On This Day: जब 1983 विश्व कप में कपिल देव ने खेली थी 175 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी
पूर्व भारतीय कप्तान ने 18 जून 1983 को जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में 175 रनों की मैचविनिंग पारी खेली।
Written by Gunjan Tripathi Last Published on - June 18, 2020 11:37 AM IST
कपिल देव (Getty images)
विश्व कप 1983 फाइनल मैच के बारे में जब भारतीय फैंस याद करते हैं तो उन्हें कप्तान कपिल देव का स्क्वायर लेग पर पीछे की तरफ भागते हुए लिया हुआ विवियन रिचर्ड्स का वो शानदार कैच याद आता है जो कि भारत को पहला विश्व कप जिताने में बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ था। लेकिन कपिल देव ने इस जीत की नींव 18 जून 1983 को ही रख दी थी, जब उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में शतकीय पारी खेलकर भारत को एलिमिनेशन से बचाया।
कहीं रिकॉर्ड नहीं हो सकी है ये पारी
नेविल ग्राउंड में खेले गए इस मैच कपिल देव ने भारतीय वनडे क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक पारी खेली। हालांकि दुख की बात ये है कि आप इस पारी को कहीं पर देख नहीं सकेंगे। चूंकि उस मैच के दिन बीबीसी स्ट्राइक पर था, इस वजह से ये पारी किसी वीडियो कैमरे में कैद नहीं की जा सकी और ये शायद क्रिकेट फैंस के लिए बेहद निराशाजनक है। लेकिन वर्चुअल रिकॉर्ड में दर्ज ना होने की वजह से ना इस पारी की महानता कम होती है ना ही इसका जादू।
17 रन पर ही गिर गए थे 5 विकेट
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने मात्र 17 रन पर अपने पांच विकेट खो दिए। सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत जैसे सलामी बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए, जबकि मोहिंदर अमरनाथ, संदीप पाटिल और यशपाल शर्मा दहाई के आंकड़े को ना छू सके।
छठें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान कपिल देव के सामने टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। क्योंकि अगर भारत इस मैच में हार जाता तो सेमीफाइनल तक का रास्ता लगभग असंभव था।
कपिल देव ने कप्तानी पारी खेलते हुए 138 गेंदों पर 16 चौके और 6 छक्कों की मदद से 175 रन बनाए। हालांकि इस पारी का रोमांच इन आंकड़ों में नहीं समेटा जा सकता। पारी के दौरान कई बार कपिल देव ने हवा में शॉट लगाए, जिसकी वजह से कुछ देर के लिए फैंस की सांसे रुक गई लेकिन आखिर में गेंद फील्डर्स से दूर गिरी। जब कपिल देव 90 के स्कोर से आगे बल्लेबाजी कर रहे थे तो ग्रांट पैटरसन ने बाउंड्री पर उनका कैच छोड़ा।
कपिल देव की इस पारी की मदद से टीम इंडिया ने शीर्ष क्रम के बिखरने के बावजूद 60 ओवरों में 266 रनों की स्कोर बनाया। मदन लाल और रोजन बिन्नी की गेंदबाजी की मदद से भारत ने 31 रनों से मैच जीता। साथ ही इस पारी ने भारतीय वनडे क्रिकेट की नींव रखी।
TRENDING NOW
जिम्बाब्वे के बाद अगले मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और हराया और फिर सेमीफाइनल में जगह पक्की की। सेमीफाइनल और फिर फाइनल में जीत हासिल तक टीम इंडिया ने कपिल देव की कप्तानी में पहला वनडे विश्व कप जीता।
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