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आज के ही दिन डॉन ब्रेडमेन ने खेली थी अंतिम पारी, सचिन तेंदुलकर ने बनाया था पहला शतक
दोनों लीजेंड के करियर में 14 अगस्त की मुख्य जगह है।
Written by Devbrat Bajpai
Published: Aug 14, 2017, 12:10 PM (IST)
Edited: Aug 14, 2017, 12:10 PM (IST)

14 अगस्त 1948, तारीख को याद कर लीजिए, इसी दिन क्रिकेट के महानायक डॉन ब्रैडमेन ने अपना आखिरी मैच खेला था। यह मैच ओवल में खेला गया था। एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया पहले से ही 3-0 से आगे थी। ऐसे में ब्रैडमेन की टीम एक और जीत हासिल करने के लिए तैयार थी। ताकि वे अपने कप्तान को एक बेहतरीन तोहफा जीत के रूप में उनके अंतिम टेस्ट में भेंट कर पाएं। मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन 52 रनों पर पूरी टीम ऑलआउट हो गई। मैच के पहले ही दिन 6 बजने के पहले ही डॉन ब्रैडमेन मैदान पर पहुंचे। पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। इंग्लिश टीम ने महान बल्लेबाज के लिए सम्मान व्यक्त करने के लिए अपनी टोपियां उतारीं।
इसी बीच ब्रैडमेन ने स्पिनर एरिक हॉलीज की गेंद को रक्षात्मक अंदाज में खेला। अगली गेंद जो गुगली थी उसे ब्रेडमैन समझ नहीं पाए और बोल्ड हो गए। यह बहुत की निराशाजनक पल था, खुद ब्रेडमैन के लिए और उनके चाहने वालों के लिए भी। क्योंकि इस मैच में बैटिंग करने के लिए उतरने से पहले ब्रेडमैन का बल्लेबाजी औसत 101.39 का था। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में अपना 100 का औसत बरकरार रखने के लिए सिर्फ चार रनों की और दरकार थी। लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था और ब्रैडमेन बोल्ड हो गए। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट को आसानी से जीत लिया। लेकिन ब्रैडमेन का करियर 99.94 की औसत के साथ 6,996 रनों के साथ रुक गया।
RARE: Watch Sir Don Bradman’s last test inngs
Today in 1948
Cc @mohanstatsman @cricketwallah @bbctms @alanwilkins22 pic.twitter.com/pS1UDUXqpy— Cricketopia (@CricketopiaCom) August 14, 2016
आधी सदी के बाद जब ब्रैडमेन अपना 90वां जन्मदिन मना रहे थे तब ब्रैडमेन ने भारत के सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलियाई लीजेंड शेन वॉर्न को बुलाया। तब ब्रैडमेन ने कहा था कि वह अपनी झलक सचिन तेंदुलकर में देखते हैं। ब्रैडमेन से तुलना से ज्यादा किसी क्रिकेटर के जीवन में कोई बड़ी बात नहीं हो सकती। जाहिर है कि सचिन तेंदुलकर उस समय फूल के कुप्पा हो गए होंगे। तेंदुलकर बिना किसी दो राय के अपनी जेनरेशन के बेहतरीन बल्लेबाज रहे लेकिन ब्रैडमेन की तरह सचिन तेंदुलकर के लिए भी 14 अगस्त का दिन खास मायने रखता है।
डॉन ब्रैडमेन के संन्यास लेने के 42 साल बाद उसी देश में सचिन तेंदुलकर ने एक बड़े क्रिकेटर बनने की हुंकार भरी। यह उनका टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक था जिसकी मदद से टीम इंडिया टेस्ट मैच बचाने में कामयाब रही थी। अगले 23 सालों में सचिन तेंदुलकर ने 99 और अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए। जैसा कि ब्रैडमेन 99.94 के औसत के साथ रुक गए। ऐसा ही एक समय लगा कि सचिन तेंदुलकर भी 99 शतकों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह जाएंगे। लेकिन साल 2012 में वह बड़ा पल आया और उन्होंने 100वां शतक लगा दिया।
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वैसे सचिन तेंदुलकर और डॉन ब्रैडमेन दोनों के दिलों में 14 अगस्त की बड़ी जगह है।