत बेहद खराब हुई थी। लगातार दो टेस्ट हारकर सीरीज हारने की कगार पर पहुंचे भारत ने मेलबर्न में जोरदार वापसी की।

222 रन की बड़ी जीत

भारत ने पहली पारी में महज 256 रन का स्कोर खड़ा किया। पारी में सुनील गावस्कर और चेतन चौहान खाता भी नहीं खोल पाए थे। भागवत चंद्रशेखर ने करिश्माई गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 6 विकेट झटक कंगारू टीम को 213 रन पर समेट दिया। दूसरी पारी में गावस्कर ने शानदार 118 रन की पारी खेल भारत को 343 तक पहुंचने में मदद की। ऑस्ट्रेलिया के सामने 387 का लक्ष्य था। चंद्रशेखर ने दूसरी पारी में भी 6 विकेट झटके, कप्तान बेदी ने चार विकेट हासिल कर ऑस्ट्रेलिया को 164 रन पर ऑलआउट कर मैच 222 रन से जीत इतिहास रच दिया।

पारी और 2 रन से मिली जीत

सीरीज के चौथे मैच में तो भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर पारी और 2 रन की बड़ी जीत हासिल कर सीरीज में बराबरी कर ली। ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 131 पर समेटने के बाद भारत ने 396 रन पर पारी घोषित की। दूसरी पारी में कंगारू टीम 263 रन पर ढेर हो गई और भारत ने पारी से जीत दर्ज की। इस मैच में कप्तान बेदी ने 5, चंद्रशेखर ने 6 और ईरापल्ली प्रसन्ना ने 5 विकेट हासिल किए थे। हालांकि सीरीज का आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया ने 47 रन से जीत सीरीज 3-2 से अपने नाम की थी।

59 रन से मेलबर्न में जीता भारत

साल 1981 में भारतीय टीम सुनील गावस्कर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया खेलने पहुंची थी। तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया ने पारी और 4 रन से जीता था। दूसरा मैच भारत ने ड्रॉ कराया और तीसरे मैच में 59 रन से जीत दर्ज कर पहली बार सीरीज में 1-1 की बराबरी कर वापस लौटे।

एडिलेड में 4 विकेट की शानदार जीत

सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2003 में सीरीज में बढ़त बनाई थी। ब्रिसबेन का पहला मैच ड्रॉ होने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर 4 विकेट से जीत दर्ज की थी। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 556 रन के जवाब में राहुल द्रविड के 233 और वीवीएस लक्ष्मण के 148 रन बदौलत भारत ने 523 रन बनाए।

दूसरी पारी में अजीत अगरकर ने यादगार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट झटके और कंगारू टीम को 196 रन पर समेट दिया। भारत के सामने 230 रन का लक्ष्य था। सहवाग के 47 और राहुल द्रविड के 72 रन की बदौलत भारत ने 6 विकेट खोकर जीत दर्ज की।

पर्थ में 72 रन की जीत

भारतीय टीम 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अनिल कुंबले की कप्तानी में पर्थ में यादगार जीत मिली थी। भारत ने पहली पारी में 330 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर ऑलआउट करने में कामयाबी हासिल की। भारत ने दूसरी पारी में 294 रन बनाए और कंगारू टीम को 413 रन का लक्ष्य दिया। 340 रन पर ऑस्ट्रेलिया को ऑलआउट कर भारत ने 72 रन से मैच अपने नाम किया।

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इरफान पठान ने इस मैच में पहली पारी में 28 और दूसरी में 46 रन बनाए। इस मैच में उन्होंने 5 विकेट भी चटकाए थे जिसकी वजह से उनको प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।