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नाइक ने कई खिलाड़ियों की किटों से हटाई अपनी स्पॉन्सरशिप

साल 2014-15 में नाइक का घाटा 500 करोड़ रुपए के आस- पास रहा था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो पिछले दो सालों से मेरठ के बैट बनाने वाले मैनुफेक्चरर को नाइक से कोई ऑर्डर नहीं आया है।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - November 6, 2016 9:29 AM IST

© AFP
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वर्तमान में टीम इंडिया में जितने भी बल्लेबाज खेल रहे हैं उनमें से अधिकतर बैट में बिना स्टीकर लगाए ही मैदान पर उतर रहे हैं। इसका कारण यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी स्पोर्टवियर कंपनी नाइक ने अपनी स्पॉन्सरशिप उनसे हटा ली है। यह पता चला है कि ओरेगन आधारित स्पोर्ट फर्म ने भारतीय क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे, अक्षर पटेल और उमेश यादव के साथ अपने अनुबंध को रिन्यू नहीं किया है। यही कारण रहा कि ये बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में अपने बिना स्टीकर लगे बैट से बल्लेबाजी करते नजर आए। केदार जाधव जो नाइक से जुड़े हुए हैं उनके बैट पर बैट बनाने वाले का लेबल लगा हुआ था। भारत में क्रिकेटरों के बैट की स्पॉन्सरशिप करना भी एक महंगा सौदा होता है। कंपनियां टॉप खिलाड़ियों के बल्ले पर अपना लोगो लगाने के लिए 7 से 10 करोड़ हर साल अदा करती हैं। नाइक इंडिया पिछले कुछ सालों से घाटे से गुजर रहा है। वीडियो: विराट कोहली ने कुछ इस अंदाज में सेलिब्रेट किया बर्थडे

साल 2014-15 में नाइक का घाटा 500 करोड़ रुपए के आस- पास रहा था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो पिछले दो सालों से मेरठ के बैट बनाने वाले मैनुफेक्चरर को नाइक से कोई ऑर्डर नहीं आया है। लेकिन इसके बावजूद नाइक अभी भी क्रिकेट में सबसे ज्यादा खर्च करने वाली कंपनी बनी हुई है। वह भारतीय क्रिकेट टीम की ऑफिसियल किट को स्पॉन्सर करने के लिए बीसीसीआई को हर साल 60 करोड़ अदा करती है। नाइक ने अपना घाटा कम करने के लिए देश में करीब अपने 30 प्रतिशत स्टोर बंद कर दिए हैं।

लेकिन आप शायद ही जानते हों कि भारतीय टीम के टॉस क्रिकेटर अपने बैट में स्टीकर लगवाने का कितना पैसा लेते हैं। तो यहां जान लीजिए।

1. विराट कोहली: भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी टी20 विश्व कप 2016 के पहले प्रसिद्ध टायर कंपनी, एमआरएफ के साथ डील साइन की थी। यह डील पूरे 8 करोड़ रुपए में हुई थी। विराट कोहली अब एमआरएफ के स्टीकर को अपने बल्ले में जगह देते हैं। एमआरएफ इसके पहले एमआरएफ क्रिकेट किवदंती सचिन तेंदुलकर के साथ कई सालों तक जुड़ा रहा। वर्तमान में विराट कोहली 13 ब्रांडों को इनडोर्स कर रहे हैं। वह अन्य कपड़ों और जूतों के इंडोर्समेंट के लिए 2 करोड़ अलग से लेते हैं। [ये भी पढ़ें:]

2. एम एस धोनी: ब्रांड इंडोर्समेंट से कमाई की बात करें तो इस मामले में कप्तान एम एस धोनी, विराट कोहली के बाद दूसरे नंबर पर नजर आते हैं। धोनी ने स्पोर्ट कंपनी स्पार्टन के साथ डील साइन की है। धोनी को अपने बैट में स्पार्टन का स्टीकर लगाने के लिए 6 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसके पहले धोनी स्पोर्टिंग कपंनी री बॉक के साथ जुड़े रहे थे जिसका स्टीकर उन्होंने कई सालों तक इस्तेमाल किया। [ये भी पढ़ें: ]

3. युवराज सिंह: इसी साल की शुरुआत में टीम इंडिया में वापसी करने वाले युवराज सिंह आजकल अपने बल्ले में Puma ब्रांड का स्टीकर लगाते हैं और इसके लिए उन्हें 4 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसके अलावा वह Puma के जूते रिस्टबैंड का भी इस्तेमाल करते हैं। आईपीएल में युवी सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए Puma के जूते पहने हुए देखे गए थे।

4. रोहित शर्मा: भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाज रोहित शर्मा ने नवंबर 2015 में CEAT कंपनी के साथ डील साइन की थी। रोहित अपने बैट पर CEAT का स्टीकर लगाने के लिए 3 करोड़ रुपए लेते हैं।

5. शिखर धवन: भारतीय टीम के शिखर धवन ने एमआरएफ कंपनी के साथ डील की है। अपने बैट में स्टीकर लगाने के लिए वह 3 करोड़ रुपए लेते हैं। धवन के अलावा एमआरएफ का स्टीकर विराट कोहली और गौतम गंभीर भी लगाते हैं।

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6. सुरेश रैना: बाएं हाथ के खब्बू बल्लेबाज सुरेश रैना ने अक्टूबर 2015 में CEAT कंपनी के साथ 3 साल की डील की थी। रैना अपने बैट पर CEAT का स्टीकर लगाने के लिए 2.5 करोड़ लेते हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान एमएस धोनी वर्तमान में दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटर हैं। साल 2016 में फोर्ब्स में जारी की गई जानकारी के मुताबिक एमएस धोनी करीब 27 मिलियन यूएएस डॉलर की कमाई इंडोर्समेंट व ऐड के तहत करे हैं। वहीं बाकी 4 मिलियन डॉलर की कमाई वह मैच फी व पुरस्कारों के माध्यम से करते हैं।